चीन ने अंटार्कटिका में अपनी मौजूदगी बढ़ाते हुए अपना पहला वायुमंडलीय निगरानी स्टेशन स्थापित किया है। चीन के इस नए निगरानी स्टेशन के ऑब्जरवेशन से कई अहम जानकारियां मिलेंगी।
बर्फीले रेगिस्तान कहे जाने वाले 'अंटार्कटिका' में हरित क्षेत्र बढ़ने से वैज्ञानिकों ने चिंता जताई है। एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2016 से 2021 के बीच अंटार्कटिका में बर्फ भी तेजी से पिघली है। इसके बाद से अंटार्कटिका में कई चिंताजनक निष्कर्ष सामने आए हैं।
वायरस से पनपी बीमारियों ने दुनिया को झकझोर दिया है। फिर चाहे वो खतरनाक कोरोना वायरस हो या फिर इबोला या हंता वायरस। ऐसे ही एक वायरस एच51एन1 की वजह से एक महाद्वीप में बड़ा खतरा मंडरा रहा है। इससे वैज्ञानिक भी चिंतित हैं।
दुनिया का सबसे बड़ा हिमखंड खिसकता जा रहा है जिसका आकार न्यूयॉर्क शहर से भी ऊंचा है। ये हिमखंड लगातार खिसक रहा है जिससे जॉर्जिया में सबसे बड़ा खतरा पैदा हो गया है।
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर डिसेप्शन द्वीप की तस्वीर शेयर की है। इस तस्वीर को शेयर करने के साथ ही यहां के खतरों के बारे में भी नासा ने बताया है। क्या आप में वहां जाने की हिम्मत है।
अंटार्कटिका की पिघलती बर्फ ने दुनिया भर के वैज्ञानिकों के होश उड़ा दिए हैं। यह महाविनाश का संकेत तो नहीं। क्या आगामी समय में धरती और अधिक गर्म होने वाली है, क्या धरती फिर से आग का गोला बनेगी। लगातार तेजी से गर्म होता तापमान वैसे भी शुभ संकेत नहीं दे रहा।
प्रकृति में दिन और रात का संगम है। दिन के बाद हमेशा रात आती है और रात के बाद दिन। पर दुनिया में एक जगह ऐसी भी है जहां 182.5 दिन यानी 6 महीने तक रात नहीं होती है और 6 महीने तक दिन ही नहीं होना है।
OMG: अंटार्कटिका में जिस एक ग्लेशियर से खून का झरना बह रहा है, उसका नाम टेलर ग्लेशियर है। यह पूर्वी अंटार्कटिका के विक्टोरिया लैंड पर है। यहां जाने वाले बहादुर खोजकर्ताओं और वैज्ञानिकों को यह नजारा हैरान कर रहा है।
कोलिन बगैर किसी मदद के अंटार्कटिका को पार करने वाले दुनिया के पहले शख्स बन गए हैं।
अंटार्कटिका में बर्फ चिंताजनक दर से पिघल रही है। वर्ष 1992 के बाद से करीब तीन ट्रिलियन टन बर्फ पिघल चुकी है। हिम विशेषज्ञों के एक अंतरराष्ट्रीय दल ने एक नए अध्ययन में कहा कि सदी की पिछली तिमाही में अंटार्कटिका के दक्षिणी छोर में पानी में इतनी ज्यादा बर्फ पिघल चुकी है कि टेक्सास में करीब 13 फीट तक जमीन डूब गई है।
अंटार्कटिका में तैर रहे फ्रांस से भी बड़े आकार के ग्लेशियर के जलवायु के गर्म होने के साथ जल्दी पिघलने की आशंका है और इससे समुद्र के जलस्तर में भारी वृद्धि हो सकती है।
वैज्ञानिकों ने आज कहा कि करीब एक खरब टन का हिमशैल (अब तक के दर्ज आंकड़ों में सबसे बड़ा) कई महीनों के पूर्वानुमान के बाद अंटार्कटिका से टूटकर अलग हो गया है और अब दक्षिणी ध्रुव के आसपास जहाजों के लिये गंभीर खतरा बन सकता है।
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