जिलाधिकारी नवीन कुमार ने उक्त मामले में शनिवार को कार्रवाई करते हुए सदर अस्पताल के प्रबंधक को निलंबित कर दिया है तथा उस समय ड्यूटी पर तैनात दो चिकित्सकों और 4 नर्सों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की है।
ऐसा आरोप है कि चिकित्सकों ने महिला और उसके पति को मुस्लिम होने के कारण अस्पताल से वापस लौटा दिया था। महिला के पति इरफान खान के यह आरोप लगाने के बाद कथित चिकित्सकीय लापरवाही मामले में जांच का आदेश दिया गया है।
जम्मू-कश्मीर में 60 वर्षीय एक व्यक्ति ने अपनी मौत का नाटक रचा ताकि वह और उसके दोस्त यहां से एंबुलेंस से पुंछ जिले स्थित अपने घरों तक पहुंच सकें।
केरल के कासरगोड से 70 वर्षीय बीमार महिला को नजदीक के मंगलुरु ले जा रही एक एंबुलेंस को कर्नाटक पुलिस ने तालापाडी सीमा पार करने की इजाजत नहीं दी, जिसके बाद रविवार सुबह उसकी मौत हो गई।
दिल्ली के शाहीन बाग में एंबुलेंस को आगे बढ़ने का रास्ता नहीं मिला। अंत में एंबुलेंस का ड्राइवर वाहन को एक गली में मोड़ देता है।
लखनऊ के पुलिस आयुक्त मुकेश मे श्राम ने 'भाषा' को बताया कि पीड़िता को अमौसी हवाईअड्डा ले जाने के लिये श्यामा प्रसाद मुखर्जी सदर अस्पताल से अमौसी एयरपोर्ट तक ग्रीन कारीडोर बनाया गया, जहां से एंबुलेंस के जरिये वह एयरपोर्ट पहुंची।
समय पर एंबुलेंस न मिलना एक उभरती हुई एक्ट्रेस की मौत की वजह बन गया। मराठी फिल्मों की इस एक्ट्रेस की नवजात समेत मौत हो गई।
मयूरभंज के CDMO ने दावा किया है कि बारीपदा के लिए रवाना होते समय उस एंबुलेंस में पूरा पेट्रोल था, लेकिन तेल की पाइप में लीक होने के कारण ऐसा हुआ।
बांदा जिले से एक बड़ी खबर हैं। यहां के देहात इलाके में भज्जू सिंह का पुरवा निवासी एक महिला का प्रसव पुलिसकर्मी के वाहन में हुआ। इसकी वजह है सरकारी एंबुलेंस का समय पर नहीं पहुंच पाना।
शिवराज सिंह चौहान अपने काफिले का साथ जैत जा रहे थे, तभी उन्होंने रास्ते में एक घायल युवक को देख अपना काफिला रुकवा लिया और घायल युवक को एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया।
कर्नाटक के रायचूर जिले में हीरेरायनकुंपी गांव के वेंकटेश ने एक ऐम्बुलेंस को उस समय रास्ता दिखाया, जब पुल पूरी तरह पानी में डूब चुका था।
आए दिन एंबुलेंस के समय पर नहीं पहुंचने या एंबुलेस सुविधा नहीं होने की खबरें आती रहती हैं। अब मध्य प्रदेश के सीहोर जिले से 80 किलोमीटर दूर पगारा गांव से भी कुछ ऐसी ही खबर सामने आई है।
दुर्घटना में होने वाली मौतों को रोकने के लिए नेशनल हाईवे पर स्थापित सरकारी अस्पतालों में ट्रामा सेंटर खोले जा रहे हैं।
अपने पिता के शव को ठेले में लादकर दोनों भाई-बहन 8 किलोमीटर पैदल चलकर घर पहुंचे। दोनों के पास अंतिम संस्कार के लिए भी पैसे नहीं थे...
राजस्थान में ऐंबुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल के चलते स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं...
राकांपा महासचिव को एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए कटिहार से पटना जाना था। लेकिन उनके खराब स्वास्थ्य के कारण कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया...
अस्पताल में एक व्यक्ति अपने जख्मी दोस्त को अपनी महंगी कार में लेकर पहुंचा लेकिन अपनी ऑडी अस्पताल में ही छोड़ ऐंबुलेंस को लेकर...
ओडिशा के कालाहांडी के दाना मांझी को शायद अभी लोग भुला नहीं पाए होंगे, जिसे पत्नी का शव कंधे पर लेकर गांव तक जाना पड़ा था। ऐसा ही मामला मध्य प्रदेश के कटनी जिले में सामने आया है
ये पहला मौका नहीं है जब ऐसा हुआ है। इससे पहले उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में कथित रूप से सरकारी एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं कराये जाने की वजह से मृतक के परिजन शव को रिक्शे पर लादकर ले गये। राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के सूत्रों ने बताया कि रामआसरे (44) नाम
इस कार्य के लिए पहल की जा चुकी है जिसमें दो दिन पहले इसका ट्रायल भी लिया गया था। आपातकालीन स्थिती में मरीज़ को अस्पताल पहुंचाने के लिए जब बवाना के एक व्यक्ति द्वारा कॉल किया गया तो मौके पर 80 से ज्यादा कैटस एंबुलेंस वहां पहुंच गई।
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