कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए मंत्रिमंडल विस्तार के बाद केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने इसको लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करके जानकारी दी है। मनसुख मंडाविया ने कहा कि कोरोना को लेकर भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए पैकेज की घोषणा की गई है। कोरोना की तीसरी लहर और बच्चों के स्वास्थ्य को देखते हुए पूरी तैयारी की जा रही है। कोविड से लड़ाई के लिए हेल्थ पैकेज का ऐलान किया गया है। कोरोना की तीसरी लहर से बचने के लिए 23 हजार 123 करोड़ रुपए का इमरजेंसी हेल्थ पैकेज की घोषणा की गई है।
किसान यूनियन ने कहा कि सरकार लगातार तथाकथित किसान नेताओं और संगठनों के साथ बातचीत कर रही है, जो हमारे आंदोलन से जुड़े नहीं हैं। यह हमारे आंदोलन को तोड़ने का एक प्रयास है।
केजरीवाल ने जावड़ेकर के आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, "उपवास पवित्र होता है। आप जहां हैं, वहीं हमारे किसान भाइयों के लिए उपवास कीजिए। प्रभु से उनके संघर्ष की सफलता की प्रार्थना कीजिए। अंत में किसानों की अवश्य जीत होगी।"
नए कानून के नाम पर आंदोलन कर रहे किसानों को अपने इन साथी किसानों की ये सक्सेज स्टोरीज जरूर पढ़नी चाहिए।
कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के 35 नेताओं और सरकार बीच विज्ञान भवन में बैठक हुई। कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने बैठक खत्म होने के बाद कहा कि किसान नेताओं के साथ तीसरे दौर बातचीत ठीक रही। अब परसों फिर बैठक होगी। सरकार की तरफ से इस बैठक में एक समिति बनाने का प्रस्ताव दिया गया था। सरकार की समिति बनाने के प्रस्ताव को किसानों ने खारिज कर दिया। किसान नेता चंदा सिंह ने बैठक खत्म होने के बाद कहा कि यह कानून वापस नही लिए जाने तक आंदोलन जारी रहेगा। सरकार बस बातचीत करना चाहती है हल नही निकालना चाहती। अब इस मुद्दे पर 3 दिसंबर को फिर से बैठक होगी।
रविशंकर प्रसाद ने बताया कि नया कानून किसानों को अपनी फसल को कहीं भी बेचने की आजादी देता है किसान चाहे अपनी फसल मंडी में बेचे या बाहर।
समाजवादी पार्टी सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि इस बिल के बाद हमारी मौजूदा मंडियां निजी मंडियों के आगे दम तोड़ देंगी।
2013 में खुद राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी के शासन वाले 12 राज्य अपने यहां फल और सब्जियों को APMC एक्ट से बाहर करेंगे। अब कांग्रेस पार्टी ही APMC एक्ट में बदलाव का विरोध कर रही है।
संजय झा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र में APMC एक्ट को खत्म किए जाने की बात कही थी और मोदी सरकार ने किसान बिल में यही किया है।
वित्त मंत्री ने ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस ने चुनाव घोषणा पत्र में सत्ता में आने के बाद जिन योजनाओं और स्कीम पर कैंची चलाने की बात कही थी उसमें एपीएमसी एक्ट भी था।
विपक्ष आरोप लगा रहा है कि बिल के जरिए सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था को हटाना चाहती है। विपक्ष इन तीनों विधेयकों को किसान विरोधी बता रहा है।
कमेटी ने थोक व्यापारियों से सीधे खुदरा बाजारों तक सामान पहुंचाने को कहा
एनसीडीईएक्स महाराष्ट्र के अकोला जिले के खामगांव में कृषि उत्पन्न बाजार समिति के साथ गठजोड़ कर इलाके के हजारों किसानों को फायदा पहुंचाने का काम कर रहा है।
23 अगस्त, 2019 से 31 मार्च, 2020 के दौरान खरीदे गए वाहनों पर 15 प्रतिशत अतिरिक्त मूल्यह्रास की अनुमति होगी।
नीति आयोग ने कहा है कि वह देश में विभिन्न फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) लागू करने हेतु एक व्यवस्था को तैयार करेगा।
साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए केंद्र द्वारा गठित समिति कृषि क्षेत्र में अनेक बड़े सुधारों पर विचार कर रही है। जानिए क्या रह रही है समिति।
राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड द्वारा जारी किए गए आंकड़े दर्शाते हैं कि महाराष्ट्र के एपीएमसी में नवंबर माह के दौरान सब्जियों की कीमतों में भारी गिरावट आई।
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