Congress President Election: शर्मा ने डेलीगेट की निर्वाचन सूची सार्वजनिक करने की मांग की, जिस पर मिस्त्री ने कहा कि चुनाव लड़ने के इच्छुक किसी भी उम्मीदवार और प्रदेश कांग्रेस कमेटियों को यह सूची उपलब्ध कराई जाएगी।
race to leave the Congress party: कांग्रेस पार्टी का ताउम्र हाथ पकड़कर चलने वाले एक के बाद एक वरिष्ठ नेता लगातार पार्टी को अलविदा कह रहे हैं। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से नाराज जी-23 नेताओं में अब एक के बाद एक में पार्टी को छोड़ने की होड़ लगी है।
Congress Political Crisis: आनंद शर्मा गुलाम नबी आजाद के घर उनसे मुलाकात करने पहुंचे। उनके इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। कांग्रेस खेमे में दिग्गज नेताओं की नराजगी साफ झलक रही है। हाल ही में आजाद ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है।
Ghulam Nabi Azad: आजाद ने पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन के लिए राहुल गांधी और उनकी मंडली की आलोचना की और पूरी संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया को एक 'मजाक और दिखावा' करार दिया।
आनंद शर्मा के इस्तीफे पर सिंधिया ने कहा, मैं भाजपा का आम कार्यकर्ता हूं और कांग्रेस की मौजूदा स्थिति पर हम जितना भी कहें, वह कम होगा। यह (शर्मा का इस्तीफा) दर्शाता है कि कांग्रेस अंदरूनी तौर पर किस तरह जर्जर हो चुकी है।
Anand Sharma: आनंद शर्मा कांग्रेस और देश के वरिष्ठ नेता हैं। उन्हें योग्य सम्मान नहीं दिया गया। वो चुनाव प्रचार जरूर करेंगे।
Anand Sharma: आनंद शर्मा ने भी साफ किया है कि वे बीजेपी जॉइन नहीं कर रहे हैं। वे कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशियों के लिए चुनाव प्रचार करते रहेंगे। हालांकि राजनीति में 'ना' का मतलब सिर्फ ना नहीं होता है। 'ना' कहने के भी कई मायने होते हैं।
Himachal Pradesh: वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा से पहले जी-23 समूह के एक अन्य नेता गुलाम नबी आजाद जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस की चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे चुके हैं।
Congress: गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा कांग्रेस पार्टी के दो ऐसे नेता हैं जो बीते कई दिनों से गांधी परिवार के विरोध में बोलने को लेकर चर्चा में रहे हैं। हालांकि आज जब गांधी परिवार पर मुसीबत आई है तो ये नेता सोनिया गांधी के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं।
Anand Sharma: मुलाकात की सियासी हलचलों के बीच आनंद शर्मा ने कहा कि 'मुझे जेपी नड्डा से मिलने का पूरा अधिकार है। क्योंकि वह मेरे लिए बीजेपी अध्यक्ष नहीं हैं। हम दोनों एक ही राज्य से आते हैं और हमने पढ़ाई भी साथ में की है।
ये बैठकें ऐसे समय हो रही हैं, जब इस तरह के संकेत मिल रहे हैं कि ‘जी 23’ के कुछ नेताओं को कांग्रेस कार्य समिति में जगह दी जा सकती है। यह भी हो सकता है कि आलाकमान पार्टी संसदीय बोर्ड जैसी कोई इकाई गठित करे, जिसमें इस समूह के कुछ नेताओं को जगह दी जा सकती है।
हालिया विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी के ‘जी 23’ समूह के कई नेताओं ने शुक्रवार को बैठक की। इसमें आगे की रणनीति को लेकर चर्चा की गई।
तृणमूल कांग्रेस की नेता 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी का गठबंधन बनाने की संभावनाओं को तलाशने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में विपक्षी नेताओं के साथ बातचीत करने पहुंची हैं।
राज्यसभा में कांग्रेस के उप नेता शर्मा ने ट्वीट किया, ‘‘लोकतंत्र की शक्ति सहयोग और संवाद है। प्रधानमंत्री के पास देश के निर्वाचित नेता के रूप में जनादेश है। राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी संवैधानिक जनादेश मिला है, जिसे मान्यता दी जानी चाहिए। भारत एक संघीय देश है और संविधान की भावना का सम्मान किया जाना चाहिए।’’
कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा को परोक्ष तौर पर आड़े हाथ लेते हुए मंगलवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में पार्टी का गठबंधन एक धर्मनिरपेक्ष मोर्चा है जो बीजेपी से लड़ने के लिए बनाया गया है। कांग्रेस ने साथ ही पार्टी में सभी से आग्रह किया कि वे इसमें बिना किसी शर्त के शामिल हों।
कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने बीते दिन ट्विटर के जरिए कांग्रेस के बंगाल में अब्बास सिद्दीकी के साथ गठबंधन पर सवाल खड़े किए। कांग्रेस इस बार बंगाल में लेफ्ट पार्टियों के साथ-साथ अब्बास सिद्दीकी के इंडियन सेक्युलर फ्रंट के साथ चुनावी मैदान में कूद रही है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए वामदल, कांग्रेस और आईएसएफ ने गठबंधन किया है। इस गठंबधन पर सवाल उठाते हुए हाल ही में कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने बंगाल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी से सफाई मांगी थी। अब इस पर अधीर रंजन चौधरी का भी बयान सामने आ गया है। उन्होंने आनंद शर्मा पर बीजेपी के एजेंडे पर चलने का आरोप लगाया है।
आनंद शर्मा ने गठबंधन को पार्टी की मूल विचारधारा के खिलाफ बताया है। उन्होंने मांग की है कि ISF से गठबंधन की चर्चा कांग्रेस कार्य समिति में होनी चाहिए
जम्मू में कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं के जमावड़े को लेकर दिल्ली में भी हलचल तेज है। सूत्रों के मुताबिक, सीनियर नेताओं की मोर्चाबंदी से टीम राहुल गांधी नाखुश है। राहुल गांधी की टीम को शिकायत है कि विधानसभा चुनावों में प्रचार की बजाय सीनियर नेता अपनी शिकायतों को तरजीह दे रहे हैं जबकि राहुल गांधी पार्टी को मजबूत करने के लिए जमीन पर मेहनत कर रहे हैं।
जम्मू में जी-23 की मीटिंग के बाद शनिवार को कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने इंडिया टीवी के साथ खास बातचीत में कहा कि देश को एक मजबूत विपक्ष की जरूरत है। देश में इस वक्त सरकार को डराने वाला विपक्ष नहीं है।
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