Port Blair Name Change: केंद्र सरकार ने पोर्ट ब्लेयर का नाम बदल दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के इस फैसले का ऐलान खुद गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया एक्स पर किया।
पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले की प्राचीर से पीएम मोदी ने जो पांच संकल्प लिए थे उनमें एक संकल्प यह भी था कि गुलामी के प्रतीकों को और गुलामी की मानसिकता को खत्म करना है।
Valentine Day Special: आईआरसीटीसी की तरफ से 10 फरवरी से Bay Of Bengal से यात्रा शुरू होगी। पोर्ट ब्लेयर, नॉर्थ बे आइलैंड, रॉस आइलैंड, हैवलॉक और नील आइलैंड, सेल्युलर जेल, राधानगर बीच, कालापत्थर बीच और भरतपुर बीच ये सभी वो सुंदर जगह हैं जो अंडमान पैकेज में शामिल हैं।
Andaman gang rape case : अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पूर्व मुख्य सचिव पर 21 वर्षीय युवती ने नौकरी दिलाने के बहाने घर पर बुलाने और फिर कई लोगों के साथ मिलकर गैंगरोप करने का सनसनीखेज आरोप लगाया है। इस मामले में गठित पुलिस के विशेष जांच दल (एसआइटी) ने शनिवार को पूर्व मुख्य सचिव से पूछताछ शुरू कर दी है।
Earthquake News: भूकंप की गहराई 75 किमी नीचे थी। अभी तक किसी भी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चेन्नई-अंडमान और निकोबार द्वीप सबमरीन केबल सिस्टम का उद्घाटन करने वाले हैं, जो द्वीपसमूह को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के मुख्य सचिव चेतन सांघी ने शुक्रवार को बताया कि 'यहां सभी 10 कोरोना पॉजिटिव मरीज इलाज के बाद ठीक हो गए हैं, उनका कोरोना टेस्ट नेगेटिव पाया गया है।
अंडमान निकोबार द्वीप समूह में सोमवार सुबह दो घंटे के भीतर मध्यम दर्जे की तीव्रता वाले भूकंप के नौ झटके महसूस किए गए।
भूकंप के लिहाज से संवेदनशील अंडमान और निकोबार द्वीप में गुरुवार सुबह भूकंप के तीव्र झटके महसूस किए गए। खबर के मुताबिक निकोबार द्वीप समूह पर बृहस्पतिवार को भूकंप आया।
प्रधानमंत्री आज बंगाल की खाड़ी में मौजूद अंडमान निकोबार द्वीप समूह का दौरा करेंगे। यहां पर प्रधानमंत्री ढेरों इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्टों को लॉन्च करेंगे। अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार प्रधानमंत्री शनिवार शाम को पोर्ट ब्लेयर पहुंच गए हैं।
आइए, आपको बताते हैं इन्हीं सेंटेनलीज आदिवासियों की रहस्यमयी दुनिया से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातों के बारे में।
बंगाल की खाड़ी में स्थित निकोबार द्वीप समूह में आज सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए।
खुद सरकार ने यह माना है कि देशभर में अभी भी 50,000 गांव ऐसे हैं, जहां मोबाइल नेटवर्क नहीं पहुंचा है। ऐसे में भारत को लेस कैश अर्थव्यवस्था बनाना मुश्किल।
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