अलीगढ़ में एक्सीडेंट करने के बाद तेजी से भागते एक ट्रक ने कई लोगों को रौंद दिया। घटना में तीन लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। वहीं कई लोग घायल हो गए हैं।
आरोपी प्रोफेसर ने बुधवार को कुलपति को पत्र लिखकर बिना शर्त माफी मांगते हुए कहा है कि उनका इरादा किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई जिलों के नामों को बदलने पर काम आगे बढ़ चुका है और जल्द ही इनके नए नाम सामने आ सकते हैं।
अभियोजन पक्ष के अनुसार इमाम ने 13 दिसंबर, 2019 को जामिया मिलिया इस्लामिया और 16 दिसंबर, 2019 को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में कथित रूप से भाषण दिये थे।
Karnataka के Udupi से शुरू हुआ Hijab Controversy धीरे-धीरे देशभर में फैलता नजर आ रहा है. हिजाब विवाद को लेकर छात्र-छात्राएं भी इसमें कूद पड़े हैं. देश के अलग-अलग हिस्सों में छात्र इसके समर्थन और विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं. हिजाब विवाद की आग से Uttar Pradesh भी अछूता नहीं है. इस मुद्दे को लेकर कुछ दिन पहले ही AMU के छात्रों ने एक पदयात्रा भी निकाली थी. ऐसे में यह जानना आवश्यक हो जाता है कि आखिर एएमयू का छात्र इस विवाद को लेकर क्या सोचता है? शिक्षण संस्थानों में छात्राओं के हिजाब पहनने पर एएमयू में पढ़ने वाले स्टूडेंटस की सोच क्या है? इसके बारे में जानने के लिए इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम ने एएमयू के छात्रों के बीच पहुंची. जहां यहां पढ़ने वाले छात्रों ने इस विवाद को लेकर अपनी राय हमारे साथ साझा की.
Karnataka में हुए Hijab Controversy को लेकर आम जनता क्या सोचती है? जानने के लिए इंडिया टीवी (India TV)’ का खास शो (Show) ‘ये पब्लिक है सब जानती है’ (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai) की टीम अलीगढ़ आम लोगों के बीच पहुंची थी. बातचीत के दौरान अलीगढ़ की आम जनता ने कहा कि शिक्षण संस्थानों में कोई भी धार्मिक कपड़े पहनकर जाना ठीक नहीं है। शिक्षण संस्थानों में ड्रेस कोड होना चाहिए. वहीं हिजाब और सिखों की पगड़ी की तुलना के बारे में जब टीम ने सवाल किया तो लोगों का कहना था कि हिजाब में पहचान छुप जाती है, जिससे आतंकी हमले भी होने की आशंका रहती है. वहीं पगड़ी में किसीकी पहचान नहीं छुपती. इसलिए हिजाब का पगड़ी से तुलना करना सही नहीं है.
कर्नाटक का हिजाब विवाद कई दिनों से देश भर में छाया हुआ है। इस मामले पर हर पार्टी के नेता प्रतिक्रिया दे रहे हैं। वहीं, हिजाब प्रकरण का असर अब उत्तर प्रदेश में भी दिखने लगा है।
अलीगढ़ की छात्राओं ने कहा कि ‘हिजाब पहनना हमारा राइट है। हमारा हक कोई नहीं छीन सकता। हमारे इस्लाम में दिया गया है कि हम हिजाब पहनें। हम खुद को ढंक सके ताकि दुनिया की गंदी नज़र से खुद को बचा सकें।’
Karnataka का Hijab Controversy कई दिनों से देश भर में छाया हुआ है. इस मामले पर हर पार्टी के नेता प्रतिक्रिया दे रहे हैं. मामला कोर्ट से लेकर TV डिबेट तक खूब सुर्खियां बटोर रहा है. वहीं अब इस मामले में यूपी के Aligarh University की छात्राओं ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है. दरअसल Uttar Pradesh में विधानसभा का चुनाव हो रहा है. इस चुनाव में जनता का मूड समझने 'इंडिया टीवी’ का खास शो ‘ये पब्लिक है सब जानती है’ की टीम हर विधानसभा पहुंचकर लोगों से चर्चा कर रही है. इसी सिलसिले में टीम अलीगढ़ यूनिवर्सिटी पहुंची जहां हिजाब का मुद्दा छाया हुआ था. छात्राओं ने कहा कि ‘’हिजाब के नाम पर देश में राजनीति हो रही है. हिंदू-मुस्लिम को बांटने की कोशिश हो रही. हिजाब बहुत पहले से पहना जा रहा है. यह मुद्दा पहले क्यों नहीं उठा? सिख पगड़ी क्यों पहनते हैं? स्कूल में सरस्वती पूजा, गायत्री मंत्र क्यों होता है?’
सोमवार तक फिलहाल हिजाब पहनना मना है। लेकिन हिजाब पर सियासत अभी भी चालू है। आज उत्तर प्रदेश चुनाव में ओवैसी भाईजान ने हिजाब का मुद्दा एक बार फिर उठाया। इससे भी बड़ी घटना दिल्ली में हुई। वही पुराने नारे सुनाई दिए। वही पुराने कैरेक्टर दिखाई दिए। शाहीन बाग़ में अब एक नई प्रयोगशाला खुली है। हकीकत क्या है में आज जानिए शाहीन बाग में क्या हो रहा है?
पुलिस के मुताबिक शरजील इमाम ने 13 दिसंबर 2019 को दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया में और 16 जनवरी 2020 को यूपी के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दिया दिया। फिलहाल वो दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है।
कोरोना को लेकर सीएम योगी ने कहा, "कोरोना के अब तक जो परिणाम आए हैं इससे मैं कह सकता हूं कि तीसरी लहर खतरनाक नहीं है लेकिन सावधानी बरतनी जरूरी है क्योंकि इसमें संक्रमण तीव्र है। जो इसके चपेट में आ रहा है अगर उसमें लक्षण हैं तो उसे बुखार रहता है और 3-5 दिन में उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आ जाती है।"
अलीगढ़ के बाहरी उत्तरी जिला के स्पेशल स्टाफ ने एक बड़ी सफलता हासिल कर ली है। साल के शुरुआत में ही अवैध हथियारों की एक फैक्ट्री पर छापा मारकर भारी मात्रा में हथियार जब्त किया है। साथ ही हथियार बनाने का सामान भी जब्त किया है।
Uttar Pradesh में गन्ना Farmers और चीनी मिल हमेशा से ही सभी दलों के लिए एक अहम चुनावी मुद्दा रहा है. कुछ चीनी मिलों को छोड़ दें तो आजादी के बाद से लेकर अब तक देश में कई चीनी मिले बंद हो चुकी हैं. कई बंद होने की कगार पर हैं. जो चल भी रही उनकी हालत बहुत अच्छी नहीं है. उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections) की तारीखों का एलान कर दिया गया है. इस बार प्रदेश में 7 चरणों में मतदान होगा. सभी दल जीत के लिए सियासी रणनीति बनाने में लग चुके हैं. ऐसे में गन्ना किसान और चीनी मिलों से जुड़े मुद्दों को भुलाया नहीं जा सकता. इसी चुनावी समर के बीच 'इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम ने Najibabad Sugar Mill, Bijnor पहुंची. जहां चीनी बनाने की प्रक्रिया को जानने की कोशिश की. साथ ही वहां काम करने वाले मजदूरों और गन्ना किसानों और इस कारोबार से जुड़े लोगों ने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी बात रखी.
Uttar Pradesh Assembly Election 2022 के लिए सभी दलों ने तैयारियां शुरु कर दी है. लेकिन इस सियासी उठापटक के बीच Aligarh का ताला व्यापार की अपनी मुश्किलें हैं. जिस तरफ किसी दल का ध्यान नहीं जाता. बीते दो सालों से Covid Pendemic के कारण वैश्वविक मंदी की मार झेल रहा अलीगढ़ का ताला कारोबार आज अपने सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहा है. बीते कुछ सालों में ताला बनाने में इस्तेमाल होने वाली धातुओं के दाम 15-35 फीसदी तक बढ़ गए हैं. कोरोना संक्रमण के चलते लागत लगातार बढ़ रही है लेकिन कारोबार निरंतर घट रहा है. कारोबारियों को अब ऑर्डर कम मिलने लगे हैं. इस कारोबार से जुड़े लोगों की माने तो अलीगढ़ में 5 हजार से भी अधिक ताला बनाने वाली यूनिट हैं. जिनमें लाखों लोगों को रोजगार मिलता है. अलीगढ़ ताला उद्योग (Aligarh Lock Industry) से जुड़े लोग इस बार विधानसभा चुनाव में किन मुद्दों को लेकर वोटिंग करेंगे. इन सब सवालों का जवाब खोजने के लिए 'इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम की अलीगढ़ के ताला कारोबार से जुड़े लोगों के बीच पहुंचा. जहां लोगों ने कारोबार और आगामी चुनाव को लेकर अपने विचार हमारे साथ साझा किए.
उत्तर प्रदेश की बरौली विधानसभा सीट चुनाव के लिहाज से BJP के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. क्योंकि भाजपा ने 2017 में 24 साल बाद यहां जीत हासिल की थी. भाजपा के ठाकुर दलवीर सिंह इस सीट पर जीत कर विधायक बने थे. 2017 में भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ने से पहले वह राष्ट्रीय लोक दल (RLD) का हिस्सा थे. लेकिन चुनाव से ठीक पहले उन्हें भाजपा का दामन थाम लिया था. इस विधानसभा सीट पर ठाकुर मतदाता की मजबूत पकड़ मानी जाती है. ठाकुर के अलावा यहां लोध, ब्राह्मण और मुस्लिम मतदाता भी निर्णायक भूमिका में है. बरौली विधानसभा में चुनाव 10 फरवरी को कराए जाएंगे. इस सीट पर सभी दल अपने-अपने जिताऊ उम्मीदवार की तलाश में लग गए हैं. इसी चुनावी समर के बीच 'इंडिया टीवी' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है' की टीम अलीगढ़ जिले की बरौली विधानसभा क्षेत्र की जनता के बीच पहुंचा. जहां लोगों ने आगामी चुनाव को लेकर अपने विचार हमारे साथ साझा किए.
इस विधानसभा सीट पर 10 फरवरी को मतदान होने हैं। इस विधानसभा में करीब 4 लाख वोटर हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के अनिल पाराशर को जीत मिली थी।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) के लिए तारीखों (Poll Dates) का एलान हो चुका है. इसी चुनावी समर के बीच सभी राजनीतिक दल राजनीतिक गुणा-भाग में लग चुके हैं. उत्तर प्रदेश की कोल विधानसभा सीट अलीगढ़ जिले (Koil Assembly Seat , Aligarh District) में आती है. कोल अलीगढ़ की 7 विधानसभा सीटों में से एक है. इस सीट पर भाजपा (BJP) के अनिल पाराशर (MLA Anil Parashar) मौजूदा विधायक हैं. 2017 में अनिल पाराशर (MLA Anil Parashar) ने समाजवादी पार्टी (samajwadi Party) के शाज इसहाक (Shaz Ishaq) को इस सीट से हराया था. कोल विधानसभा सीट ( koil Assembly Seat, Aligarh District) पर कुल मतदाता की संख्या करीब 4 लाख है. जिनमें से 2 लाख 15 हजार के करीब पुरुष मतदाता (Male Voters) और 1 लाख 85 हजार के करीब महिला मतदाता (Female Voters) हैं. चुनाव में कोल विधानसभा ( koil Assembly Seat, Aligarh District) की जनता किस पार्टी के पक्ष में वोटिंग करगी. इन्हीं सवालों का जवाब जानने के लिए 'इंडिया टीवी (India TV)' का खास शो 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम कोल विधानसभा में जनता के बीच पहुंची. जहां उनसे यहां के प्रमुख मुद्दों को लेकर बातचीत की. स्थानीय लोगों ने आगामी चुनाव को लेकर बताया कि इस बार के चुनाव में उनके लिए क्या अहम मुद्दे होने वाले हैं.
30 किलो की चाभी से खुलने वाले इस ताले को अयोध्या में बन रहे भगवान श्री राम मंदिर को दंपति द्वारा समर्पित किया जाएगा। दो लाख वाले इस ताले पर रामदरबार की आकृति उकेरी गई है।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के बाहर मौजदू लोगों ने कहा कि राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए ये सब (जिन्ना) मुद्दा बनाया जाता है, मोहम्मद अली जिन्ना यहां का इतिहास थे और उसे कोई टाल नहीं सकता।
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