राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शुक्रवार को वायु गुणवत्ता ‘‘खराब’’ और ‘‘बहुत खराब’’ के बीच रही और बदलते मौसम एवं बड़े स्तर पर पराली जलाने के सप्ताहांत तक इसमें भारी गिरावट की आशंका है।
राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार सुबह वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गई। शनिवार तक इसमें भारी गिरावट की उम्मीद है।
दिल्ली और आसपास के इलाकों में वायु गणवत्ता ‘बहुत खराब’ होने के बाद राष्ट्रीय राजधानी में जनरेटरों के इस्तेमाल को प्रतिबंधित कर दिया गया है।
सर्दियों का मौसम शुरू होने से पहले ही रविवार को राष्ट्रीय राजधानी के ऊपर धुंध छा गई। साथ ही, दिल्ली में हवा की गुणवत्ता और खराब हो गई और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 245 पर पहुंच गया, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है।
दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बुधवार को ‘संतोषजनक’ श्रेणी पर रही लेकिन हवा का रुख शुक्रवार को उत्तरपश्चिम दिशा की ओर होने जा रहा है जिससे हवा की गुणवत्ता गिरकर ‘मध्यम’श्रेणी पर आने की आशंका है।
दूषित हवा के मामले में खतरनाक स्तर पर पहुंचे देश के 102 शहरों में वायु प्रदूषण नियंत्रण की कार्ययोजना का शुरुआती असर दिखने लगा है।
प्रदूषण पर नजर रखने के लिए एक बड़े प्रयास के तहत, गूगल (Google) वैज्ञानिकों के लिए वायु गुणवत्ता (air quality) के आंकड़े जारी कर रहा है, जिसे उसने प्रोजेक्ट एयर व्यू के तहत अपनी स्ट्रीट व्यू कारों के साथ कैलिफोर्निया के बे एरिया और सेंट्रल वैली से एकत्र किया था।
दिल्ली में हल्की बारिश के बाद प्रदूषक कणों के छंटने की प्रक्रिया मंद पड़ने और प्रदूषण के हालात बिगड़ने से वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई।
बारिश का प्रभाव कम होते ही दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बुधवार को फिर बढ़ने लगा जिससे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘खराब’ श्रेणी में पहुंच गया है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता सोमवार को बहुत खराब दर्ज की गयी क्योंकि बारिश का असर घटने लगा और प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा । केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक शहर में कुल वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 337 तक पहुंच गया जो बहुत खराब श्रेणी में आता है।
दिल्ली में हवा की गुणवत्ता में शनिवार को मामूली सुधार हुआ जहां प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के कारण प्रदूषण का स्तर ‘गंभीर’ स्थिति से ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंच गया है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता प्रतिकूल मौसमी स्थितियों के कारण रविवार को ‘गंभीर’ श्रेणी में चली गई। वहीं अधिकारियों ने आगाह किया कि नववर्ष की पूर्व संध्या पर पटाखे फोड़ने या गाड़ियों से होना वाला उत्सर्जन बढ़ने से राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के स्तर में इजाफा होगा।
दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी की दर्ज की गई है। हालांकि, मौसम की परिस्थितियों में मामूली सुधार से प्रदूषकों के बिखराव में कुछ मदद मिली है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में जाने के बाद केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नीत कार्य बल ने लोगों को सलाह दी है कि वे अगले तीन से पांच दिन तक घर से बाहर निकलने से बचे और निजी गाड़ियों के इस्तेमाल से परहेज करें।
घने कोहरे और धुंध की चादर में लिपटी देश की राजधानी दिल्ली में रविवार को न्यूनतम तापमान 3.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
दिल्ली में वायु की गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में बरकरार रही। इसके अलावा राष्ट्रीय राजधानी के 13 स्थानों में प्रदूषण का स्तर ‘गंभीर’ रहा।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 349 रहा जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है।
दिल्ली वालों को पिछले कुछ समय से खराब हवा में ही अपनी जिंदगी बसर करनी पड़ रही है और आगे भी इससे राहत मिलने की कुछ खास उम्मीद नहीं है।
दिल्ली में पिछले एक सप्ताह से वायु गुणवत्ता ‘‘बेहद खराब’’ बनी हुई है लेकिन शनिवार को इसमें थोड़े समय के लिए हल्का-सा सुधार हुआ था।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक दिल्ली में समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक 298 रहा जो खराब की श्रेणी में आता है। हालांकि, PM 2.5 और PM 10 पहले जिनता ही रहा।
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