कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली में खराब वायु गुणवत्ता को एक ‘गंभीर समस्या’ करार दिया
दिल्ली की वायु गुणवत्ता रविवार को ‘‘खराब’’ और “बेहद खराब” श्रेणी के बीच रही। अधिकारियों ने चेताया है कि आने वाले दिनों में यह और ज्यादा खराब हो सकती है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता लगातार दूसरे दिन रविवार को भी “बेहद खराब” की श्रेणी में रही जबकि अधिकारियों ने चेताया है कि आगामी कुछ दिनों में यह और ज्यादा खराब हो सकती है।
राष्ट्रीय राजधानी को धुंध ने घेर लिया है क्योंकि कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
चिकित्सकों का कहना है कि वर्तमान वायु की गुणवत्ता लोगों के लिए खतरा बनती जा रही है। यह सीधे हमारी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती है और चकत्ते और जलन की वजह हो सकती है। इसकी वजह से आंखों और नाक में पानी आ सकता है।
भीषण प्रदूषण के चलते गैस चेंबर में तब्दील होती दिल्ली की हवा पिछले 24 घंटों में और भी बदतर हो गई है।
घर के अंदर का वायु प्रदूषण दीर्घकाल में फेफड़े को नुकसान पहुंचाता है और यह सीओपीडी के जोखिम का एक कारक है।
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक आपातकालीन योजना सोमवार को लागू की गई जिसमें मशीनों से सड़कों की सफाई और इस क्षेत्र के भीड़भाड़ वाले इलाकों में वाहनों के सुचारू आवागमन के लिए यातायात पुलिस की तैनाती जैसे उपाय शामिल होंगे।
राष्ट्रीय राजधानी में हवा की रफ्तार में गिरने के साथ वायु गुणवत्ता शनिवार को खराब हो गई। अधिकारियों ने दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक में और गिरावट का अनुमान जताया है।
किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है अन्यथा एक बार फिर पिछले साल जैसी स्थिति हो जाएगी जब जाड़े की शुरुआत में ही धुएं के गुबार ने पूरी दिल्ली को ढंक लिया था।
दिल्ली और आसपास के इलाकों में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब होने पर वायु प्रदूषण की आपात स्थिति की चेतावनी देने वाली प्रणाली सोमवार से काम करने लगेगी।
दिल्ली में हवा के रुख में बदलाव के कारण वायु गुणवत्ता लगातार दूसरे दिन भी खराब बनी रही। अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि हवा अब पराली जलाए जाने वाले इलाकों की दिशा से बह रही है।
भारत में अक्सर यूरोपीय देशों को प्रदूषण से लगभग मुक्त माना जाता है लेकिन यूरोप की एक नियामक संस्था की मानें तो ऐसा नहीं है।
राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण का स्तर इस हद तक खतरनाक स्थिति पर पहुंच चुका है कि यहां धूम्रपान नहीं करने वाले लोग भी रोजाना छह से सात सिगरेट पी रहे हैं, यानी धुआं निगल रहे हैं।
हवा में घुल चुके प्रदूषण से किसी भारतीय की उम्र डेढ़ साल तक कम हो जाती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि हवा की बेहतर गुणवत्ता से दुनियाभर में मनुष्य की उम्र बढ़ सकती है।
राष्ट्रीय राजधानी के चिकित्सकों के यहां सांस की बीमारी और ऐसे लक्षणों वाले मरीजों की संख्या बढ़ने की सूचना है। पिछले पांच दिनों में यह संख्या लगभग दोगुनी हो गई है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हवाओं के कारण वायु प्रदूषण के स्तर में मामूली सुधार हुआ है लेकिन आज लगातार चौथे दिन भी वायु की गुणवत्ता यहां गंभीर बनी हुई है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में प्रदूषण के बेहद खतरनाक स्तर पर चिंता जताते हुए विशेषज्ञ घर के वातावरण विशेष रूप से प्रदूषित हवा को शुद्ध करने के लिए वैदिक तकनीक का सुझाव लेकर आए हैं।
हम घर से बाहर वायु की गुणवत्ता की निगरानी नहीं कर सकते, लेकिन घर के भीतर होने वाले प्रदूषण पर नियंत्रण रख सकते हैं। जानिए कौन से योगासन कर आप आसानी से खुद को रख सकते है सुरक्षित।
बढ़ते प्रदूषण के चलते निर्माण कार्यों पर रविवार तक रोक लगा दी गई है। लेफ्टिनेंट गवर्नर की हाईवलेवल मीटिंग में ये फैसला लिया गया है। वहीं डस्ट कंट्रोल के लिए सड़कों पर पानी का छिड़काव करने का भी फैसला लिया गया है।
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