सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और यासीन मलिक के नेतृत्व वाले अलगाववादियों के संगठन ज्वांइट रेसिस्टेंस लीडरशीप (जेआरएल) ने अनुच्छेद पर लोगों के समर्थन के लिए दो दिवसीय बंद का आह्वान किया है।
शीर्ष अदालत ने पिछले साल अगस्त में अनुच्छेद 35 ए को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई इस साल जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी थी।
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने शहरी स्थानीय निकाय चुनाव एक से पांच अक्टूबर के बीच कराने और आठ नवंबर से चार दिसंबर तक पंचायत चुनाव कराने की घोषणा की है।
अगर केंद्र अनुच्छेद 35 ए और अनुच्छेद 370 पर अपना रुख स्पष्ट नहीं करेगा तो हम न केवल पंचायत चुनावों का बहिष्कार करेंगे, बल्कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भी हिस्सा नहीं लेंगे।
प्रतिबंध वाले क्षेत्रों व घाटी के अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में बड़ी संख्या में पुलिस व अर्धसैनिक बल तैनात किए गए हैं। संविधान का अनुच्छेद 35ए जम्मू एवं कश्मीर को राज्यों के स्थायी निवासियों और उनके विशेष अधिकारों को परिभाषित करने की शक्ति प्रदान करता
सुप्रीम कोर्ट में जम्मू एवं कश्मीर के निवासियों को विशेष अधिकार देने वाले भारतीय संविधान के अनुच्छेद 35ए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई जनवरी, 2019 के दूसरे हफ्ते तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
अनुच्छेद 35 ए की वैधता को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने के खिलाफ अलगावादियों के संपूर्ण बंद आहूत करने के कारण कश्मीर में आज जनजीवन प्रभावित हुआ। अनुच्छेद 35 ए के तहत जम्मू कश्मीर से बाहर के लोग राज्य में अचल संपत्ति नहीं खरीद सकते हैं।
अनुच्छेद 35ए के समर्थन में अलगाववादियों द्वारा विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए गुरुवार को जम्मू एवं कश्मीर के श्रीनगर में प्रतिबंध लगा दिया गया है।
पत्र में कहा गया है कि राज्य सरकार आगामी पंचायत और शहरी स्थानीय निकाय तथा निगम चुनावों की तैयारी को देखते हुए ‘‘31 अगस्त को मामले की सुनवाई स्थगित करने की मांग करेगी।’’
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 35A को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में 3 जजों की पीठ इस नई याचिका पर सुनवाई करेगी।
श्रीनगर लोकसभा से सदस्य अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि अनुच्छेद 35ए को कोई छू नहीं सकता।
जम्मू कश्मीर के अनुच्छेद 35ए पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में सुनवाई 27 अगस्त को होगी। अनुच्छेद 35ए राज्य को विशेष शक्तियां देता है जिसकी वैधता को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई है।
जम्मू-कश्मीर सरकार की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील राजीव धवन और शोएब आलम ने साफ किया कि शीर्ष न्यायालय के समक्ष लंबित अन्य मामले संविधान के अनुच्छेद 370 से नहीं बल्कि अनुच्छेद 35- ए से जुड़े हैं।
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