पिछले कुछ दिनों से अपेक्षाकृत सुधरी हुई दिख रही दिल्ली की हवा एक बार फिर जहरीली होती जा रही है।
दिल्ली में खराब मौसम परिस्थितियों के चलते प्रदूषक तत्वों के छितराव की गति धीमी होने से यहां की वायु गुणवत्ता ‘अत्यंत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई है..
दिल्ली में हवा की गति में वृद्धि से वायु गुणवत्ता में सुधार आने के बाद भी यह ‘खराब’ श्रेणी में बनी हुई है।
दिल्ली में हवा की गति मंद रहने के चलते बुधवार को वायु की गुणवत्ता ‘‘बहुत खराब’’ श्रेणी में रही, जबकि चार इलाकों में प्रदूषण का स्तर ’गंभीर’ श्रेणी का दर्ज किया गया।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बारिश के बाद प्रदूषण से मिली कुछ राहत के बाद शहर की वायु गणवत्ता फिर से बिगड़कर खराब और अत्यंत खराब श्रेणी के बीच झूल रही है।
दिल्ली के प्रदूषण लेवल को देखते हुए शुद्ध हवा का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है ये ताजी तो नहीं है लेकिन शुद्ध होने का दावा जरूर किया जा रहा है।
बारिश ने हवा में घुले सूक्ष्म कणों को कम करने में मदद की। दिल्ली के कुछ इलाकों में सुबह से हल्की बारिश होने के कारण इसमें और कमी जारी रह सकती है।
दिल्ली के 21 इलाकों में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ और 12 इलाकों में ‘बहुत खराब’ दर्ज की गई। गाजियाबाद, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा और नोएडा में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ जबकि गुरूग्राम में वायु की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के डेटा के मुताबिक दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक 393 दर्ज किया गया जो बेहद खराब की श्रेणी में आती है और गंभीर की श्रेणी से महज सात बिंदु नीचे है।
प्रदूषण की रोकथाम के लिए बनी कमिटी पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) के चेयरमैन ने बताया कि हालात नहीं सुधरे तो लोगों को कुछ और सख्त कदम झेलने पड़ सकते हैं। इनमें प्राइवेट गाड़ियों पर बैन भी मुमकिन है।
इंडियन इंस्टीट्यूट आफ ट्रॉपिकल मेटियोरोलॉजी (आईआईटीएम) ने उपग्रह से ली गई तस्वीरों में दिल्ली के आसपास के राज्यों में कई स्थानों पर आग लगी देखी।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में गाजियाबाद में प्रदूषण का बेहद गंभीर स्तर दर्ज किया गया जबकि फरीदाबाद, गुड़गांव, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब दर्ज की गई।
राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता लगातार दूसरे दिन भी गुरूवार को ‘‘बहुत खराब’’ रही।
दिल्ली में हवा के रुख में बदलाव के कारण वायु गुणवत्ता लगातार दूसरे दिन भी खराब बनी रही। अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि हवा अब पराली जलाए जाने वाले इलाकों की दिशा से बह रही है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हवाओं के कारण वायु प्रदूषण के स्तर में मामूली सुधार हुआ है लेकिन आज लगातार चौथे दिन भी वायु की गुणवत्ता यहां गंभीर बनी हुई है।
केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने दिल्ली के ऊपर छायी धूल की धुंध के लिये राजस्थान में आयी धूल भरी आंधी को मुख्य वजह बताया है। मंत्रालय की ओर से जारी आधिकारिक बयान में अगले तीन दिनों तक दिल्ली में यह स्थिति बरकरार रहने की आशंका व्यक्त की गयी है।
दिल्ली सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में सोमवार को हुई मध्यम बारिश के बाद बुधवार को वायु गुणवत्ता फिर से बहुत खराब स्तर पर पहुंच गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक...
पिछले 24 घंटे में हवा में दिल्ली के प्रमुख रिहायशी क्षेत्रों दिलशाद गार्डन, आईटीओ, मंदिर मार्ग, आनंद विहार और आर के पुरम क्षेत्र में एनओटू की मात्रा सुरक्षित स्तर 80 माइक्रो ग्राम प्रति क्यूबिक मीटर को पार गयी।
पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ने मंगलवार को कहा कि शहर की हवा की गुणवत्ता बदतर हो सकती है और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों व कारखानों को बंद करने व जब्त करने के उपाय जारी रखने के निर्देश दिए।
रिपोर्ट के अनुसार 19 नवंबर तक दिल्ली की हवा बेहद खराब कैटिगरी की बनी रहेगी। इस दौरान तापमान में कमी आएगी और हवा में नमी बनेगी। वहीं पंजाब से आने वाली हवाएं भी शुरू हो जाएंगी जिनमें प्रदूषण तो नहीं होगा लेकिन ऊपरी हवाओं की गति 19 नवंबर से काफी कम हो ज
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