अगर आपको अधिकतर ही जोड़ों या फिर रीढ़ की हड्डी के दर्द की समस्या का सामना करना पड़ता हैं तो आप इस पीड़ांतक तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
गठिया की समस्या से निजात पाने के लिए जरूरी है कि आप अपने खानपान का विशेष ध्यान रखें। जानिए अर्थराइटिस के मरीज क्या खाएं और क्या नहीं?
अर्थराइटिस की वजह से जोड़ों यानी कि ज्वाइंट्स में बेजोड़ दर्द होता है। ये दर्द इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि चलना-फिरना भी मुश्किल हो जाता है।
अर्थराइटिस को हिंदी में गठिया या फिर गाउट भी कहा जाता है। जानिए अर्थराइटिस के पेशेंट को किन चीजों का सेवन करने से परहेज करना चाहिए।
हड्डियों को मजबूत करने के लिए क्या खाना चाहिए, किन चीजों से परहेज करना चाहिए और गठिया के दर्द में कैसे आराम मिलेगा, ये सब जानिए।
इसके लक्षण 35 की उम्र में ही दिखने लगते हैं, लेकिन लोग इसे 50 की उम्र के बाद ही गंभीरता से लेते हैं। बढ़ा हुआ वजन, मिनरल, विटामिन की कमी, हार्मोन.. ये सारी वजहें अर्थराइटिस की हैं।
एक ऐसा घरेलू नुस्खा बताएंगे जो ना केवल आपके पैर और हाथ के जोड़ों के दर्द की समस्या में राहत पहुंचाएगा। इसके अलावा गठिया के दर्द और कमर के दर्द में भी राहत पहुंचाएगा। खास बात है कि इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होगा।
गठिया या अर्थराइटिस की समस्या में जोड़ों में तेज दर्द, शरीर के ज्वाइंट्स यानी जहां-जहां आपकी हडि्डयां एक-दूसरे से जुड़ती हैं, उनमें दर्द होता है।
मुलेठी एक ऐसा औषधीय घरेलू नुस्खा है, जिसका इस्तेमाल कई बीमारियों से बचने के लिए किया जा सकता है।
गठिया की समस्या होने पर उठने बैठने में परेशानी होने लगती हैं। ऐसे में आपको खानपान का खास ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि कुछ चीजें ऐसी हैं जिन्हें खाने से जोड़ों में दर्द की समस्या और बढ़ जाती है।
खराब लाइफस्टाइल, बढ़ती हुई उम्र के कारण अर्थराइटिस की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। जानिए कैसे नैचुरल तरीके से पाएं इस समस्या से निजात।
खराब लाइफस्टाइल, जींस और मिनरल्स-कैल्शियम की कमी की वजह हड्डियों संबंधी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
स्वामी रामदेव ने अर्थराइटिस में आराम दिलाने वाले कुछ आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे बताए हैं। इन उपायों को अपनाकर आपको गठिया के दर्द में जल्द आराम मिल जाएगा।
सिर्फ सर्दियों में ही जोड़ों का दर्द परेशान नहीं करता बल्कि गर्मियों में भी ज्वाइंट्स पेन, कमर और हड्डियों के दर्द बढ़ जाते हैं। जानिए योग गुरु स्वामी रामदेव से अर्थराइटिस में असरदार योगासन और उससे जुड़ी अन्य बातें।
गठिया रोग में मरीज के जोड़ों में सूजन हो जाती है जिससे जेड़ों में काफी तेज दर्द होता है। ऐसे में उन्हें चलने-फिरने में काफी परेशानी होती है।
अर्थराइटिस के मरीज को अपने खानपान का भी विशेष ध्यान रखने की जरुरत होती हैं। ऐसे में आप चाहे तो अपनी डाइट में अलसी के लड्डू को शामिल कर सकते हैं।
भारत में अर्थराइटिस के मरीज़ों की तादात तेज़ी से बढ़ी है। देश में 18 करोड़ लोगों को गठिया है और सिर्फ बड़ों में नहीं बच्चों में भी ये बीमारी तेज़ी से फैल रही है और इसमें दी जाने वाली दवाईयां लिवर और किडनी पर बुरा असर डालती हैं।
स्वामी रामदेव के अनुसार वात की समस्या का सामना अधिकतर लोगों को करना पड़ता है। इसलिए रोजाना योग, प्राणायाम के अलावा इन आयुर्वेदिक लेप को भी लगा सकते हैं। इनसे आपको जोड़ों के दर्द से इंस्टेंट लाभ मिलेगा
महिलाओं की संख्या पुरुषों के मुकाबले कई ज्यादा है। जहां 5 में से 1 पुरुष के घुटने खराब हैं तो वहीं हर चौथी महिला अर्थराइटिस की मरीज है। स्वामी रामदेव से जानिए कैसे इस समस्या से मिल सकता है छुटकारा।
अर्थराइटिस 100 से भी ज्यादा तरह के होते हैं। ये खून में यूरिक एसिड का लेवल बढ़ने की वजह से होते हैं। ऐसे में हम कुछ देर के लिए बैठते हैं या फिर सो जाते हैं तो यही यूरिक एसिड ज्वॉइंट्स में इकट्ठा हो जाता है। और फिर अचानक चलने या फिर उठने में तकलीफ देने लगता है।
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