अमरनाथ की यात्रा शुरू होने में अब कुछ दिन ही बचे हैं। यात्रा की शुरूआत होने से पहले अमरनाथ श्राइन बोर्ड और राज्य सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। आइए आपको बताते हैं कि इस बार यात्रा के लिए कैसी तैयारी की गई है।
Amarnath Yatra: तीर्थयात्रियों का 16वां जत्था दक्षिण कश्मीर में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा के दर्शन के लिए शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा के बीच सुबह रवाना हुआ।
Amarnath Yatra 2022: 30 जून से शुरू हो अमरनाथ यात्रा को लेकर चाकचौबंद पूरी तरह से मुस्तैद है। इस यात्रा के लिए यात्रियों को जरूरी डॉक्युमेंट साथ लाने होंगे।
Amarnath Yatra 2022: यह यात्रा कुल 43 दिनों तक दो मार्गों से पूरी होगी। एक मार्ग पहलगाम का पारंपरिक मार्ग है जबकि दूसरा मार्ग गांदेरबल के बालटाल का है।
अमरनाथ यात्रा के लिए ड्रोन से खतरा सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी चुनौती है, इसलिए वे ड्रोन का मुकाबला करने और आतंकवादी मंसूबों को विफल करने के लिए हार्डवेयर खरीद रहे हैं।
बता दें कि कश्मीर में पर्यटकों और अमरनाथ यात्रियों के लिए घाटी छोड़ने के ताजा परामर्श से निवासियों के बीच भय पैदा हो गया है और उन्होंने कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने की आशंका के चलते राशन और आवश्यक सामान जमा करना शुरू कर दिया।
शुक्रवार को सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ की की साझा प्रेस वार्ता में कई ऐसे खुलासे किए गए हैं जिनसे ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि आतंकी अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमले कर सकते हैं।
वर्ष 1931 में डोगरा महाराजा की सेना द्वारा श्रीनगर सेंट्रल जेल के बाहर गोलीबारी में मारे गए लोगों की याद में जम्मू एवं कश्मीर में 13 जुलाई को शहीदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। वहीं, राज्य सरकार इस दिन को 1947 में आजादी के लिए लड़ने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति सम्मान के तौर पर मनाती है।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष और जम्मू एवं कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था कश्मीर के लोगों के विरुद्ध है।
नेशनल कॉन्फेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह ‘अक्षमता और आलस्य’ की पराकाष्ठा है
60 दिवसीय अमरनाथ यात्रा रविवार को शांतिपूर्वक संपन्न हो गई। इस साल 2.85 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने इस गुफा शिवलिंग के दर्शन किए।
सुरक्षा अधिकारियों ने कहा कि अभी तक 1.96 लाख तीर्थयात्रियों ने यात्रा के लिए पंजीकरण कराया है। पहली बार इस बार अमरनाथ जाने वाले वाहनों में रेडियो फ्रीक्वेंसी टैग का इस्तेमाल किया जाएगा और सीआरपीएफ का मोटरसाइकिल दस्ता भी सक्रिय रहेगा।
अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था का लिया जायजा लेने बालटाल बेस कैंप पहुंची रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण.
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