स्पाइसजेट ने बताया कि वे मुंबई से पटना, गोरखपुर, वाराणसी और गोवा के लिए 4 नई फ्लाइट्स ऑपरेट की जाएंगी। इसके अलावा, पटना से अहमदाबाद, गुवाहाटी, कोलकाता और बेंगलुरू के लिए भी सेवाएं दी जाएंगी।
स्पाइसजेट के प्रवक्ता ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि अन्य बकाया राशि के भुगतान की प्रक्रिया चल रही है। इसके अलावा, एयरलाइन ने अलग-अलग विमान पट्टेदाताओं (Aircraft Lessors) के साथ समझौता कर लिया है।
स्पाइसजेट के सभी कर्मचारियों का जुलाई और अगस्त की सैलरी के अलावा ऐसे कर्मचारी जिन्हें जून की आधी सैलरी दी गई थी, उनके बैंक अकाउंट में भी सैलरी ट्रांसफर कर दी गई है। स्पाइसजेट के एक प्रवक्ता ने कर्मचारियों की पेंडिंग सैलरी के भुगतान की पुष्टि की है।
इंडिगो का पूरे भारत में डोमेस्टिक सेवाओं पर जबरदस्त कब्जा है। देश के घरेलू एविएशन इंडस्ट्री में इंडिगो के पास 60 प्रतिशत से भी ज्यादा हिस्सेदारी है। इंडिगो का मौजूदा फ्लीट साइज और इसकी सेवाएं इसे देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी बनाती है।
एयरलाइन ने अपनी मौजूदा समस्या के लिए फ्लीट में कमी, विमानों का ग्राउंड होना, वर्किंग कैपिटल की उच्च लागत, बढ़ती हुई निश्चित लागत, एयरपोर्ट पर निश्चित किराया और वैधानिक बकाया जैसे कारकों को जिम्मेदार ठहराया।
एनसीएलटी का ये आदेश गो फर्स्ट के समाधान पेशेवर की तरफ से दिवाला और ऋणशोधन अक्षमता संहिता (IBC) की धारा 33 (1) के तहत दायर एक आवेदन पर आया है। निर्धारित समयसीमा में उचित खरीदार खोज पाने में कर्जदाताओं के नाकाम रहने के आधार पर इस आवेदन में गो फर्स्ट के लिक्विडेशन का अनुरोध किया गया था।
डीजीसीए ने कहा, "जांच के आधार पर, प्रथम दृष्टया पाया गया कि एयर इंडिया के कई अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा विनियामक प्रावधानों में कमियां और कई उल्लंघन हैं, जिससे सुरक्षा पर काफी बुरा असर पड़ सकता है।" 22 जुलाई, 2024 को, एयर इंडिया के फ्लाइट कमांडर और स्वीकृत पदधारकों को डीजीसीए द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया
अंतरराष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ (आईएटीए) का कहना है कि भारत के बाहर फ्लाइट का ऑपरेशन करने वाली भारतीय एयरलाइंस को भी ऐसी स्थिति या मांग का सामना नहीं करना पड़ता है।
टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयर इंडिया एक्सप्रेस के लगभग 200 चालक दल के सदस्य 7 मई को एयरलाइन में कथित कुप्रबंधन के विरोध में हड़ताल पर चले गए, जिससे सैकड़ों फ्लाइट्स कैंसिल करनी पड़ गई थी।
कोहरे के कारण फ्लाइट्स की देरी और कैंसिलेशन के बीच डीजीसीए ने एक जरूरी एसओपी जारी की है। एसओपी के मुताबिक, अब सभी एयरलाइन्स को यात्रियों को सही व रियल टाइम जानकारी देनी होगी।
अगर स्थिति नहीं संभली और इस्तीफे जारी रहे तो एयरलाइन को सिर्फ सितंबर में ही 600-700 फ्लाइट्स को कैंसिल करना पड़ सकता है।
Aircraft Market Initiative: इन दिनों विमान कंपनियों द्वारा निवेश बढ़ाए जाने की खबर देखने को मिल रही है, जिसमें अपने बेड़े में नए विमान शामिल करने हो या कर्मचारी के लिए बेहतर सैलरी पैकेज का इंतजाम करना हो।
Go First Air and SpiceJet News: देश की दो एयरलाइन के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया की सुनवाई होने वाली है। इसके लिए 8 मई की तारीख तय की गई है। आइए पूरा मामला जानते हैं।
Aviation Industry: ऐसा लगता है कि गो फर्स्ट भी उसी राह पर जा रही है जिस राह पर कभी किंगफिशर गई थी। ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि क्या गो एयर भी किंगफिशर के रास्ते पर चलते हुए बिजनेस बंद करेगी? ऐसे क्यों लग रहा है? यहां समझिए।
स्पाइसजेट ने अपने नए निदेशक के नाम का ऐलान कर दिया है। यह मंजूरी शेयरधारकों की सालाना आमसभा बैठक में दी गई है।
Rakesh Jhunjhunwala: भारतीय शेयर बाजार के बिग बुल कहे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala) का निधन हो गया है। उन्होंने 62 साल की उम्र में आज सुबह 6 बजकर 45 मिनट पर आखिरी सांस ली। यह आखिरी बार आकासा एयरलाइन के उद्घाटन के दौरान दिखे थे।
सरकार ने उड़ान के 24 घंटे पहले अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रियों के PNR की जानकारियां सीमा-शुल्क विभाग को देने का प्रस्ताव 5 साल पहले के बजट में ही रखा था। लेकिन इसका औपचारिक ढांचा अब जाकर सामने आ पाया है।
Airlines News: फेयर कैप वर्तमान में 15 दिनों के साइकिल में रोलिंग बेसिस पर लागू है। यानी बुकिंग की तारीख से 15 दिनों की अवधि के बाद की टिकटों की कीमतें निर्धारित करने के लिए एयरलाइंस स्वतंत्र हैं।
Akasa Air: इस एयरलाइन के बिजनेस को झुनझुनवाला के साथ ही एयरलाइन क्षेत्र के दिग्गज आदित्य घोष और विनय दुबे देख रहे हैं। एयरलाइन कंपनी को सिविल एविएशन निदेशालय यानी कि डीजीसीए से 7 जुलाई को उड़ान की मंजूरी मिली थी।
जर्मन एयरलाइन कंपनी 'लुफ्थांसा' ने अपने 1000 से अधिक उड़ानों को रद्द कर दिया है। लुफ्थांसा की फ्लाइट रद्द होने से करीब 1.34 लाख यात्रियों को परेशानी उड़ानी पड़ी है। उन सभी यात्रियों को या तो अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ी या फिर नए सिरे से योजना बनाने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
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