सीबीआई निदेशक पद से हटाए गए आलोक वर्मा पर सरकारी आदेश की अवज्ञा के लिए पेंशन लाभ रोके जाने सहित विभागीय कार्रवाई की जा सकती है।
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1979 बैच के अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम एवं केंद्र शासित प्रदेश (एजीएमयूटी) कैडर के अधिकारी वर्मा का तबादला महानिदेशक दमकल सेवा, नागरिक सुरक्षा एवं गृह रक्षा के पद पर कर दिया गया था।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई निदेशक पद की दौड़ में 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी और मुंबई पुलिस आयुक्त सुबोध कुमार जायसवाल, उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओ.पी. सिंह और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के प्रमुख वाई.सी. मोदी आगे चल रहे हैं।
सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा ने आज अपनी सेवा से इस्तीफा दे दिया। गुरुवार को प्रधानमंत्री द्वारा सीबीआई प्रमुख के पद से हटाए जाने के एक दिन बाद वर्मा ने अपना इस्तीफा दिया।
खड़गे ने वर्मा को हटाए जाने का विरोध किया था और उनका कार्यकाल बढ़ाने की मांग की थी।
आलोक वर्मा को CBI निदेशक पद से हटाए जाने की पृष्ठभूमि में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने शुक्रवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली उच्चस्तरीय चयन समिति ने भ्रष्टाचार और कर्त्तव्य में लापरवाही बरतने के आरोप में गुरुवार को वर्मा को पद से हटा दिया।
8 पेज की CVC रिपोर्ट में आलोक वर्मा पर ना सिर्फ गंभीर आरोप हैं बल्कि साफ लिखा है कि उनके खिलाफ जो शिकायतें मिली हैं, जो इल्जाम हैं और जो सबूत दिए गए हैं उनकी जांच जरूरी है और यही वजह है कि आलोक वर्मा का CBI डायरेक्टर पद पर रहना ठीक नहीं होगा।
कार्यकाल ख़त्म होने के 21 दिन पहले आलोक वर्मा को सीबीआई डायरेक्टर के पद से हटाकर सिविल डिफेंस, फायर सर्विसेस और होम गार्ड विभाग का महानिदेशक बना दिया गया है जबकि नागेश्वर राव दोबारा सीबीआई के अंतरिम निदेशक बना दिए गए हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को कहा कि सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा को दो बार हटाया जाना दर्शाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘‘अपने ही झूठ में फंस गये हैं’’
आलोक वर्मा के भविष्य पर विचार करने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति की बैठक में लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सीबीआई निदेशक को पद से हटाने के कदम का विरोध किया।
केन्द्रीय सतर्कता आयोग (CVC) द्वारा उसकी जांच रिपोर्ट में भ्रष्टाचार और कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही के आरोपों के कारण आलोक वर्मा को सीबीआई प्रमुख के पद से हटना पड़ा।
CBI निदेशक आलोक वर्मा को उनके पद से हटा दिया गया है, सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सिलेक्शन पैनल ने हटाने का फैसला किया है
सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय के फैसले का मैं पूरी तरह से स्वागत करता हूं। वर्मा जैसे ईमानदार अधिकारी को इस तरह से बेइज्जत करना दुर्भाग्यपूर्ण रहा।’’
कांग्रेस ने दावा किया है कि मोदी देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री बन गए हैं जिनके ‘गैरकानूनी आदेशों’ को शीर्ष अदालत ने रद्द कर दिया है।
आकोल वर्मा को छुट्टी पर भेजने वाले केंद्र सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने गलत ठहराया। इसी के साथ SC ने वर्मा को बहाल भी कर दिया, हालांकि, वो कोई भी बड़ा फैसला नहीं ले पाएंगे।
CBI बनाम CBI विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने आकोल वर्मा को उनके अधिकारों से वंचित कर अवकाश पर भेजने के केन्द्र के फैसले को गलत बताकर वर्मा को बहाल कर दिया है। हालांकि, वो अभी भी बड़े फैसले नहीं ले पाएंगे।
CBI बनाम CBI विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने आकोल वर्मा को उनके अधिकारों से वंचित कर अवकाश पर भेजने के केन्द्र के फैसले को गलत बताकर वर्मा को बहाल कर दिया है। हालांकि, वो अभी भी बड़े फैसले नहीं ले पाएंगे।
CBI बनाम CBI विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने आकोल वर्मा को उनके अधिकारों से वंचित कर अवकाश पर भेजने के केन्द्र के फैसले को गलत बताकर वर्मा को बहाल कर दिया है। हालांकि, वो अभी भी बड़े फैसले नहीं ले पाएंगे।
सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा से अधिकार वापस लेने और उन्हें छुट्टी पर भेजने के केंद्र के फैसले के खिलाफ दायर वर्मा की याचिका पर सुनवाई कर रहे उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार की कार्रवाई के पीछे की भावना संस्थान का हित होनी चाहिए।
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