महाराष्ट्र में जारी सियासी घमासान के बीच पूर्व सीएम और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को नई दिल्ली में गृह सचिव से मुलाकात की और पूरे प्रकरण पर कार्रवाई की मांग की है। देवेंद्र फडणवीस ने गृह सचिव को सील बंद लिफाफे में सबूत सौंपे।
अगर ये इल्जाम सच साबित हुआ तो इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि लेटर किसने लिखा, कब लिखा और क्यों लिखा।
वरिष्ठ बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को पुलिस अधिकारियों के तबादले और पोस्टिंग में कथित भ्रष्टाचार के मामले होम सेक्रेटरी को सीलबंद लिफाफे में सारे सबूत सौंप दिया।
मैं गृह सचिव से मिलने जा रहा हूं। मैंने जो आरोप लगाए हैं, वो पुख्ता सबूत के साथ लगाए हैं। मैं सारे सबूत दे रहा हूं। मैं मांग कर रहा हूं कि इस मामले की CBI जांच होनी चाहिए। मैं सारी चीजें गृह सचिव को सौपूंगा: दिल्ली में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को एक प्रेस वार्ता में कहा कि महाराष्ट्र में विकास नहीं वसूली हो रही है, वहां महावसूली अघाडी है। महाराष्ट्र जैसे बड़े प्रदेश में आईपीएस और बड़े पुलिस पदाधिकारियों के ट्रांस्फर और पोस्टिंग में सीधा वसूली हो रही है।
बीजेपी ने आज अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग से संबंधित एक पत्र जारी किया, जिसमें दावा किया गया कि दलाल संतोष जगताप ने सीएम उद्धव ठाकरे, शरद पवार सहित कई शीर्ष नेताओं का नाम लिया |
महाराष्ट्र में मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के लेटर के बाद मुंबई से दिल्ली तक सियासी बवंडर मचा हुआ है। परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे अपने पत्र में गृह मंत्री अनिल देशमुख पर आरोप लगाया है कि गृह मंत्री सस्पेंड असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाजे के जरिए मुंबई में अवैध 100 करोड़ रुपए की उगाही करवाते थे।
परमबीर सिंह के लेटर के बाद अनिल देशमुख पर विवाद बढ़ गया है। एक तरफ जहां शरद पवार ने अनिल देशमुख के बचाव में दलीलें दी हैं औऱ कहा कि वो 5 से 15 फरवरी तक एडमिट थे, जबकि बीजेपी के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अनिल देशमुख का पुराना ट्वीट साझा करते हुए कहा कि अनिल देशमुख इस दौरान मीडिया को संबोधित कर रहे थे।
मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक मिलने और मनसुख हिरेन की हत्या पर चल रहे घमासान से बीच महाराष्ट्र सरकार ने 17 मार्च को परमबीर सिंह को मुंबई पुलिस कमिश्नर के पद से हटा दिया था। पद से हटने के 2 दिन बाद परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने गृह मंत्री अनिल देशमुख पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि पुलिस अधिकारियों की मदद से गृह मंत्री हर महीने 100 करोड़ रुपए की उगाही करवा रहे हैं।
बालासाहेब थोराट ने एक वीडियो संदेश में कहा कि महाराष्ट्र के कांग्रेस प्रभारी एच के पाटिल ने राज्य में पार्टी के नेताओं के साथ विवाद पर चर्चा की और मामले पर उनकी राय समझने की कोशिश की।
महाराष्ट्र में मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर के पत्र के बाद वहां की राजनीति में आए तूफान के बाद परमबीर सिंह ने एक और बड़ा कदम उठाया है। परमबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है और अपनी याचिका में महाराष्ट्र के गृह मंत्री के कथित भ्रष्टाचार की सबूत नष्ट होने से पहले जांच की मांग की है।
अपनी याचिका में परमबीर सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि अनिल देशमुख पुलिस विभाग के तबादलों में भ्रष्टाचार करते थे और इस मुद्दे को उठाने वाली महिला अधिकारी हटाया गया था। याचिका में परमबीर सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि अनिल देशमुख कई मामलों में चल रही जांच में हस्तक्षेप करते थे और उस तरह से जांच करने के लिए बोलते थे जिस तरह वे खुद चाहते थे।
बीजेपी ने एनसीपी प्रमुख के स्पष्टीकरण पर पलटवार किया है जिसमें कहा गया है कि अनिल देशमुख को कोरोनोवायरस संक्रमण के कारण 5 फरवरी से 15 फरवरी तक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। भाजपा ने बाद में महाराष्ट्र एचएम का एक वीडियो जारी किया जिसमें 15 फरवरी को पीसी करते देखा गया था।
महाराष्ट्र के गृह मंत्री के इस्तीफे की भाजपा की मांग के बारे में पूछे जाने पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि यह स्पष्ट है कि जिस अवधि के दौरान आरोप लगाए गए, अनिल देशमुख अस्पताल में भर्ती थे। जैसा कि यह स्पष्ट है, इस तरह की मांगों में कोई मजबूती नहीं है |
एक तरफ जहां शरद पवार ने अनिल देशमुख के बचाव में दलीलें दी हैं औऱ कहा कि वो 5 से 15 फरवरी तक एडमिट थे, जबकि बीजेपी के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अनिल देशमुख का पुराना ट्वीट साझा करते हुए कहा कि अनिल देशमुख इस दौरान मीडिया को संबोधित कर रहे थे।
एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने दिल्ली में मीडिया को ब्रीफ कर अनिल देशमुख का बचाव किया। उन्होंने कहा कि पहली नचर में मुझे लगा कि आरोप गंभीर हैं। फरवरी में वाजे से देशमुख की कोई मुलाकात नहीं हुआ।
महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख द्वारा सचिन वाजे को हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली का टारगेट देने का पर्दाफाश होने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) सक्रिय हो गया है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में संजय राउत ने कहा कि केंद्र चाहे जिस भी एजेंसी से महाराष्ट्र में जांच करवा सकता है, उन्होंने कहा, "ED (प्रवर्तन निदेशालय) या उनके पिताजी को ले आइए, NIA या CBI को ले आइए, जो जांच करनी है कर लीजिए" उन्होंने आगे कहा, "कोई कुछ भी करे, कोई भी जांच हो... महाराष्ट्र सरकार का कोई बाल बांका नहीं कर सकता"
सूत्रों के अनुसार विनायक शिंदे ने वाज़े के कहने पर 4 मार्च को मनसुख को फ़ोन किया | इसके अलावा पहचान छुपाने के लिए गुजरात के सिम कार्ड का प्रयोग किया गया था |
महाराष्ट्र गृहमंत्री अनिल देशमुख पर बोले शिवसेना नेता संजय राउत, अगर एनसीपी प्रमुख ने फैसला किया है कि आरोपों की जांच होनी चाहिए, तो क्या गलत है? कोई भी किसी भी आरोप को लगा सकता है। अगर लोग मंत्रियों का इस्तीफा ऐसे ही ले लेते हैं तो सरकार चलाना मुश्किल हो जाएगा |
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