राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में टूट के साथ ही एक बार फिर महाराष्ट्र में सियासी उथल-पुथल का दौर शुरू हो गया है और इसके आने वाले कुछ दिनों तक जारी रहने के पूरे आसार हैं।
महाराष्ट्र की सियासत के चाणक्य माने जाने वाले शरद पवार ने शायद भतीजे अजित की बगावत के बावजूद हार नहीं मानी है और वह पूरे सूबे का दौरा करने की बात कह रहे हैं।
महाराष्ट्र की राजनीति में रविवार को शुरू हुआ घमासान सोमवार को भी जारी रहा। अब एनसीपी के दूसरे धड़े के नेता प्रफुल्ल पटेल ने इंडिया टीवी के साथ खास इंटरव्यू में बताया कि क्यों और कैसे शरद पवार का साथ छोड़ा?
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में जबरदस्त सियासी तूफान चल रहा है. शरद पवार(Sharad Pawar) ने तवे पर पलटकर जो रोटी सेंकी थी, उसे अजीत पवार(Ajit Pawar) खा गए. अब झगड़ा इस बात का चल रहा है कि चूल्हा किसका है. शरद पवार ने प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे को पार्टी से निकालने का एलान कर दिया.
महाराष्ट्र में जो हुआ, वो 51 साल में नहीं हुआ और देश में जो होने वाला है वो 1984 के बाद कभी नहीं हुआ. कोई सोच सकता था कि महाराष्ट्र में ऐसी सरकार बन जाएगी जिसके पास 200 से ज़्यादा विधायकों का समर्थन होगा, जबकि बीजेपी सिर्फ़ 105 विधायक जीतकर आई थी.
Maharashtra Politics: अजित पवार(Ajit Pawar) ने अपने नए गठबंधन का किया ऐलान, बीजेपी और एकनाथ शिंदे के साथ बनाई 'महायुति'
Opposition Unity एंटी मोदी मोर्चा बनने से पहले ही बिखरता दिख रहा है. शुरुआत महाराष्ट्र से हुई है जहां महाअघाड़ी में सेंध लग गयी. अजित पवार अब बीजेपी के साथ आकर बैठ गए हैं. यूपी में ओम प्रकाश राजभर योगी से मुलाकात के बाद बदले सुर में हैं.
महाराष्ट्र में जो हुआ वो चौंकाने वाला नहीं है। अजित पवार ये प्रयोग 2019 में ही कर चुके थे.. वो फिर बीजेपी की शरण में चले गए। नए गठबंधन को नाम दिया है महायुति। हालांकि इसका अनुमान पहले ही लगाया जा रहा था। मगर मुंबई से लेकर नागपुर तक जो चर्चा है वो चौंकाने वाली है.
अजित पवार ने अपने नए गठबंधन का किया ऐलान, बीजेपी और एकनाथ शिंदे के साथ बनाई 'महायुति'.
महाराष्ट्र में जो हुआ वो चौंकाने वाला नहीं है। अजित पवार ये प्रयोग 2019 में ही कर चुके थे, फिर बीजेपी की शरण में चले गए हैं। अब कर्नाटक के पूर्व सीएम को इस बात का डर लग रहा है कि कर्नाटक से अगले अजित पवार के रूप में कौन उभरने वाला है।
इस वक्त महाराष्ट्र में जबरदस्त सियासी हलचल है। शरद पवार की राजनीति विसर्जित हो रही है। कुनबा बगावत करके पवार को छोड़ गया लेकिन पवार कहते हैं कि वह तीन महीने के भीतर पार्टी को फिर खड़ी कर देंगे।
महाराष्ट्र में रविवार को शुरू हुआ सियासी भूचाल अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को भी दिन भर जहां बयानों से राजनीति गरमाती रही वहीं जैसे ही शरद पवार ने अजित गुट पर कार्रवाई की वैसे ही अजित ने कई ऐलान कर दिए।
महाराष्ट्र की राजनीति के लिए रविवार का दिन काफी उथल-पुथल भरा रहा। भतीजे अजित पवार के एनसीपी छोड़कर शिंदे नीत सरकार का हिस्सा बनने पर चाचा शरद पवार ने कहा-मुझे कोई दुख नहीं।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे आज ‘गुरु पूर्णिमा’ के अवसर पर शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के स्मारक पर जाकर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। इससे पहले शरद पवार भी अपने राजनीतिक गुरु और पूर्व सीएम यशवंत राव चव्हाण को श्रद्धांजलि देने सतारा के कराड पहुंचे थे।
Kahani Kursi Ki : महाराष्ट्र की सियासत में कल जो बड़ा भूचाल आया था.... आज उसका आफ्टर इफेक्ट्स का दिन है.... कौन किससे मिला... किसके साथ कितने सांसद और विधायक हैं...
अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए इन दोनों नेताओं के सामने जो भी आता है उसका रास्ता साफ करके ये आगे बढ़ने वाले लोग हैं। विजय वडेट्टीवार ने कहा कि कांग्रेस की जो भूमिका पहले थी, वही भूमिका आज भी है।
पार्टी टूटने के बाद NCP प्रमुख शरद पवार ने अपने समर्थकों को संबोंधित किया। अपने संबोधन के दौरान शरद पवार बीजेपी पर जमकर बरसे। शरद पवार ने कहा कि कई राज्यों में बीजेपी ऐसे खेल कर रही है। उसे उसकी सही जगह दिखाएंगे।
शरद पवार से बगावत कर.. एनडीए में शामिल हुए अजित पवार को मुख्यमंत्री बनाने की मांग उठने लगी है.. अजित पवार के समर्थक अब खुलकर बोल रहे हैं कि उन्हें महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनना चाहिए
एनसीपी पर कब्जे की जंग छिड़ी है..इस बीच एनसीपी के नाम और चुनाव चिन्ह को लेकर अजित पवार कैम्प के प्रफुल्ल पटेल ने बड़ा बयान दिया है..
अजित पवार और उनके समर्थक विधायकों के शिंदे सरकार में शामिल होने की वजह से सियासी गलियारों में सुगबुगाहट तेज हो गई है। लोग अब यह देखना चाहते हैं कि शरद पवार इस मामले पर क्या रणनीति तैयार करेंगे।
संपादक की पसंद