दूषित हवा के मामले में खतरनाक स्तर पर पहुंचे देश के 102 शहरों में वायु प्रदूषण नियंत्रण की कार्ययोजना का शुरुआती असर दिखने लगा है।
भारत में घर के भीतर वायु प्रदूषण के उच्च स्तर की चपेट में आने से महिलाओं को अत्यधिक तनाव का जोखिम हो सकता है।
मौसम विभाग के अधिकारी ने अनुमान जताया है कि बृहस्पतिवार को आसमान में आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे और हल्की बारिश होने की संभावना है।
उत्तर पश्चिम भारत में धूल भरी आंधी चलने से राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण का स्तर एकाएक बढ़ गया और हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गयी है।
वैज्ञानिकों ने एक ऐसी पूर्वानुमान प्रणाली विकसित करने का दावा किया है जो दिल्लीवसियों तथा उत्तर भारत के भारी प्रदूषण वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को हानिकारक वायु के संपर्क में आने से बचने की चेतावनी दे सकता है।
भारत में वायु प्रदूषण के कारण 2017 में 12 लाख लोगों की मौत हुई। यह आंकड़ा बुधवार को जारी एक वैश्विक शोध में प्रकाश में आया है।
घर के अंदर और बाहर वायु प्रदूषण एक मूक और अदृश्य हत्यारा बन गया है और यह प्रत्येक वर्ष 70 लाख लोगों की असामयिक मौत के लिए जिम्मेदार है, जिसमें छह लाख बच्चे शामिल हैं।
शहरीकरण हर दिन बढ़ रहा है और इसके साथ बढ़ रहा है वायु प्रदूषण। नई दिल्ली और इसके जैसे तमाम महानगर गैस चैम्बर बन चुके हैं। आम आदमी का सांस लेना मुश्किल है। आमतौर पर हम बढ़ते वायु प्रदूषण को गंभीरता से नहीं लेते लेकिन इसकी चपेट में आकर इलाज में हजारों-लाखों रुपये गंवाने के बाद होश में आते हैं।
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के लोग लंबे समय से आत्मघाती हमलों एवं बम विस्फोटों का दंश झेल रहे हैं लेकिन इस बार की सर्दियों में उन्हें वायु प्रदूषण के रूप में एक और गंभीर खतरे का सामना कर पड़ रहा है।
प्रयागराज में जारी कुम्भ मेले को ऐतिहासिक और अविस्मरणीय बनाने की सरकार की कोशिशों के बीच एक कड़वी हकीकत यह भी है कि आस्था के इस संगम के दौरान श्रद्धालु जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हैं।
दिल्ली में हवा की गति कम होने के कारण गुरुवार को वायु गुणवत्ता और खराब होकर ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी।
दिल्ली में हवा की रफ्तार कम होने के कारण वायु गुणवत्ता शुक्रवार को ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आ गई। हालांकि, अधिकारियों ने संभावना जतायी कि आगामी कुछ दिनों में बारिश होने के कारण प्रदूषण स्तर कम हो सकता है।
दिल्ली में बारिश के बाद रविवार को प्रदूषण का स्तर अपने निम्नतम स्तर पर रहा। हालांकि, वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में बनी रही। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक शहर में कुल वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 338 दर्ज की गई।
राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में घने कोहरे के कारण शुक्रवार को 55 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया तथा कम दृश्यता के चलते समूचे उत्तर रेलवे में कम से कम 11 ट्रेनें देरी से चलीं।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता प्रतिकूल मौसमी स्थितियों के कारण रविवार को ‘गंभीर’ श्रेणी में चली गई। वहीं अधिकारियों ने आगाह किया कि नववर्ष की पूर्व संध्या पर पटाखे फोड़ने या गाड़ियों से होना वाला उत्सर्जन बढ़ने से राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के स्तर में इजाफा होगा।
दिल्ली में वायु गुणवत्ता शनिवार को बहुत खराब श्रेणी की दर्ज की गई। वहीं, तामपान में कमी और प्रतिकूल मौसमी दशाओं से हवा में प्रदूषकों का बिखराव मंद पड़ने के चलते यह गंभीर स्तर के कगार पर बनी हुई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने दिल्ली पुलिस को पटाखा छोड़ने के बारे में उच्चतम न्यायालय के आदेश का नववर्ष पर अनुपालन सुनिश्वित करने का निर्देश दिया है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता में शुक्रवार को मामूली सुधार हुआ और प्रदूषण का स्तर गंभीर के बजाय बेहद खराब की श्रेणी में दर्ज किया गया। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि तापमान में गिरावट के चलते इसके फिर से ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने की आशंका है।
सर्दी के महीनों में एलर्जी जनित खांसी अधिक होती है, जब तापमान में गिरावट के कारण प्रदूषक और एलर्जी कारक तत्व वायुमंडल से हट नहीं पाते हैं, जिससे अस्थमा, एलर्जी राइनाइटिस और अन्य एलर्जी विकार बढ़ जाते हैं। जानें कैसे करें बचाव।
दिल्ली में इस समय जबर्दस्त ठंड पड़ रही है और लोगों का सुबह-सुबह बाहर निकलना मुश्किल साबित हो रहा है।
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