जानिए बढ़ता हुआ वाय प्रदूषण अस्थमा यानी कि दमा पेशेंट के लिए कितना घातक है साथ ही इसके बचाव के उपाय भी जानें।
दिल्ली की हवा में मौजूद केमिकल टॉक्सिन और पराली से निकलने वाले जहरीले धुएं के कारण लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। जानिए आप कैसे रखें खुद को फिट।
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) द्वारा पिछले पांच वर्षों में एकत्रित किए गए आंकड़ों के विश्लेषण के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में लोग हर साल एक से 15 नवंबर के बीच ‘‘सबसे खराब’’ हवा में सांस लेते हैं।
दिल्ली के समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने शनिवार को कहा कि आम आदमी पार्टी के वृक्षारोपण अभियान से प्रदूषण कम हुआ है।
हाल ही में आई ग्रीनपीस की स्टडी में भी यह बात सामने आई थी कि देश के बड़े शहरों की जहरीली हवा हर साल हजारों जिंदगियों को निगल रही है।
बता दें कि दिल्ली में पिछले साल वायु प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानकों से 6 गुना अधिक रहा।
सीपीसीपी के समीर ऐप के मुताबिक, गाजियाबाद में शुक्रवार के गत 24 घंटे का औसत एक्यूआई 391 दर्ज किया गया जबकि ग्रेटर नोएडा में 376, नोएडा में 386, फरीदाबाद में 328 और गुरुग्राम में एक्यूआई 302 रहा।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता (Delhi Air Quality) रविवार को ‘‘अत्यंत खराब'' श्रेणी में दर्ज की गई, लेकिन इसमें वायु की गति बढ़ने के पूर्वानुमान के कारण आगामी दो दिन में सुधार होने की उम्मीद है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता रविवार को ‘‘अत्यंत खराब’’ श्रेणी में दर्ज की गई, लेकिन इसमें वायु की गति बढ़ने के पूर्वानुमान के कारण आगामी दो दिन में सुधार होने की उम्मीद है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता शनिवार को ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई और यहां हवा की गति धीमी होने की वजह से ‘स्थानीय जनित प्रदूषक तत्वों’ का जमाव हो रहा है।
केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शुक्रवार को कहा कि पराली का जलना बंद हो गया है लेकिन दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति अब भी गंभीर है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता बृहस्पतिवार को ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी रही और आगामी दो दिन भी इसमें कोई सुधार होने की उम्मीद नहीं है।
दिल्ली में वायु गुणवत्ता मंगलवार को भी ‘बेहद खराब’ श्रेणी में बनी रही और प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के कारण इस हफ्ते वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘गंभीर’ की श्रेणी में बने रहने की आशंका है।
दिल्ली में वायु गुणवत्ता मंगलवार को भी ‘बेहद खराब’ श्रेणी में बनी रही और प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के कारण इस हफ्ते वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘गंभीर’ की श्रेणी में बने रहने की आशंका है।
यूएस एयर क्वालिटी इंडेक्स् द्वारा सोमवार को जारी वायु प्रदूषण के आंकड़ों के मुताबिक, ‘‘दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में लाहौर शीर्ष पर रहा।’’
राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता रविवार को ‘खराब’ श्रेणी में रही। तापमान में गिरावट आने तथा हवा की गति धीमी होने के बीच गुणवत्ता के और खराब होने की आशंका है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता बृहस्पतिवार को “बेहद खराब” श्रेणी में दर्ज की गई और सरकारी एजेंसियों ने कहा कि हवा की गति बढ़ने के साथ इसमें सुधार की उम्मीद है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता बुधवार सुबह ‘‘बहुत खराब’’ से ‘‘गंभीर’’ की श्रेणी में आ गई। राष्ट्रीय राजधानी का एक्यूआई 15 नवंबर तक ‘‘गंभीर’’ की श्रेणी में था लेकिन इसके बाद इसमें सुधार आया
किसानों से परली जुटाकर उसे एनर्जी प्रोड्यूसर्स तक पहुंचाने के इकोसिस्टम में मजबूत पुल का काम करने वाले वर्व रिन्यूएबल्स ने 1,50,000 मीट्रिक टन कृषि अपशिष्ट जुटाने का संकल्प लिया है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि धूल के प्रदूषण को कम करने के लिए पी.डब्ल्यू.डी. ने 23 एंटी स्मोग गन लगाए हैं जो कि मुख्य चौराहे और निर्माण साइट पर लगाए गए हैं।
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