मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के कारण हवा की गति धीमी रहने और आर्द्रता के उच्च स्तर के कारण सुबह के वक्त प्रदूषकों के बिखराव में कमी आई, यही प्रदूषण का कारण बना।
जहरीली होती हवा से लड़ने के लिए अधिकारियों की तरफ से उठाए जा रहे कदमों के बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि प्रदूषण का स्तर राष्ट्रीय राजधानी में नीचे आया है और इसलिए सम-विषम योजना को आगे बढ़ाने की जरूरत नहीं है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच एक रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि वायु प्रदूषण के लिये निगरानी व्यवस्था मजबूत की जानी चाहिए और वायु गुणवत्ता मानकों का अनुपालन नहीं करने वाली इकाइयों को कड़ा दंड दिया जाना चाहिए।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए सरकार द्वारा शुरू किए गए ऑड-ईवन नियम का आज आखिरी दिन है।
राष्ट्रीय राजधानी में चल रही हवाओं के कारण वायु गुणवत्ता में आंशिक रूप से सुधार दर्ज किया गया लेकिन इसके बावजूद रविवार सुबह भी प्रदूषण का स्तर ‘खराब’ श्रेणी में रहा।
दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवं सांसद मनोज तिवारी का कहना है कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के लिए शहर की केजरीवाल सरकार जिम्मेदार है। वह राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर तनिक भी प्रयत्न नहीं कर रही है उल्टे, पराली का बहाना बनाकर अपने ऊपर लगने वाले आरोपों से बचने का प्रयास कर रही है।
रविवार को प्रदूषण के रिकॉर्ड तोड़ने के बाद सोमवार को भी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर बना हुआ है। जहरीली हवाओं ने दिल्ली को बीमार कर दिया है, राजधानी का प्रदूषण जानलेवा बन चुका है।
सुप्रीम कोर्ट के एक पैनल ने शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर प्रदूषण के स्तर को देखते हुए पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दी है। दिल्ली एनसीआर में 5 नवंबर तक निर्माण गतिविधि पर प्रतिबंध लगा दिया है।
दिल्ली की हवा आज और ज़हरीली हो गई है। दिल्ली एनसीआर में आज एयर क्वालिटी इंडेक्स 500 के पार पहुंच चुका है।
देश की राजधानी पर गुरुवार की सुबह भी जहरीली धुंध की चादर छायी रही तथा इसकी वायु गुणवत्ता लगातार तीसरे दिन बदतर रही। इससे दिल्लीवासियों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ने की आशंका है।
दिल्ली-एनसीआर में बिगड़ती वायु गुणवत्ता को लेकर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी/सेंट्रल पल्यूशन कंट्रोल बोर्ड) ने टास्क फोर्स की एक आपात बैठक बुलाई, जिसमें सीपीसीबी ने कई अहम फैसले लिए।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, सुबह 11 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 416 था। सीपीसीबी के अनुसार, मंगलवार को एक्यूआई 414 था, जो सोमवार के एक्यूआई 397 से खराब था।
शहर के अन्य क्षेत्रों की स्थिति भी कोई अच्छी नहीं रही। आंनद विहार 436 एक्यूआई के साथ राजधानी का सबसे प्रदूषित जगह थी और नेहरू नगर 430 के साथ शहर में दूसरे स्थान पर था।
0-50 के बीच एक्यूआई को ‘‘अच्छा’’ माना जाता है, जबकि 51-100 ‘‘संतोषजनक’’, 101-200 ‘‘मध्यम’’, 201-300 ‘‘खराब’’, 301-400 ‘‘बहुत खराब’’ और 401-500 ‘‘गंभीर’’ श्रेणी का माना जाता है। एक्यूआई अगर 500 से ऊपर पहुंच जाता है, तो उसे ‘‘गंभीर व आपातकालीन’’ श्रेणी का माना जाता है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रविवार को दिवाली के दिन प्रदूषण की वजह से धुंध छा गई और वायु गुणवत्ता ‘‘बहुत खराब’’ स्तर पर पहुंच गयी।
राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता बुधवार को बिगड़ गई और यह ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई। बहरहाल, अधिकारी ने कहा कि इस दिवाली के दौरान वायु की गुणवत्ता पिछले साल के मुकाबले बेहतर रहने की संभावना है...
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शुक्रवार को वायु गुणवत्ता ‘‘खराब’’ और ‘‘बहुत खराब’’ के बीच रही और बदलते मौसम एवं बड़े स्तर पर पराली जलाने के सप्ताहांत तक इसमें भारी गिरावट की आशंका है।
राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार सुबह वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गई। शनिवार तक इसमें भारी गिरावट की उम्मीद है।
दिल्ली और आसपास के इलाकों में वायु गणवत्ता ‘बहुत खराब’ होने के बाद राष्ट्रीय राजधानी में जनरेटरों के इस्तेमाल को प्रतिबंधित कर दिया गया है।
सर्दियों का मौसम शुरू होने से पहले ही रविवार को राष्ट्रीय राजधानी के ऊपर धुंध छा गई। साथ ही, दिल्ली में हवा की गुणवत्ता और खराब हो गई और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 245 पर पहुंच गया, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है।
संपादक की पसंद