राष्ट्रीय राजधानी की हवा की गुणवत्ता गुरुवार को 'खराब' श्रेणी में रही। वहीं सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी वेदर फॉरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) ने पूवार्नुमान में कहा कि एक्यूआई अगले तीन दिनों में रविवार तक और बिगड़ेगा।
राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता रविवार सुबह "मध्यम" श्रेणी में दर्ज की गई, लेकिन तापमान घटने तथा हवा की धीमी गति के कारण सोमवार को इसके "खराब" श्रेणी में पहुंचने की आशंका है।
राष्ट्रीय राजधानी से मॉनसून वापसी में हुई देरी से दिल्ली में हवा की क्वॉलिटी पर आने वाले दिनों में बहुत ही खराब असर हो सकता है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया कि भारत, चीन और रूस अपनी वायु गुणवत्ता (एयर क्वॉलिटी) का ध्यान नहीं रखते जबकि अमेरिका रखता है।
लॉकडाउन की वजह से वायु प्रदूषण में कमी और हवा की क्वालिटी में सुधार हुआ है, जिसके कारण अब विजिबिलिटी बढ़ गई है।
वायु गुणवत्ता सूचकांक 0-50 श्रेणी में ‘खराब’, 51-100 में ‘संतोषजनक’, 101-300 में ‘मध्यम’, 201-300 में ‘खराब’, 301-400 में ‘बेहद खराब’ और 401-500 में ‘गंभीर’ माना जाता है।
दिल्ली में सोमवार को वायु गुणवत्ता एक बार फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच गई। वायु गुणवत्ता सूचकांक 582 पर दर्ज किया गया।
राष्ट्रीय राजधानी में बारिश और तेज हवाओं के कारण चंद दिनों के लिए प्रदूषण से थोड़ी राहत मिलने के बाद रविवार को वायु गुणवत्ता फिर खराब हो गई और आगामी दिनों में इसके और खराब होने की आशंका है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता में बुधवार को सुबह थोड़ा सुधार आया और यह ‘मध्यम’ श्रेणी में दर्ज की गई। इससे पहले दो दिनों तक वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में रही थी।
मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के कारण हवा की गति धीमी रहने और आर्द्रता के उच्च स्तर के कारण सुबह के वक्त प्रदूषकों के बिखराव में कमी आई, यही प्रदूषण का कारण बना।
जहरीली होती हवा से लड़ने के लिए अधिकारियों की तरफ से उठाए जा रहे कदमों के बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि प्रदूषण का स्तर राष्ट्रीय राजधानी में नीचे आया है और इसलिए सम-विषम योजना को आगे बढ़ाने की जरूरत नहीं है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच एक रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि वायु प्रदूषण के लिये निगरानी व्यवस्था मजबूत की जानी चाहिए और वायु गुणवत्ता मानकों का अनुपालन नहीं करने वाली इकाइयों को कड़ा दंड दिया जाना चाहिए।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए सरकार द्वारा शुरू किए गए ऑड-ईवन नियम का आज आखिरी दिन है।
राष्ट्रीय राजधानी में चल रही हवाओं के कारण वायु गुणवत्ता में आंशिक रूप से सुधार दर्ज किया गया लेकिन इसके बावजूद रविवार सुबह भी प्रदूषण का स्तर ‘खराब’ श्रेणी में रहा।
दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवं सांसद मनोज तिवारी का कहना है कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के लिए शहर की केजरीवाल सरकार जिम्मेदार है। वह राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर तनिक भी प्रयत्न नहीं कर रही है उल्टे, पराली का बहाना बनाकर अपने ऊपर लगने वाले आरोपों से बचने का प्रयास कर रही है।
रविवार को प्रदूषण के रिकॉर्ड तोड़ने के बाद सोमवार को भी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर बना हुआ है। जहरीली हवाओं ने दिल्ली को बीमार कर दिया है, राजधानी का प्रदूषण जानलेवा बन चुका है।
सुप्रीम कोर्ट के एक पैनल ने शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर प्रदूषण के स्तर को देखते हुए पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दी है। दिल्ली एनसीआर में 5 नवंबर तक निर्माण गतिविधि पर प्रतिबंध लगा दिया है।
दिल्ली की हवा आज और ज़हरीली हो गई है। दिल्ली एनसीआर में आज एयर क्वालिटी इंडेक्स 500 के पार पहुंच चुका है।
देश की राजधानी पर गुरुवार की सुबह भी जहरीली धुंध की चादर छायी रही तथा इसकी वायु गुणवत्ता लगातार तीसरे दिन बदतर रही। इससे दिल्लीवासियों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ने की आशंका है।
दिल्ली-एनसीआर में बिगड़ती वायु गुणवत्ता को लेकर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी/सेंट्रल पल्यूशन कंट्रोल बोर्ड) ने टास्क फोर्स की एक आपात बैठक बुलाई, जिसमें सीपीसीबी ने कई अहम फैसले लिए।
संपादक की पसंद