कोरोना वायरस के चलते देशभर के अधिकतर उद्योग बंद हैं, साथ ही वाहन भी सड़कों से नदारद हैं, ऐसे में दिल्ली और मुंबई दोनों शहरों के इन 10 इलाकों में या तो प्रदूषण बहुत कम हुआ है या फिर खत्म हो गया है।
अधिक वायु प्रदूषण वाले क्षेत्रों में रहने से कोविड-19 के कारण मौत होने का अधिक जोखिम है। ऐसा अमेरिका में किए गए एक अध्ययन में दावा किया गया है।
हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ने से देश की प्रमुख एयर फ्यूरीफायर बनाने वाली कंपनियों की बिक्री में इस साल व्यस्त सीजन में 60 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की गई है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता बृहस्पतिवार को ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई और शुक्रवार को इसके और भी खराब होने की आशंका है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि शुक्रवार से हवा की दिशा बदलने से स्थिति और खराब हो सकती है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि लाहौर का वायु प्रदूषण सबसे खराब स्तर पर पहुंच गया है और यहां भारत की राजधानी नई दिल्ली की तरह हवा खराब हो गई है।
जस्टिस अरुण मिश्रा ने पंजाब के चीफ सेक्रेटरी से पूछा कि क्या अभी भी पंजाब में पराली जलाई जा रही है? जिसका उन्होनें 'हां' में उत्तर दिया।
कृषि राज्य मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा है कि दिल्ली के प्रदूषण में पराली की हिस्सेदारी मात्र तीन प्रतिशत होने के बावजूद दिल्ली सरकार प्रदूषण के मुद्दे को सियासी वजहों से तूल दे रही है।
दिल्ली में वायु गुणवत्ता में शुक्रवार को ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही। अधिकारियों के अनुसार अगले दो दिनों में हवा की गति बढ़ने के कारण वायु गुणवत्ता में थोड़ा सुधार हो सकता है।
जहरीली होती हवा से लड़ने के लिए अधिकारियों की तरफ से उठाए जा रहे कदमों के बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि प्रदूषण का स्तर राष्ट्रीय राजधानी में नीचे आया है और इसलिए सम-विषम योजना को आगे बढ़ाने की जरूरत नहीं है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच एक रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि वायु प्रदूषण के लिये निगरानी व्यवस्था मजबूत की जानी चाहिए और वायु गुणवत्ता मानकों का अनुपालन नहीं करने वाली इकाइयों को कड़ा दंड दिया जाना चाहिए।
दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 70 प्रतिशत से अधिक अभिभावकों का मानना है कि स्कूलों में अब अन्य छुट्टियों की तरह प्रदूषण से बचने के लिए भी अवकाश दिया जाए।
दिल्ली-एनसीआर के लोग इन दिनों प्रदूषण के कारण कई समस्याओं का सामना कर रहे है। सरकार दवारा अबतक किए गए सभी उपाए बेअसर नजर आ रहे है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने प्रदूषण के मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र को खराब वायु गुणवत्ता पर अधिक ध्यान देना चाहिए जैसा कि उसने अनुच्छेद-370 के मामले में किया था।
केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को कहा कि पिछले एक पखवाड़े के कुछ दिनों में दिल्ली में 40 प्रतिशत तक प्रदूषण पराली जलाने से हुआ लेकिन ‘‘एक दूसरे को दोष देने और कोसने से कोई फायदा नहीं होगा।’’
दिल्ली-एनसीआर में एकबार फिर वायु प्रद्षण की स्थिति बेहद गंभीर हो गई है जिसके बाद इन्वॉयरमेंटल पॉल्यूशन (प्रिवेंशन एंड कंट्रोल) अथॉरिटी (ईपीसीए) ने अगले दो दिनों तक स्कूलों को बंद रखने का आदेश जारी किया है।
नेत्ररोग विशेषज्ञों का कहना है कि राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर तक पहुंच जाने से लोग एलर्जी, आंखों में जलन और खुजली सहित कई तरह की समस्याएं लेकर उनके पास पहुंच रहे हैं।
दिल्ली में ऑड-ईवन जारी होने के बावजूद प्रदूषण का स्तर खतरनाक बना हुआ है। दोपहर 3 बजे के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली के पटपड़गंज इलाके में एयर क्वालिटी इंडेक्स 243, आनंद विहार 280, नई दिल्ली अमेरिकी दूतावास 246 और जवाहरलाल नहरु स्टेडियम में प्रदूषण का स्तर 251 है।
हाल में ही भारत दौरे में आईं यूनीसेफ की कार्यकारी निदेशक चुकीं फोरे वायु प्रदूषण के बारे में बात की।
पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले गैर सरकारी संगठन ग्रीनपीस इंडिया ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली सरकार का यह दावा सही नहीं है कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान वायु प्रदूषण में 25 प्रतिशत की कमी आई है।
दिल्ली वालों के फेफड़ों को खुश करने वाली खबर है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता में पिछले कुछ दिनों में सुधार देखने को मिला है।
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