टाटा समूह ने रविवार को ट्वीट किया, भारत की पहली एयरलाइन कंपनी के नाम के लिए विकल्प थे इंडियन एयरलाइंस, पैन-इंडियन एयरलाइंस, ट्रांस-इंडियन एयरलाइंस और एयर इंडिया।
एनआईएनएल सार्वजनिक क्षेत्र की चार कंपनियों एमएमटीसी लिमिटेड, राष्ट्रीय खनिज विकास निगम, भेल और मेकॉन लिमिटेड समेत ओडिशा सरकार की दो कंपनियों का संयुक्त उद्यम है।
आइए जानते हैं टाटा के हाथों से निकलकर सरकारी कंपनी बनने और फिर 69 साल बाद महाराजा के फिर टाटा से हाथ मिलाने तक का पूरा सफर
टाटा ग्रुप की पहली कोशिश होगी कि एयर इंडिया की फ्लाइट का संचालन समय पर हो। इसके अलावा भी कई अन्य बदलावों पर विचार किया जा रहा है।
एन चंद्रशेखरन ने कहा कि हम पूरी तरह से खुश हैं कि यह प्रक्रिया पूरी हो गई है और एयर इंडिया को टाटा समूह में वापस पाकर खुशी हो रही है
सरकार ने प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के बाद आठ अक्टूबर को 18,000 करोड़ रुपये में एयर इंडिया को टैलेस प्राइवेट लिमिटेड को बेच दिया था।
भारत से अमेरिका जाने वाली 8 उड़ानों को रद्द कर दी गई हैं। इसकी वजह 5जी नेटवर्क को बताया जा रहा है। दरअसल, उत्तरी अमेरिका में 5जी इंटरनेट की शुरुआत है। इस कारण भारत से अमेरिका जाने वाली ये उड़ानें रद्द की गई हैं।
आज सुबह एयर इंडिया की पहली फ्लाइट जेएफके एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गई। आज शिकागो और एसएफओ एयरपोर्ट के लिए भी उड़ानें शिड्यूल हैं।
एयर इंडिया के साथ उसकी सस्ती विमान सेवा एयर इंडिया एक्सप्रेस की भी शत-प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री की जाएगी।
कैग ने रिपोर्ट में कहा है कि एयर इंडिया को अनुबंध की शर्तों का पालन नहीं करने पर विमान निर्माता कंपनी बोइंग को 43.85 करोड़ रुपये का जुर्माना देना पड़ा
पिछले महीने के अंत में केंद्र सरकार ने एयर इंडिया को 18,000 करोड़ रुपये में टाटा संस के हाथों बेचने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
हवाई कंपनियों के लिए अक्टूबर का महीना काफी शानदार रहा। इस महीने छह दिन हर रोज 3 लाख से अधिक यात्रियों ने हवाई सफर किया।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार को कहा कि घरेलू मार्गों पर हवाई सेवाओं के विस्तार से किराए में कमी आ रही है।
2003-04 के बाद यह पहला निजीकरण होगा, एयर इंडिया टाटा के पोर्टफोलियो में तीसरा एयरलाइन ब्रांड होगा। एयर एशिया इंडिया और विस्तारा में टाटा की अधिकांश हिस्सेदारी है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय विमानन कंपनी एयर इंडिया की बिक्री भारत के निजीकरण के प्रयासों में एक ‘महत्वपूर्ण मील का पत्थर’ साबित होगी।
इसी महीने सरकार ने टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी की इकाई टैलेस प्राइवेट लि. की एयर इंडिया के लिए 18 हजार करोड़ रुपये की पेशकश को स्वीकार कर लिया था।
सरकार ने घाटे में चल रही एयर इंडिया में अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी टाटा समूह को 18,000 करोड़ रुपये में बेचने की पुष्टि को लेकर सोमवार को आशय पत्र जारी किया।
एयर इंडिया को टाटा को सौंपने से पहले, सरकार बाकी चार महीने की अवधि (सितंबर-दिसंबर) के लिए एयर इंडिया के बहीखातों पर काम करेगी और जो भी देनदारियां बचेगीं, उन्हें एआईएएचएल को स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
रतन टाटा के मुताबिक टाटा समूह का एयर इंडिया के लिये बोली जीतना बड़ी खबर है, और यह टाटा समूह के विमानन उद्योग में मौजूदगी को यह मजबूत व्यवसायिक अवसर उपलब्ध कराएगी
68 साल बाद एक बार फिर से टाटा ग्रुप, एयर इंडिया का मालिक बन गया है। भारत की सरकारी एयरलाइन कंपनी एअर इंडिया (Air India) की शुरुआत 88 साल पहले टाटा ग्रुप के चेयरमेन 'जहांगीर रतनजी ददभोय टाटा' (JRD Tata) ने की थी और आज एक बार फिर से 88 साल पुराना इतिहास दोहराया गया है।
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