दुनिया के खूंखार आतंकी ओसामा बिन लादेन को लेकर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री ने अब एक नया खुलासा किया है। बता दें कि अमेरिका ने अलकायदा के इस आतंकी को वर्ष 2011 के एक हवाई हमले में पाकिस्तान के एबटाबाद में मार गिराने का दावा किया था।
इन दोषियों पर आतंक और हिंसा के माध्यम से अपने भारत विरोधी एजेंडे को बढ़ावा देने की योजना के आरोप थे।
खुफिया सूचना के आधार पर प्रांत के विभिन्न जिलों में 74 अभियान चलाए गए और हथियारों, विस्फोटकों तथा अन्य प्रतिबंधित सामग्रियों के साथ 8 आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया।
America Action on Terrorism: लंबे समय बाद अमेरिका ने कई आतंकी संगठनों पर कड़ी कार्रवाई की है। इन आतंकी संगठनों को वैश्विक घोषित करते हुए उन पर बैन भी लगा दिया है। इनमें से एक्यूआइएस आतंकी संगठन भी शामिल है, जो भारतीय उपमहाद्वीप में सक्रिय था।
‘निंजा’ मिसाइल दागे जाने पर विस्फोट नहीं होता और नुकसान भी बहुत कम होता है। साथ ही आम लोगों के हताहत होने की गुंजाइश भी कम होती है। ये व्यक्तियों और संपत्ति को नुकसान पहुंचाए बिना अपने लक्ष्य को भेदने में सक्षम होती हैं, लेकिन अन्य ‘सुपर’ हथियार लोगों के जीवन जीने के तरीके और युद्ध लड़ने के तरीकों को बदल सकते हैं।
इससे पहले अल-कायदा के उत्तराधिकारी के चुनाव के लिए ये प्रक्रिया 2011 में ओसामा की मौत के बाद अपनाई गई थी। अल-जवाहिरी को शूरा के सदस्यों से "बायत" या निष्ठा की प्रतिज्ञा प्राप्त करने की जरूरत थी।
अल-जवाहिरी ने भारतीय युवाओं को भड़काने के लिए वीडियो भी जारी किए हैं। उसने मरने से पहले अपने हालिया वीडियो में भारत के कर्नाटक राज्य का हिजाब विवाद उठाया था।
‘9/11 जस्टिस’ एक जमीनी स्तर का संगठन है, जिसमें हमले में जीवित बचे लोग, हमले में जान गंवाने वाले लोगों के परिवार के सदस्य शामिल हैं। समूह ने एक बयान में बाइडेन से आग्रह किया कि वे 9/11 के पीड़ितों का साथ देना जारी रखें और इस हमले के पीड़ितों के लिए इंसाफ की मांग करने वालों का समर्थन करते रहें।
आतंकवादी संगठन अलकायदा का सरगना अल जावहिरी अफगानिस्तान के काबुल में अमेरिका द्वारा मार गिराया गया। इस पर खुशी जाहिर करते हुए, बीजेपी सांसद रवि किशन ने कहा कि अल जवाहिरी के मारे जाने से हमें बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। लेकिन भारत में ऐसे कई अल जवाहिरी छिपे हैं, इन सभी को चुन-चुन कर मारा जाना चाहिए।
तालिबान ने शुरुआत में इस हमले को अमेरिका की ओर से दोहा समझौते का उल्लंघन करने वाला दिखाने की कोशिश की। समझौते में यह भी कहा गया है कि अमेरिका पर हमले की मंशा रखने वाले को तालिबान शरण नहीं देगा।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सोमवार को घोषणा की कि केंद्रीय खुफिया एजेंसी (सीआईए) द्वारा काबुल में शनिवार शाम किए गए ड्रोन हमले में जवाहिरी मारा गया है। जवाहिरी काबुल स्थित एक मकान में अपने परिवार के साथ छिपा था।
पाकिस्तान ही अकेला ऐसा देश है, जो अमेरिका के किलर ड्रोन को यहां से गुजरने के लिए रास्ता दे सकता है। यहां ये बात इसलिए भी जरूरी है क्योंकि पाकिस्तान और तालिबान का रिश्ता इन दिनों बुरे दौर से गुजर रहा है।
अल-जवाहिरी 9/11 हमले की साजिश रचने वालों में से एक था। इस घातक हमले के बाद अमेरिका में कई सरकारें आईं और कई गईं, राष्ट्रपति भी बदलते रहे, लेकिन इस देश ने आतंकियों के खात्मे का अपना अभियान जारी रखा।
Al Zawahiri: CIA के इस मिशन में खतरनाक MQ-9 रीपर एएस ड्रोन का प्रयोग किया और इस ड्रोन को इससे दोगुनी खतरनाक मिसाइल R9X हेलफायर से लैस किया था। इस मिसाइल को दुनिया का सबसे ज्यादा एडवांस्ड हथियार माना जाता है।
अमेरिकी वायु सेना ने इसे अपना सबसे खतरनाक हथियार बताया है। यह सटीक समय पर दुश्मन पर निशाना लगा सकता है। रीपर ड्रोन इतना घातक है कि सर्विलांस पर भी इसका पता नहीं चलता है।
Al Zawahiri Death: जिस तरह के किले में ओसाम बिन लादेन रहता था, ठीक वैसे ही घर में अल-जवाहिरी भी रहा करता था। ये घर अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के शेरपुर में है। इस चार मंजिला इमारत में एक बेसमेंट भी था और इस बंगले को उसी तरह बनाया गया, जैसा पाकिस्तान में बंगले बनाए जाते हैं।
Al Zawahiri Killed: अमेरिका पर 9/11 हमलों की साजिश अल-जवाहिरी और ओसामा बिन-लादेन ने मिलकर रची थी। इस हमले में 3000 से अधिक अमेरिकी नागरिक मारे गए थे। ओसामा बिन-लादेन को ‘यूएस नेवी सील्स’ ने दो मई 2011 को पाकिस्तान में एक अभियान में मार गिराया था।
Al Zawahiri Killed: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बताया कि अफगानिस्तान के काबुल में सफलतापूर्वक ड्रोन स्ट्राइक की गई, जिसमें अलकायदा का सरगना अयमान अल-जवाहिरी मारा गया।
लखनऊ में पकड़े गए अल-कायदा के दोनों आतंकियों को लखनऊ की एक कोर्ट ने 14 दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया है। कोर्ट ने मिन्हाद अहमद और मसीरुद्दीन दोनों आतंकियों को पुलिस की रिमांड में भेज दिया है।
जमशेदपुर से अलकायदा के मोस्टवांटेड आतंकी कलीमुद्दीन को गिरफ्तार किया गया है। लंबे समय से फरार चल रहे कलीमुद्दीन को झारखंड ATS ने गिरफ्तार किया है।
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