अपनी सेहत और लंग्स की कैपेसिटी कैसे बढ़ाएं, स्वामी रामदेव से जानिए खुद को जहरीली हवा से बचाने के कारगर उपाय।
आइये जानते हैं कुछ शानदार टिप्स जिनकी बदौलत आप जहरीली हवा और धुएं से बच सकते हैं।
दिल्ली शुक्रवार को बढ़े प्रदूषण के स्तर के लिए गोपाल राय ने दिवाली पर चले पटाखों और आसपास के राज्यों में जलाई जा रही पराली को जिम्मेदार ठहराया है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय शुक्रवार को एंटी स्मॉग गन लगाने के लिए पुराने पीएचक्यू के पास आईटीओ जाएंगे। एंटी-स्मॉग गन वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक उपकरण है जो वायुमंडल में धूल और अन्य कणों को व्यवस्थित करने के लिए पानी का छिड़काव करता है।
दिल्ली की हवा का स्तर पहले से ही खराब बना हुआ था और पटाखों के धुएं ने इसे बेहद खराब हालत में पहुंचा दिया। हालत ये थी कि देर रात दिल्ली के वातावरण में पटाखों का धुआ छा गया, विजिविलिटी बेहद कम हो गई।
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के आंकड़ों के मुताबिक, शुक्रवार को खेतों में पराली जलाने के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई और ऐसे 1,288 मामले देखे गए।
पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपील की थी कि दिल्लीवासी ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान से जुड़ें, सप्ताह में कम से कम एक दिन अपनी कार का इस्तेमाल नहीं करें और प्रदूषण नियमों के उल्लंघन की जानकारी ग्रीन दिल्ली ऐप पर दें।
प्रदूषण का स्तर बढ़ने से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां होने लगती हैं। अगर आप शरीर को अंदर से मजबूत रखेंगे तो बीमारियां से अपना बचाव कर पाएंगे। इसके लिए खान-पान का सही होना आवश्यक है।
बता दें कि हर साल पड़ोसी राज्यों में किसानों द्वारा पराली जलाने से दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। दिल्ली में हवा की खराब गुणवत्ता के लिए पराली जलाने को सबसे बड़ा कारक बताया जाता है।
राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता रविवार की सुबह ''बहुत खराब'' श्रेणी में पहुंचने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने के कारण प्रदूषण बढ़ा है क्योंकि वहां की सरकारें इसे रोकने में किसानों की मदद के लिए ‘कुछ नहीं’ कर रही हैं।
अगर आप चाहते हैं कि जहरीली हवा आपके फेफड़ों को प्रभावित न करे तो इन्हें पहले से मजूबत बनाना जरूरी है। स्वामी रामदेव से जानिए लंग्स कैपेसिटी को बढ़ाने के कारगर उपाय।
सर्दियां शुरू होते ही प्रदूषण का स्तर खराब होने लगता है। पराली जलाने से वायु में फैलने वाला जहरीला धुंआ, फॉग और स्मॉग से लोगों को सांस लेने में काफी तकलीफ होती है। ऐसे में हमें इस चुनौती का सामना करने के लिए खुद को पहले से तैयार कर लेना चाहिए। स्वामी रामदेव के अनुसार फेफड़ों को मजूबत बनाकर इसे प्रदूषण की मार से बचा जा सकता है।
जानिए बढ़ता हुआ वाय प्रदूषण अस्थमा यानी कि दमा पेशेंट के लिए कितना घातक है साथ ही इसके बचाव के उपाय भी जानें।
दिल्ली की हवा में मौजूद केमिकल टॉक्सिन और पराली से निकलने वाले जहरीले धुएं के कारण लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। जानिए आप कैसे रखें खुद को फिट।
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) द्वारा पिछले पांच वर्षों में एकत्रित किए गए आंकड़ों के विश्लेषण के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में लोग हर साल एक से 15 नवंबर के बीच ‘‘सबसे खराब’’ हवा में सांस लेते हैं।
दिल्ली के समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने शनिवार को कहा कि आम आदमी पार्टी के वृक्षारोपण अभियान से प्रदूषण कम हुआ है।
हाल ही में आई ग्रीनपीस की स्टडी में भी यह बात सामने आई थी कि देश के बड़े शहरों की जहरीली हवा हर साल हजारों जिंदगियों को निगल रही है।
बता दें कि दिल्ली में पिछले साल वायु प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानकों से 6 गुना अधिक रहा।
सीपीसीपी के समीर ऐप के मुताबिक, गाजियाबाद में शुक्रवार के गत 24 घंटे का औसत एक्यूआई 391 दर्ज किया गया जबकि ग्रेटर नोएडा में 376, नोएडा में 386, फरीदाबाद में 328 और गुरुग्राम में एक्यूआई 302 रहा।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता (Delhi Air Quality) रविवार को ‘‘अत्यंत खराब'' श्रेणी में दर्ज की गई, लेकिन इसमें वायु की गति बढ़ने के पूर्वानुमान के कारण आगामी दो दिन में सुधार होने की उम्मीद है।
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