Amarnath yatra 2022: रामबन जिले में विभिन्न स्थानों पर भारी बारिश के बाद भूस्खलन और पत्थर गिरने के कारण बंद राष्ट्रीय राजमार्ग को बृहस्पतिवार रात एक तरफ से यातायात के लिए खोल दिया गया था।
Amarnath Flood: प्रशासन सभी राज्यों की सरकारों के संपर्क में है और अब तक किसी भी व्यक्ति के लापता होने की जानकारी नहीं मिली है। उपराज्यपाल ने आगे कहा कि 8 जुलाई को शुरू बचाव अभियान अब लगभग खत्म हो चुका है।
Amarnath Yatra 2022: हमें आज तक बताया गया था कि अमरनाथ गुफा की खोज 1850 में हुई थी, जबकि इस पवित्र गुफा और महादेव के हिमलिंग स्वरूप का जिक्र 5वीं शताब्दी में लिखे गए पुराणों से लेकर, 1148 में लिखी गई राजतरंगणि में भी मिलता है।
Amarnath Yatra: यात्रा के शुरू होने के बावजूद हादसे में लापता हुए 40 भक्तों की तलाश जारी है और रेस्क्यू ऑपरेशन भी लगातार चलाया जा रहा है।
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Jammu Kashmir News : जम्मू कश्मीर के डोडा जिले में शनिवार को बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई, जिससे कुछ वाहनों को मामूली नुकसान पहुंचा है। अधिकारियों ने बताया कि बादल फटने की घटना ठथरी इलाके में गुंटी वनक्षेत्र में तड़के करीब चार बजे हुई।
Amarnath Cave Cloudburst: अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने की खबर सामने आई है। यह हादसा साढ़े 5 बजे हुआ। अब तक 15 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है।
Amarnath Cave Cloudburst: पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, श्री अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने की घटना से दुखी हूं। शोक संतृप्त परिवारों के प्रति संवेदना। मनोज सिन्हा जी से बात की और स्थिति की जानकारी ली है।
हर रोज करीब 15 हजार श्रद्धालु बाबा के दर्शन के लिए पवित्र गुफा पहुंच रहे हैं। एक हफ्ते पहले ही 30 जून को अमरनाथ यात्रा शुरू हुई है और एक हफ्ते में ही कई बार खराब मौसम की वजह से यात्रा को रोकना पड़ा है।
Amarnath Yatra: इस यात्रा के दो रास्ते हैं। एक पहलगाम से और दूसरा बालटाल से। 30 जून और एक जुलाई की रात को विपरीत मौसम के कारण बालटाल मार्ग पर कालीमाता के पास नाले में पानी बढ़ जाने से पुल बह गए।
Amarnath Yatra: अमरनाथ यात्रा 30 जून से शुरू हो रही है। लेकिन इससे पहले यात्रा को लेकर को लेकर आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने धमकी भरा पत्र जारी किया है। पत्र में आंतकी संगठन की ओर से राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) पर निशाना साधा गया है। संगठन का कहना है कि वे यात्रा के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन तीर्थयात्री तब तक सुरक्षित हैं जब तक कि वे कश्मीर मुद्दे में शामिल नहीं होंगे।
यात्रा के लिए तैयारियां अप्रैल के महीने से ही शुरू की गयी हैं और रास्ते पर बर्फ हटाने का काम शुरू हो गया है।
श्रद्धालु अपने नाम से वर्चुअल पूजा, वर्चुअल हवन और प्रसाद बुकिंग श्राइन बोर्ड के लिंक पर जाकर करवा सकते हैं- https://jksasb.nic.in/online_service.aspx या फिर Shri Amarnathji Yatra मोबाइल एप से कर सकते हैं। ये एप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है।
अमरनाथ गुफा की ताजा तस्वीरें सामने आई हैं। आगे इस खबर में आप बाबा बर्फानी की तस्वीरें देख सकते हैं।
दक्षिणी कश्मीर में पवित्र अमरनाथ गुफा की वार्षिक यात्रा बृहस्पतिवार को सामान्य ढंग से संपन्न हो गयी और प्राकृतिक रूप से बर्फ से बने शिवलिंग की इस वर्ष लगभग 3.39 लाख लोगों ने पूजा-अर्चना की।
दिग्विजय सिंह ने शनिवार को कहा कि कश्मीर घाटी की संवेदनशीलता पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को बहुत सोच समझकर काम करना चाहिए तथा उसने वहां यदि जबरदस्ती करने की कोशिश की तो इससे देश को काफी नुकसान होने की संभावना है।
जम्मू-कश्मीर में बने हालात के मद्देनजर अमरनाथ यात्रा रद्द कर दी गई है। अब वहां फसे श्रद्धलुओं को भारतीय वायु सेना के विमानों C-17 और IL 76 के जरिए एयरलिफ्ट किया जाएगा।
अमरनाथ यात्रा के दौरान पिछले 24 घंटों में चार तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है। इस साल अमरनाथ यात्रा के दौरान मरने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या 26 तक पहुंच गई है।
भोलेनाथ की भक्ती इस कदर श्रद्धालुओं के सिर चढ़कर बोल रही है कि इस साल 22 दिनों के भीतर ही 2.85 लाख श्रद्धालुओं ने अमरनाथ गुफा के दर्शन कर लिए। अधिकारियों ने बताया कि सोमवार शाम तक 2.85 लाख लोग बर्फानी बाबा के दर्शन कर चुके थे। 46 दिवसीय यह वार्षिक यात्रा एक जून को शुरू हुई थी।
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