पांच नए शॉपिंग मॉल गुड़गांव, दिल्ली, लखनऊ और बेंगलुरू जैसे शहरों में शुरू किए गए। उन्होंने कहा कि 2021 में, कम से कम छह मॉल मुंबई में पूरे होने की संभावना है।
चेन्नई में बन चुके फ्लैटों को निकालने में 31 महीने, मुंबई महानगर क्षेत्र में 34 महीने और कोलकाता में 38 माह का समय लगेगा।
2019 की तीसरी तिमाही में शीर्ष सात शहरों में आवास बिक्री 17 प्रतिशत गिरकर 42,040 करोड़ रुपए रही।
देश के सात प्रमुख शहरों में दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के दौरान मकानों की बिक्री 18 प्रतिशत गिरकर 55,080 इकाई रही।रीयल एस्टेट से जुड़ी सेवाएं देने वाली फर्म एनारॉक ने एक रिपोर्ट में कहा है कि खरीदार मकान में निवेश करने को लेकर सतर्कता बरत रहे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार इस साल अप्रैल-जून के दौरान कुल 280 परियोजनाएं शुरू की गईं। इनमें से केवल 23 परियोजनाएं इस तरह की आर्थिक सहायता योजना के अंतर्गत रखी गई हैं।
आने वाले महीनों में लद्दाख के आतिथ्य क्षेत्र में गतिविधियों में तेजी आ सकती है।
एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2013 या इससे भी पहले लॉन्च हुए इन प्रोजेक्ट्स पर कोई निर्माण कार्य नहीं हो रहा है।
देश के सात प्रमुख शहरों में 1.15 लाख घर खरीदार अधर में लटके हुए हैं क्योंकि डेवलपर एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की इकाइयों का कब्जा देने में नाकाम रहे हैं।
पुरी ने वैश्विक सलाहकार जेएलएल छोड़ने के बाद अगस्त, 2017 में संपत्ति से जुड़ी परामर्श कंपनी एनारॉक की नींव रखी थी।
एनारॉक ने 2019 की पहली छमाही में उपभोक्ता रुख सर्वेक्षण में कहा कि रीयल एस्टेट कानून रेरा और जीएसटी की दरों में कमी से लोगों का नई संपत्तियों पर भरोसा वापस से जगाने में मदद मिली है।
एनारॉक के संस्थापक और चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष में करीब 90 करोड़ रुपए का कारोबार किया है और चालू वित्त वर्ष में आय तथा मुनाफा दोगुना से ज्यादा होने की उम्मीद है।
एनारॉक ने मंगलवार को जारी आंकड़ों में कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में मकानों की बिक्री 2018 में 18 प्रतिशत बढ़कर 44,300 इकाई पर पहुंच गई थी, 2017 में बिक्री 37,610 इकाई रही थी।
देश का ऑनलाइन रिटेल (खुदरा) बाजार 2022 तक चार गुना बढ़कर 73 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा।
सरकार की महत्वाकांक्षी स्मार्ट सिटी परियोजना में अभी कोई उल्लेखनीय प्रगति नहीं हो सकी है। एनारॉक प्रापर्टी कंसल्टेंट्स का कहना है कि अभी तक केवल पांच प्रतिशत परियोजनाएं ही पूरी की जा सकी हैं। स्मार्ट सिटी मिशन की शुरुआत 2015 में हुई थी।
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