असदुद्दीन ओवैसी ने बताया कि उनकी पार्टी एक-दो और पार्टियों के साथ बात कर रही है और समय आने पर ये बताया जाएगा कि वो किसी के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ेंगे या फिर अकेले ही। ओवैसी ने दावा किया कि वो चुनाव जीतने की स्थिति में हैं।
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हमारा मुकाम एक बैंड बाजे की पार्टी की तरह होकर रह गया है। जब इलेक्शन आता है तो हमसे कहते हैं कि बैंड बजाओ, सेकुलरिज्म को बचाओ, जब इलेक्शन आता है तो मुसलमानों से कहा जाता है कि पुंगी बजाओ और सेकुलरिज्म को बचाओ।
उत्तर प्रदेश की आबादी में अपेक्षाकृत कम हिस्सेदारी रखने वाली जाटव, यादव, राजभर और निषाद समेत विभिन्न जातियों का कमोबेश अपना-अपना नेतृत्व है, मगर जनसंख्या में 19 प्रतिशत से ज्यादा भागीदारी रखने वाले मुसलमानों का कोई सर्वमान्य नेतृत्व नजर नहीं आता।
शनिवार को ओवैसी ने प्रयागराज में जनसभा को संबोधित किया। उनकी इस जनसभा में उमड़ी भीड़ को देखकर जहां AIMIM उत्साहित है, वहीं यूपी की सत्ता में वापसी की राह देख रहीं सपा और बसपा की टेंशन बढ़ गई है।
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने दावा किया है कि पिछले दरवाजे से राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) को लागू करने का प्रयास किया गया था। क्या वह जानबूझकर मुसलमानों में डर की भावना पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं? मुक़ाबला शो पर बहस देखें।
ओवैसी ने कहा कि हम चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे, उत्तर प्रदेश के मुस्लिम चुनाव जीतेंगे। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य यूपी में भाजपा को हराया है।
तपस्वी मंदिर के महंत परमहंस दास ने इसे ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) का "हिंदुत्व विरोधी" कदम बताया। उन्होंने कहा कि अगर फैजाबाद नाम वाले पोस्टर नहीं हटाए गए तो पार्टी को जिले में जनसभा नहीं करने दी जाएगी।
आवेदन पत्र के साथ जो शपथ पत्र भरना है, उसके चौथे बिंदू में कहा गया है, "मैं इस बात का विश्वास दिलाता हूं और वायदा करता हूं कि टिकट न मिलने की सूरत में भी पार्टी की सेवा करता रहूंगा/करती रहूंगी।"
ओवैसी ने कहा कि चार साल से बीजेपी की सरकार है और यूपी रियासत के चीफ मिनिस्टर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोई कसर बाकी नहीं रखी की भारत के संविधान की धज्जियां उड़ाई जाएं।
जहां जमीर और मोहतेसिन को गोलियां लगी हैं, वहीं मन्नान को चाकू के घाव लगे हैं। चूंकि जमीर की हालत सबसे ज्यादा गंभीर थी, तो उसे उपचार के लिए हैदराबाद में ले जाया गया।
राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो ओवैसी के यूपी में चुनाव लड़ने से सपा के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। क्योंकि यहां पर सपा को हर पार्टियों की अपेक्षा मुस्लिम मतदाताओं का करीब 50 से 60 प्रतिशत वोट मिलता रहा है। ऐसे में ओवैसी जातीय समीकरण के साथ मुस्लिम वोट बैंक में सेंधमारी कर सकते हैं।
ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (GHMC) के चुनावों से पहले, राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के बीच जुबानी जंग भी तेज होती जा रही है। ऐसी ही एक घटना में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने एक भाजपा नेता पर निशाना साधा है, जिन्होंने एक बयान में चुनाव जीतने पर पुराने शहर में सर्जिकल स्ट्राइक करने की बात की थी।
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