देश में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इस मुद्दे का संज्ञान लेते इलाहाबाद हाई कोर्ट ने PM मोदी और चुनाव आयोग से चुनावी रैलियों पर रोक लगाने की मांग की है।
शरजील की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह ने कहा, “किसी भी मामले में वह भाषण उत्तर प्रदेश राज्य के भीतर दिया गया और अलीगढ़ में दिए गए भाषण के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गई।”
संविधान के अनुच्छेद 14 के हिसाब से हम सब लोग एक समान हैं। कई ऐसे अनुच्छेद हैं जो जाति, धर्म, भाषा के नाम पर भेदभाव करने से रोकता है। समानता, समन अवसर और समान अधिकार भारतीय संविधान की आत्मा है। दो दिन पहले यही बात इलहाबाद हाईकोर्ट ने भी कही है, जिससे देश में नए सिविल कोड को लेकर बहस छिड़ गई है। वहीं मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा है कि समान नागरिक संहिता किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं होगी। देखिए कुरुक्षेत्र सौरव शर्मा के साथ।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोर्ड देश की जरूरत है और इसे अनिवार्य रूप से लाया जाना चाहिए।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने समाजवादी पार्टी की पिछली सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति को धोखाधड़ी के एक मामले में लखनऊ की सांसद-विधायक अदालत (एमपीएमएलए की विशेष कोर्ट) से मिली जमानत पर रोक लगा दी है।
अदालत ने राज्य सरकार को यह निर्देश भी दिया कि जांच अधिकारियों को समय-समय पर उचित प्रशिक्षण दिया जाना आवश्यक है।
बता दें कि विश्वनाथ मंदिर परिसर में तामील ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर साल 1991 में एक मुकदमा दायर हुआ था, जिसमे मांग की गई थी कि मस्जिद स्वयंभू विश्वेश्वर मंदिर का एक अंश है जहां हिंदू आस्थावानों को पूजा-पाठ, दर्शन और मरमम्त का अधिकार है।
राना के वकील ने पीठ के समक्ष दलील दी कि उनके खिलाफ कोई अपराध नहीं बनता क्योंकि यह उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है और आपराधिक मामला दर्ज करके इसे दबाया नहीं जा सकता है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मदरसों पर बड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि क्या कोई सेक्युलर स्टेट धार्मिक शिक्षा देने वाले मदरसे को फंड दे सकता है?
उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद ने वाराणसी की अदालत के आदेश को चुनौती दी है।
कुछ साल पहले जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने भी गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि देश में गाय को लेकर हो रहे अत्याचार रोकने के लिए यह कदम उठाया जाना जरूरी है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने शादी के लिए 21 वर्षीय युवती का अपहरण करने और गैर कानूनी तरीके से धर्म परिवर्तन कराने के आरोपी एक शादीशुदा व्यक्ति की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रयागराज में गंगा नदी के किनारे पड़े शवों का अंतिम संस्कार करने का निर्देश राज्य सरकार को देने की मांग वाली एक जनहित याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने पूर्व मंत्री आजम खान को समाजवादी पार्टी की सरकार में उत्तर प्रदेश जल निगम में इजीनियर, क्लर्क और स्टेनोग्राफर के 1300 पदों पर भर्ती मामले में शुक्रवार को अग्रिम जमानत देने से इंकार करते हुए उनकी अर्जी खारिज कर दी।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ‘राम भरोसे’ वाले आदेश के बाद अब योगी सरकार के कोरोना प्रबंधन को सराहा है। हाईकोर्ट ने छोटे जिलों बहराइच, श्रावस्ती, बिजनौर, बाराबंकी और जौनपुर में चिकित्सा बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर संतोष व्यक्त किया।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी जिसमें कहा गया था कि कोविड-19 महामारी के बीच उत्तर प्रदेश के गांवों और छोटे शहरों में समूची स्वास्थ्य प्रणाली ‘राम भरोसे’ है।
पीठ ने कहा कि खबरों में लोगों ने आरोप लगाया है कि हाल में पंचायत चुनावों में कोविड-19 संबंधी दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया गया। पीठ ने कहा कि ऐसा लगता है कि चुनावी ड्यूटी पर तैनात कर्मियों को इस घातक संक्रमण से बचाने के लिए न तो पुलिस और न ही चुनाव आयोग ने कुछ किया।
उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सोमवार को प्रदेश सरकार को राज्य के सबसे अधिक प्रभावित पांच शहरों- प्रयागराज, लखनऊ, वाराणसी, कानपुर नगर और गोरखपुर में आगामी 26 अप्रैल तक के लिए लॉकडाउन लगाने का निर्देश दिया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के पांच सबसे अधिक कोरोना प्रभावित शहरों में 26 अप्रैल तक कंप्लीट लॉकडाउन का आदेश दिया है। राज्य सरकार को पूरे प्रदेश में 15 दिन के लॉकडाउन पर विचार करने को भी कहा। आज रात से प्रभावी होगा लॉकडाउन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लखनऊ, गोरखपुर, प्रयागराज, वाराणसी और कानपुर में लॉकडाउन का आदेश दिया है।
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस की तेज रफ्तार देखते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सूबे की योगी सरकार को पूर्ण लॉकडाउन पर विचार करने का निर्देश दिया है।
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