महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हमारी पहचान आर्टिकल- 370 को गैर-कानूनी तरीके से हमसे छीन लिया गया और अब हमारी जमीन भी छीनी जा रही है।
पीडीपी की ओर से हाल में आरोप लगाए गए कि नेशनल कॉन्फ्रेंस इस माह की शुरुआत में विधानसभा में पारित प्रस्ताव को लेकर गंभीर नहीं है। इस पर उमर अब्दुल्ला के सलाहकार वानी ने जवाब दिया है।
महबूबा मुफ्ती ने कहा, ये चुनाव जम्मू-कश्मीर की पहचान और सम्मान की रक्षा के लिए थे। हमारे विधायकों ने अनुच्छेद 370 और 35ए को एकतरफा तरीके से हटाए जाने पर लोगों की गहरी चिंताओं को उठाया है।
दिल्ली के एक प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखने वाले न्यायमूर्ति खन्ना दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति देव राज खन्ना के बेटे और शीर्ष न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एच आर खन्ना के भतीजे हैं। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को 18 जनवरी 2019 को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था।
अमित शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि संविधान कोई चुनावी एजेंडा नहीं है। उन्होंने कहा कि संविधान का मतलब विश्वास है लेकिन ये लोग (कांग्रेस) संविधान के नाम पर वोट मांग रहे हैं और आम लोगों को झांसा दे रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में फिर अनुच्छेद 370 के नाम पर भारतीय जनता पार्टी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायकों में एक बार फिर भिड़ंत हो गई। बता दें कि सदन में इसी मुद्दे पर गुरुवार को भी काफी बवाल हुआ था।
जम्मू-कश्मीर के विधानसभा में आज जो हुआ वो कई सवाल खड़े करती है...ऐसा इसलिए भी क्योंकि पहली बार जम्मू-कश्मीर में किसी मुख्यमंत्री ने संविधान की शपथ ली। इससे पहले जम्मू-कश्मीर में भारत के संविधान की शपथ की परंपरा नहीं थी.
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में आज सत्ता पक्ष और विपक्षी बीजेपी के विधायकों ने एक-दूसरे का कॉलर पकड़ा और धक्कामुक्की की। विधायकों को मार्शल के जरिए बाहर निकाला गया। हैरानी की बात ये है कि सदन में जब हंगामा हो रहा था तो सीएम उमर अब्दुल्ला वहां मौजूद थे और पूरे शोर-शराबे को अपनी सीट पर बैठकर देख रहे थे।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सदन की कार्यकवाही के दौरान विधायकों के बीच मारपीट शुरू हो गई। यह बवाल आर्टिकल 370 की वापसी के प्रस्ताव पर हुआ।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में धारा 370 को लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ है। इस दौरान पीडीपी सदस्य वहीद पारा ने 370 को निरस्त करने के संदर्भ में प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
जम्मू और कश्मीर में चुनाव के बाद नई सरकार का गठन हो चुका है और उमर अब्दुल्ला ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है। उमर अब्दुल्ला के शपथ लेते हुए 370 के मुद्दे पर एक बार फिर से चर्चा शुरू हो गई है।
इंडिया टीवी के लोकप्रिय शो 'आप की अदालत' में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने जम्मू कश्मीर, वहां से मुसलमान और अनुच्छेद 370 के ऊपर खुलकर जवाब दिए।
जम्मू-कश्मीर विधान सभा चुनाव के दौरान कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के मामले ने काफी तूल पकड़ा लिया है। अगस्त 2019 में किए गए मोदी सरकार के इस फैसले से इस्लामिक देशों में खलबली मची है। मगर वह ज्यादा कुछ कर नहीं पा रहे हैं।
आज जम्मू कश्मीर के इलेक्शन में पाकिस्तान की एंट्री भी हो गई....पाकिस्तान के डिफेंस मिनिस्टर ख्वाजा आसिफ ने कहा कि जम्मू कश्मीर को लेकर जो कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस का एजेंडा है....वही पाकिस्तान का भी एजेंडा है....जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर कांग्रेस...नेशनल कॉन्फ्रेंस और पाकिस्तान same page पर है..
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक पाकिस्तानी समाचार चैनल से बातचीत में कहा कि उनका देश कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के विचारों से सहमत है कि अनुच्छेद 370 को बहाल किया जाना चाहिए। इस पर दिग्विजिय सिंह कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि आर्टिकल 370 पर पाकिस्तान कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के समर्थन में हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर में आर्टिकल 370 की वापसी हो सकती है।
पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस सत्ता में आ जाएं तो कश्मीर में 370 की वापसी हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि 370 पर पाकिस्तान का रुख कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के साथ है।
जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं जिसे लेकर वहां के लोग काफी उत्साहित हैं। 35 साल बाद घाटी में शांति और सुकून का माहौल दिख रहा है।
Jammu Kashmir Election में इस बार छोटी पार्टियां सियासी समीकरण में बदलाव कर सकती हैं। Article 370 हटने के 10 साल हो चुके हैं। और इन सालों में सियासी समीकरणों में बड़े बदलाव आए हैं। कई छोटे राजनीतिक दलों का गठन हो चुका है।
Jammu Kashmir Election 2024 | Article 370 या विकास ये वो दो मुद्दे हैं जो इस बार होने वाले जम्मू कश्मीर चुनाव में छाए हैं। चलिए देखते हैं किन मुद्दों के आधार पर इस बार होने वाला है यहां मतदान, 10 साल में हुआ कितना बदलाव।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़