राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शुक्रवार सुबह वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई और दिवाली रात में इसके ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने की आशंका है। शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक सुबह नौ बजे 330 दर्ज किया गया।
नोएडा में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए प्राधिकरण द्वारा हर संभव कोशिश की जा रही है। इसी क्रम में सेक्टर-6 में एंटी स्मॉग गन भी लगाई गई। सेक्टर-6 चौराहा एक व्यस्ततम सड़क है, जहां अक्सर बड़ी संख्या में ट्रैफिक रहता है।
स्थिति यह है कि दिल्ली-NCR में बढ़ते प्रदूषण की वजह से वायु गुणवत्ता बिगड़ने के कारण मंगलवार सुबह भी गहरी धुंध छाई रही। कई इलाकों में तो एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 500 तक भी दर्ज किया गया।
राजधानी दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में हवा जहरीली होती जा रही है। यहां सांस लेना तक मुश्किल हो रहा है। दिल्ली के ही कई क्षेत्रों में हवा की क्वालिटी 'बहुत खराब' और 'गंभीर' श्रेणी तक में दर्ज की गई है।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के वायु गुणवत्ता निगरानी संगठन वायु गुणवत्ता प्रणाली एवं मौसम पूर्वानुमान व शोध (सफर) ने बताया कि स्थिति में तब तक सुधार होने की संभावना नहीं है जब तक कि पराली जलाने की घटनाओं में भारी कमी नहीं आती है।
राजधानी दिल्ली में सांस लेना मुश्किल होता जा रहा है। यहां हवा की क्वालिटी 'बहुत खराब' और 'गंभीर' श्रेणी में भी दर्ज की गई है। दिल्ली-NCR में बढ़ते प्रदूषण की वजह से वायु गुणवत्ता बिगड़ने के कारण रविवार सुबह भी गहरी धुंध छाई रही।
राजधानी दिल्ली में सांस लेना मुश्किल होता जा रहा है। यहां हवा की क्वालिटी बहुत खराब श्रेणी में दर्ज की गई है। दिल्ली-NCR में बढ़ते प्रदूषण की वजह से वायु गुणवत्ता बिगड़ने के कारण शनिवार सुबह भी गहरी धुंध छाई रही।
चंडीगढ़ में बढ़ते प्रदूषण को कंट्रोल में करने के लिए यूटी प्रशासन ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत पटाखों पर बैन लगा दिया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रजेंटेशन में यह भी बताया गया है कि प्रदूषण के कारण भारत में लोगों की औसत उम्र में 1.7 साल की कमी हुई है। इसके साथ ही साथ एक बात यह भी सामने आई कि दुनिया के 30 सबसे प्रदूषित शहरों में भारत के 21 शहर हैं ।
राष्ट्रीय राजधानी में वायु की गुणवत्ता में गिरावट जारी है। सर्दियों के साथ ही दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की समस्या गहराने लगी है। आस-पास के राज्यों में पराली जलाने से दिल्ली-एनसीआर की हवा लगातार प्रदूषित हो रही है। जहरीले धुंध की परत छाने के बीच वायु की गुणवत्ता शुक्रवार को 'गंभीर' श्रेणी में दर्ज की गई।
केजरीवाल सरकार ने दिवाली से ठीक पहले बड़ा फैसला लेते हुए पटाखों पर बैन लगा दिया है। दिवाली के पहले कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है।
राजधानी दिल्ली में सांस लेना मुश्किल होता जा रहा है। यहां हवा की क्वालिटी बहुत खराब श्रेणी में दर्ज की गई है। इतना ही नहीं, दिल्ली के साथ-साथ नोएडा और गुरुग्राम में भी बढ़ते प्रदूषण की वजह से वायु गुणवत्ता बिगड़ी है।
देश की राजधानी दिल्ली में सोमवार को प्रदूषण से कुछ राहत मिली है, दिल्ली में कई जगहों पर एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) में सुधार देखा गया है और इंडेक्स घटकर 300 से नीचे आया है।
दिल्ली के ‘पीएम 2.5’ प्रदूषण में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी रविवार को बढ़कर 40 प्रतिशत हो गई। यह इस मौसम में सबसे ज्यादा है। यह शनिवार को 32 प्रतिशत, शुक्रवार को 19 फीसदी और बृहस्पतिवार को 36 प्रतिशत थी।
दिवाली पर वायु प्रदूषण को रोकने के लिए गाजियाबाद जिला प्रशासन ने केवल तीन दिनों के लिए पटाखों की बिक्री की अनुमति देने का फैसला किया है।
राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता शनिवार सुबह ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही। सर्दियों के साथ ही दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की समस्या गहराने लगी है। आस-पास के राज्यों में पराली जलाने से दिल्ली-एनसीआर की हवा लगातार प्रदूषित हो रही है।
राष्ट्रीय राजधानी में 1 नवंबर तक हवा की गति बढ़ने के कारण वायु प्रदूषण के स्तर में उल्लेखनीय सुधार होने की संभावना है।
राष्ट्रीय राजधानी में एयर क्वॉलिटी शुक्रवार सुबह ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही। प्रदूषण संबंधी अनुमान जताने वाली सरकारी एजेंसी ने कहा कि हवा की अनुकूल गति के कारण वायु गुणवत्ता में थोड़ा सुधार होने की उम्मीद है।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए दिल्ली सरकार की ओर से इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित किए जाने का असर दिखने लगा है। अब तक 3000 से अधिक वाहन रजिस्टर्ड हो चुके हैं।
केंद्र सरकार ने प्रदूषण को लेकर बुधवार रात एक अध्यादेश जारी किया जिसमें प्रदूषण फैलानेवालों पर एक करोड़ तक का जुर्माना और पांच साल तक की सजा का प्रवाधान है।
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