Pak PM in trouble: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के खिलाफ मुश्किलों का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। पाकिस्तान में नए सेना प्रमुख की नियुक्ति के ऐलान से पहले ही वह निज नए-नए संकट में घिरते जा रहे हैं। ऐसे में अब नए सेना प्रमुख की नियुक्ति कर पाने को लेकर भी आशंका के बादल मंडराने लगे हैं।
China-Pakistan-Army Chief: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ ही साथ क्या चीन भी पाक में तख्तापलट करवाना चाहता है, क्या चीन भी इसके लिए कोई साजिश रच रहा है, क्या चीन के मौजूदा प्रधानमंत्री के मुकाबले पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के रिश्ते ज्यादा मधुर थे ?
Pakistan News: पड़ोसी देश पाकिस्तान में इन दिनों नए सेना प्रमुख की नियुक्ति को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। मौजूदा सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा का कार्यकाल इस साल नवंबर में खत्म हो रहा है।
Army chief appointment in Pak:पाकिस्तान में नये सेना प्रमुख की नियुक्ति की तैयारियों के बीच तख्तापलट होने की आशंकाएं बढ़ गई हैं। हालांकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने नवंबर तक नये सेना प्रमुख की नियुक्ति करने का ऐलान कर दिया है, लेकिन इमरान खान मौजूदा सेना प्रमुख को भड़काकर तख्तापलट कराने के फिराक में हैं।
Indo-Nepal Relationship: भारत और नेपाल के बीच वैसे तो रोटी-बेटी का नाता कहा जाता है, लेकिन पिछले दो-तीन वर्षों के दौरान चीन दोनों देशों के बीच विलेन का काम कर रहा है। चीन ने नेपाल को भारत के खिलाफ भड़काने में जरा भी कसर नहीं छोड़ी। अभी पिछले दिनों भी चीनी प्रतिनिधि ने नेपाल का दौरा किया था।
Agnipath Scheme Protest : जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी तीनों सेना प्रमुखों से अलग-अलग मुलाकात करेंगे। इस योजना का ऐलान सरकार की ओर से 14 जून को किया गया था जिसके बाद से देश के विभिन्न हिस्सों में इसका विरोध शुरू हो गया।
Rajnath Meeting on Agneepath: आज रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने अहम बैठक बुलाई है, जिसमें सेना के तीनों अंगों के प्रमुख हिस्सा लेंगे। सरकार इस मीटिंग में अग्निपथ योजना पर बात करेगी। साथ ही युवाओं को समझाने के प्रयासों पर भी चर्चा हो सकती है।
सेना प्रमुख ने कहा कि हमें विश्वास है बातचीत के जरिए हम चल रहे मुद्दों का समाधान खोज लेंगे, लेकिन LAC पर गलत हरकत बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि हमने पिछले दो साल में चीन से लगी सरहद पर अपनी तैनाती को काफी मजबूत बनाया है।
जनरल मनोज पांडे ने शनिवार को जनरल एमएम नरवणे के सेवानिवृत्त होने के बाद 29वें थलेसना प्रमुख के तौर पर पदभार संभाल लिया।
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे पहले इंजीनियर होंगे, जो भारतीय सेना की कमान संभालेंगे। वह जनरल एम.एम. नरवणे की जगह लेंगे जो इस महीने के अंत तक सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
आर्मी चीफ ने देश की संप्रभुता और अखंडता सुरक्षित रखने में बल की मदद के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर भी जोर दिया।
आर्मी चीफ नरवणे ने कहा कि पाकिस्तान से नियंत्रण रेखा (LoC) पर खतरा किसी भी तरह से कम नहीं हुआ है। सेना प्रमुख ने कहा, खतरे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
तीनों सेनाओं के प्रमुखों की मौजूदगी वाली चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के चेयरमैन की यह पोस्ट देश के पहले CDS जनरल बिपिन रावत के 8 दिसंबर को हेलिकॉप्टर क्रैश में असामयिक निधन के बाद से खाली पड़ी थी। अब नरवणे ने चेयरमैन का पदभार संभाला लिया है।
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा से पहले सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे पहले ही जम्मू-कश्मीर के दौरे पर हैं और सुरक्षा की मौजूदा स्थिति तथा तैयारियों का जायजा ले रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि थल सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे और शीर्ष कमांडर पूर्वी लद्दाख में देश की लड़ाकू तैयारियों की समीक्षा करेंगे जहां भारतीय तथा चीनी सैनिकों के बीच 17 महीने से गतिरोध की स्थिति बनी हुई है।
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास गतिरोध के बाकी स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए भारत और चीन के बीच 13वें दौर की उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता रविवार (10 अक्टूबर) को होगी।
सेना प्रमुख ने बताया कि चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख ही नहीं उत्तरी फ्रंट से लेकर ईस्टर्न कमांड तक बड़ी संख्या में सैनिकों को तैनात किया है। फॉरवर्ड एरिया में भी उन्होंने सैनिकों की संख्या को बढ़ाया है जो हमारे लिए चिंता का विषय है।
प्रभु राम शर्मा नेपाल के नए सेना प्रमुख बने हैं। बता दें कि पिछले महीने के अंत में ही नेपाल के राष्ट्रपति ने नेपाल के नए सेना प्रमुख के रूप में प्रभु राम शर्मा की सिफारिश को मंजूरी दी थी।
सूत्रों के मुताबिक अहमदजई 27 जुलाई को भारत दौरे पर आने वाले हैं। यात्रा के दौरान उनका वरिष्ठ राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व से मिलने का कार्यक्रम है।
सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने बृहस्पतिवार को कहा कि ड्रोन की आसानी से उपलब्धता ने सुरक्षा चुनौतियों की जटिलता बढ़ा दी है और भारतीय सेना खतरों से प्रभावी तरीके से निपटने की क्षमताएं विकसित कर रही है चाहे ये खतरे देश प्रायोजित हों या देशों ने खुद पैदा किए हों।
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