महाराष्ट्र विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे ने कहा कि समय उन 40 विधायकों से बदला ले रहा है, जिन्होंने उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत की थी।
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र देवेंद्र फडणवीस से वित्त और नियोजन विभाग वापस लेकर अजित पवार को सौंपा गया है। इन्हीं दो मंत्रालयों को लेकर पेंच फंसा हुआ था।
महाराष्ट्र सरकार में शामिल अजित पवार और उनके मंत्रियो को आज पोर्टफोलियो मिलने की संभावना है। इस बीच सूत्रों ने ये भी बताया कि अजित पवार और उनके गुट के मंत्रियों को कौनसे विभाग दिए जा सकते हैं।
महाराष्ट्र सरकार में एनसीपी का अजित पवार का गुट शामिल होने के बाद से शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी के विधायकों के बीच बेचैनी बढ़ गई है। इससे शिंदे सरकार की छवि पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
महाराष्ट्र सरकार में शपथ लिए एनसीपी के अजित पवार गुट को एक हफ्ते से ज्यादा का समय बीत चुका है लेकिन अभी तक विभागों का आवंटन नहीं हो सका है।
शिवसेना उद्धव गुट के नेता संजय राऊत ने महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार को लेकर सीएम शिंदे और डिप्टी सीएम अजित पवार पर बड़ा वार किया है। राउत ने कहा कि शिंदे और अजित को अब दिल्ली जाकर मुजरा करना पड़ता है।
महाराष्ट्र में अजित पवार के शिंदे सरकार में शामिल होने के बाद से विभागों के बंटवारे पर चल रही खींचतान दिल्ली पहुंच गई है। अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।
महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचल जारी है। अजित पवार के दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात होने वाली है। इसे लेकर शरद कैंप ने तंज कसा है और कहा है कि जो राजा थे वे अब सूबेदार बन रहे हैं।
महाराष्ट्र की शिंदे फडणवीस सरकार में विभागों के बंटवारे को लेकर सुलह नहीं हो पाई है। यही वजह है कि अजीत पवार और प्रफ्फुल पटेल आज शाम साढ़े 5 बजे दिल्ली रवाना होंगे।
महाराष्ट्र की सरकार में अजित पवार गुट के शामिल होने के बाद से सूबे में सियासी हलचल मची हुई है और अभी तक मंत्रालयों का बंटवारा नहीं हो पाया है।
शिंदे-फडणवीस सरकार में 2 जुलाई को अचानक से अजित पवार की एंट्री हुई। अजित पवार समेत 9 विधायकों को एनसीपी की तरफ से मंत्री बनाया गया था लेकिन अब तक अजित पवार और उनके साथ मंत्री बने नेताओं को विभाग यानी पोर्टफोलियो नहीं दिया गया है। वहीं, सरकार में भी तीनों खेमों में बेचैनी बनी हुई है।
शिंदे-फडणवीस सरकार में 9 दिनों पहले 2 जुलाई को अचानक से अजित पवार की एंट्री हुई। अजित पवार समेत 9 विधायकों को एनसीपी की तरफ से मंत्री बनाया गया था।
इस साल दो जुलाई को राकांपा में अजित पवार के नेतृत्व में बगावत हुई और वह उपमुख्यमंत्री के रूप में शिंदे सरकार में शामिल हो गए। राकांपा के आठ अन्य विधायकों ने शिंदे सरकार में मंत्री पद की शपथ ली।
रविवार 2 जुलाई को शपथ ग्रहण कार्यक्रम में अकोला से विधायक किरण लाहमटे अजित पवार के साथ दिखे थे, लेकिन उसके बाद वह शरद पवार गुट में लौट आये थे। वहीं अब एक बार फिर से उन्होंने पलटी मारी है।
भतीजे अजित पवार के अलग हो जाने के बाद शरद पवार एकबार फिर से मैदान में उतर चुके हैं। वह येवला में शनिवार को एक रैली करके राज्यव्यापी दौरा शुरू कर रहे हैं। येवला पार्टी के बागी नेता और मंत्री छगन भुजबल का निर्वाचन क्षेत्र है।
महाराष्ट्र के सीएम शिंदे और डिप्टी सीएम के बीच कल देर रात एक बैठक हुई जिसमें अजित गुट के विभागों के बंटवारे को लेकर चर्चा हुई। इससे पहले बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने भी बीजेपी विधायकों के साथ बैठक कर ये साफ किया कि अजित गुट को शामिल करने का फैसला पार्टी हाईकमांड से आया था।
मैं शरद पवार की इस हिम्मत की दाद दूंगा कि स्वास्थ्य उनका साथ नहीं देता, उम्र भी उनकी तरफ़ नहीं है, वो सारे नेता जिन्हें उन्होंने बनाया था साथ छोड़ गए, तो भी वो युद्ध के मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं.
संजय राउत ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर तंज कसते हुए कहा कि जब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए सीटों का बंटवारा होगा तब एकनाथ शिंदे से चर्चा भी नहीं की जाएगी।
अठावले ने इस बारे में कहा कि मैं आज अजित पवार से मिला। उन्होंने सही फैसला लिया है। मैं उनके साथ काफी समय से हूं। पीएम नरेंद्र मोदी सभी को एक साथ लेकर चलना चाहते हैं।
शिंदे गुट के नाराज विधायकों का कहना है कि हम पहले जहां थे वहीं अच्छे थे। मातोश्री से माफी मांगकर लौटना चाहते हैं। इस मामले पर अंतिम फैसला उद्धव ठाकरे को लेना है।
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