आर्मीनिया ने भारत के साथ बड़ी रॉकेट डील की है। इससे आर्मीनिया की आर्मी को 40 से लेकर 70 किमी तक दुश्मन के किसी भी ठिकाने को तबाह करने की ताकत मिल जाएगी।
तुर्की ने अपने दोस्त अजरबैजान को खतरनाक किलर ड्रोन दिया है। इसका उपयोग आर्मीनिया के लिए किया जा सकता है। अजरबैजान और उसके पड़ोसी देश आर्मीनिया में तनाव बना हुआ है। ऐसे में भारत ने आर्मीनिया को एंटी ड्रोन सिस्टम दिया है।
भारत अब हथियारों के जखीरे का निर्यात भी करने लगा है। भारत की आकाश और ब्रह्मोस मिसाइलों की डिमांड दुनिया के कई देशों में है। आकाश मिसाइल के तो आर्मेनिया सहित कई देश दीवाने हैं। आर्मेनिया से भारत को अरबों रुपयों का ऑर्डर भी मिला है।
अजरबैजान के राष्ट्रपति ने भारत की मोदी सरकार पर अपनी भड़ास निकाली है। खिसियाई अजरबैजान के राष्ट्रपति ने भारत और फ्रांस पर आर्मीनिया को हथियार सप्लाई करने का आरोप लगाया है। दरअसल, अजरबैजान और आर्मीनिया दोनों दुश्मन देश हैं।
भारत आर्मीनिया को खतरनाक भारतीय तोपें देगा। ये तोपें अजरबैजान से जंग में कारगर हथियार साबित होंगी। वहीं अजरबैजान को मदद करने वाले तुर्की और पाकिस्तान की नींद उड़ जाएगी। जानिए इस तोप की ताकत।
भारत ने आर्मेनिया को पिनाका मिसाइल और दूसरे खतरनाक हथियारों की सप्लाई की है तो मुस्लिम देश अजरबैजान और पाकिस्तान घबरा गए। अजरबैजान और आर्मेनिया एकदूसरे के दुश्मन है। टेंशन में आए पाक सैन्य जनरल असीम मुनीर अजरबैजान के दौरे पर पहुंच गए।
अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच नागोर्नो-काराबाख विवादित क्षेत्र से बड़ी संख्या में मूल निवासियों ने पलायन किया है। अब तक 70 फीसदी आबादी पलायन कर चुकी है। यह इलाका खाली होने लगा है। क्या है पलायन का कारण? जानिए पूरा मामला।
आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच वर्षों से चल रहे युद्ध में आखिरकार अजरबैजान की जीत हुई है। करीब 30 वर्षों बाद अजरबैजान ने फिर से नागोर्नो-काराबाख को जीत लिया है। अब यहां अलगाववादी सरकार भंग करने की तैयारी है। पहले यह शहर आर्मीनिया शासन के अधीन था।
अजरबैजान की सेना के नियंत्रण के बाद आर्मेनिया से हजारों लोगों का पलायन हो रहा है। इसी बीच तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयप एर्दोआन अपने सहयोगी देश को समर्थन देने के लिए अजरबैजान का दौरा करने वाले हैं।
आर्मीनिया और अजरबैजान युद्ध में हजारों परिवारों की जिंदगी नर्क बन चुकी है। वह सभी भुखमरी और बेरोजगारी और बीमारी से त्रस्त हैं। खासकर विवादित नागोर्नो-काराबाख के लोगों को नारकीय जिंदगी जीने को मजबूर होना पड़ा है। ऐसे में इस क्षेत्र के लोगों को रेड क्रॉस सोसायटी ने बड़ी मानवीय मदद मुहैया कराई है।
आर्मेनिया और अजरबैजान फिर से युद्ध के मुहाने पर खड़े हैं। अभी एक वर्ष पहले दोनों देशों के बीच हुए संघर्ष में 300 सैनिकों की दोनों ओर से मौत हुई थी। अब ताजा संघर्ष में दोनों देशों ने अपने-अपने सैनिकों के हताहत होने की जानकारी दी है। इससे यह संघर्ष और अधिक बढ़ने की आशंका है।
आर्मेनिया और अजरबैजान में लंबे अर्से से युद्ध चला आ रहा है। विवाद की मुख्य वजह नागोर्नो काराबाख है। दोनों ही देश इस पर अपना दावा करते हैं। इसी को लेकर संघर्ष चल रहा है।
भारत के पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम से अजरबेजान घबराया हुआ है। अजरबैजानी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने राजधानी बाकू में भारतीय राजदूत से मिलकर आर्मेनिया के साथ भारत के बढ़ते सैन्य सहयोग पर चिंताओं से अवगत कराया है।
रूस-यूक्रेन युद्ध का कोई हल भले ही नहीं निकल पा रहा हो, लेकिन राष्ट्रपति पुतिन ने वर्षों से चले आ रहे अर्मेनिया और अजरबैजान युद्ध का समाधान खोजकर सबको चौंका दिया है। अब अर्मेनिया और अजरबैजान एक दूसरे से युद्ध नहीं करने पर सहमत हो गए हैं।
तुर्की और ईरानी ड्रोन से तबाही के कई उदाहरण हाल के समय में देखने को मिले हैं। रूस और यूक्रेन की जंग में भी ड्रोन के इस्तेमाल से तबाही के उदाहरण देखने को मिले हैं। यही नहीं, आर्मीनिया और अजरबेजान के संघर्ष में भी ड्रोन की अहम भूमिका सामने आई है।
Gay Armenian Couple: आर्मेनिया में समलैंगिकता साल 2003 से अपराध की श्रेणी से बाहर है, लेकिन बावजूद इसके कई कपल अपने रिश्ते को गुप्त ही रखते हैं। यहां इन लोगों के साथ काफी भेदभाव होता है।
Armenia and Azerbaijan War: लंबे समय से एक दूसरे के जानी दुश्मन बने आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच अब युद्ध थमने वाला है। दोनों देशों के नेताओं ने शत्रुता और तनाव कम करने के प्रयास करते हुए प्राग में वार्ता की है। दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को जारी एक संयुक्त बयान इस संबंध में जारी किया है।
Armenia Azerbaijan War: आर्मीनिया और अजरबैजान के रिश्ते की तुलना भारत और पाकिस्तान से की जा रही है। दोनों ही देश आजादी के बाद से एक दूसरे के कट्टर दुश्मन हैं। भारत के कश्मीर की तरह ही इन दोनों देशों के नागोर्नो काराबाख इलाके को लेकर कई युद्ध हो गए हैं।
Azerbaijan Armenia: अजरबैजान और आर्मीनिया के बीच नागोर्नो-काराबाख को लेकर दशकों से संघर्ष चल रहा है। नागोर्नो-काराबाख अजरबैजान का हिस्सा है, लेकिन यह 1994 में एक अलगाववादी युद्ध समाप्त होने के बाद से आर्मीनिया द्वारा समर्थित बलों के नियंत्रण में है।
Azerbaijan-Armenia Conflict : आर्मीनिया और अजरबैजान के करीब 100 सैनिकों की मौत हो गई। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच लंबे समय से चल रही दुश्मनी के और गहरा होने की आशंका ब
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