सीपीसीपी के समीर ऐप के मुताबिक, गाजियाबाद में शुक्रवार के गत 24 घंटे का औसत एक्यूआई 391 दर्ज किया गया जबकि ग्रेटर नोएडा में 376, नोएडा में 386, फरीदाबाद में 328 और गुरुग्राम में एक्यूआई 302 रहा।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता (Delhi Air Quality) रविवार को ‘‘अत्यंत खराब'' श्रेणी में दर्ज की गई, लेकिन इसमें वायु की गति बढ़ने के पूर्वानुमान के कारण आगामी दो दिन में सुधार होने की उम्मीद है।
राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता रविवार को ‘खराब’ श्रेणी में रही। तापमान में गिरावट आने तथा हवा की गति धीमी होने के बीच गुणवत्ता के और खराब होने की आशंका है।
दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बुधवार को मामूली रूप से खराब हुई और यह ‘‘खराब’’ श्रेणी में दर्ज की गई क्योंकि हवा की दिशा बदलने के बाद, पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण का शहर में प्रभाव बढ़ गया।
राष्ट्रीय राजधानी में दिवाली के बाद हवा की गुणवत्ता हुई खराब। 15 नवंबर की सुबह दिल्लीवासियों ने महसूस किया भारी प्रदूषण।
आठ महीने बाद दिल्ली जाने वाली अपनी उड़ान पर निमरत ने विमान की खिड़की से क्लिक की गई तस्वीर को साझा करते हुए शहर को कवर करने वाले स्मॉग के बारे में शिकायत की।
भारत मौसम विज्ञान विभाग के पर्यावरण अनुसंधान केंद्र (आईएमडी) के प्रमुख वी के सोनी ने बताया कि दिल्ली में आने वाले दिनों में वायु की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार की संभावना नहीं है।
राष्ट्रीय राजधानी में एयर क्वॉलिटी शुक्रवार सुबह ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही। प्रदूषण संबंधी अनुमान जताने वाली सरकारी एजेंसी ने कहा कि हवा की अनुकूल गति के कारण वायु गुणवत्ता में थोड़ा सुधार होने की उम्मीद है।
राजधानी दिल्ली में सांस लेना मुश्किल होता जा रहा है। यहां हवा की क्वालिटी गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई है।
प्रदूषण के स्तर में वृद्धि के कारण, लोगों को सांस लेने में समस्या हो रही है और कुछ बच्चों को दूषित हवा के कारण गले की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
राष्ट्रीय राजधानी में जहरीले धुंध की परत छाने के बीच वायु की गुणवत्ता लगातार चौथे दिन सोमवार को 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज की गई। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी संस्था ‘सफर’ ने कहा कि वायु की गुणवत्ता 31 अक्टूबर तक बहुत खराब श्रेणी में बनी रहने की आशंका है।
दिल्ली समेत उत्तर भारत के अधिकतर हिस्सों में धुंध छाने और हवा की गुणवत्ता में तेजी से गिरावट आने के बीच वैज्ञानिकों ने आगाह किया है कि वायु प्रदूषण और कोविड-19 के मामलों के बीच कोई संबंध पूरी तरह भले ही साबित नहीं हो पाया है लेकिन लंबे समय तक प्रदूषण से फेफड़े के संक्रमण का खतरा बना रहेगा।
देश के उत्तरी भाग में सर्दी का प्रकोप बढ़ने के साथ ही प्रदूषण हवा को दिन ब दिन जहरीली बनाता जा रहा है। पंजाब हरियाणा के खेतों से उठ रहा पराली का धुंआ सबसे ज्यादा प्रभाव दिल्ली एनसीआर के शहरों पर डाल रहा है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में शनिवार को गाजियाबाद में वायु की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में रही, जबकि गुड़गांव, फरीदाबाद और गौतमबुद्धनगर में यह ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई।
उन्होंने बताया कि प्रदूषण विभाग नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ लगातार जुर्माना लगा रहा है। उल्लेखनीय है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बेहद खराब' और 401 और 500 'गंभीर' माना जाता है।
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी के मुताबिक हवा को दूषित करने वाली गैसों की मात्रा हवा में बढ़ गई है जिस वजह से दिल्ली में हवा की क्वॉलिटी लगातार खराब हो रही है।
राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता सोमवार सुबह ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई, वहीं सरकारी एजेंसियों ने कहा कि अगले कुछ दिन में हवा की दिशा में बदलाव और गति में कमी की वजह से इसमें और गिरावट से वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आ सकता है।
दिल्ली के लगभग 65 प्रतिशत घरों में एक या एक से अधिक ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने पहले ही प्रदूषण से जुड़ी बीमारियों का सामना करना शुरू कर दिया है।
नोएडा प्रदूषण विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी प्रवीण कुमार ने बताया कि बुधवार को नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) 290 दर्ज किया गया जो खराब श्रेणी में आता है।
राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को वायु गुणवत्ता (Air Quality of Delhi) उच्च मानक अंकों के साथ ‘सामान्य’ श्रेणी में दर्ज की गई और रविवार को इसमें आंशिक रूप से और सुधार होने की उम्मीद है।
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