Ahoi Ashtami 2024 Upay: अहोई अष्टमी का व्रत संतान की लंबी आयु और सुखी जीवन के लिए किया जाता है। इसके अलावा जिनकी कोई संतान नहीं वो भी संतान प्राप्ति के लिए यह व्रत रख सकती हैं। अहोई अष्टमी के दिन इन उपायों को करने से संतान का जीवन खुशहाली से भर जाता है।
अहोई अष्टमी का व्रत संतान की सुख-समृद्धि और पारिवारिक संपन्नता के लिए रखा जाता है। इस दिन राशि के अनुसार क्या उपाय करना शुभ रहेगा, आइए जानते हैं।
Ahoi Ashtami 2024: संतान की लंबी आयु और खुशहाली के लिए माताएं अहोई अष्टमी का व्रत करती हैं। इस दिन अहोई माता की उपासना की जाती है। अहोई अष्टमी के व्रत का पारण शाम के समय तारों को अर्घ्य देकर पारण किया जाता है।
Ahoi Ashtami 2024 Vrat Date: संतान की लंबी आयु और सुखी जीवन के लिए माताएं अहोई अष्टमी का व्रत करती हैं। यह व्रत काफी कठिन माना जाता है। अहोई अष्टमी व्रत का पारण तारों और चांद को देखने के बाद ही किया जाता है।
अहोई अष्टमी का व्रत आज रखा जाएगा। आज के दिन माताएं अपनी संतान की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। आज के दिन यदि आपको मां अहोई अष्टमी का आशीर्वाद पाना है, तो उन्हें प्रसाद के तौर पर कुछ चीजें चढ़ाएं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि प्रसाद के तौर पर अहोई माता को क्या चढ़ाया जा सकता है।
हिंदू धर्म के अनुसार प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन अहोई अष्टमी का व्रत मताएं अपनी संतान की लंबी आयु के लिए रखती हैं। आइये आचार्य इंदु प्रकाश से जानते हैं अहोई अष्टमी के व्रत से जुड़े उपायों के बारे में।
अहोई अष्टमी का व्रत मताएं अपनी संतान की लंबी आयु के लिए रखती हैं। इस बार यह व्रत 5 नवंबर 2023 को रखा जाएगा। आइये जानते हैं इस व्रत को रखते समय किन बातों का ध्यान देना चाहिए और क्या है इस व्रत को रखने का नियम।
Ahoi Ashtami Vrat: करवा चौथ के बाद अहोई अष्टमी का व्रत आता है। महिलाएं बच्चों के लिए ये व्रत करती हैं। अहोई अष्टमी के दिन पूजा और प्रसाद में गुलगुल और मालपुए बनाए जाते हैं। आज हम आपको बेहद स्वादिष्ट मालपुए की रेसिपी बता रहे हैं, जिसे चुटकियों में चट कर जाएंगे बच्चे।
Ahoi Ashtami 2023: हिंदू धर्म में अहोई अष्टमी का व्रत विशेष महत्व रखता है। इस व्रत को करने से संतान का सुख मिलता है। तो आइए जानते हैं कि अहोई अष्टमी का व्रत किस दिन रखा जाएगा और इसकी पूजा विधि क्या है।
Ahoi Ashtami arti: सनातन धर्म में अहोई अष्टमी के व्रत का बड़ा महत्व बताया गया है। कहते हैं कि, ये व्रत करने से संतान को दीर्घायु और सुखी जीवन का वरदान प्राप्त होता है। इस दिन अहोई माता की आरती उतारने से भी बड़ा लाभ होता है।
Ahoi Ashtami 2022: अहोई अष्टमी का त्योहार करवाचौथ से चार दिन बाद और दिवाली से 8 दिन पहले मनाया जाता है। अहोई अष्टमी का ये त्योहार संतान के लिए किया जाता है।
Ahoi Ashtami 2022: कार्तिक कृष्ण अष्टमी तिथि को बच्चों की सुख-समृद्धि के लिए माताएं अहोई अष्टमी का व्रत रखती हैं। यह व्रत करने से संतान को दीर्घायु का वरदान प्राप्त होता है। आइए आज आपको अहोई अष्टमी की व्रत सामग्री के बारे में बताते हैं।
Ahoi Ashtami 2022: हिन्दू पंचांग के अनुसार इस वर्ष अहोई अष्टमी व्रत 17 अक्टूबर 2022 (Ahoi Ashtami 2022 Date) के दिन रखा जाएगा।
Ahoi ashtami Vrat 2022: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई माता की पूजा करने से संतान को सुख-समृद्धि का वरदान प्राप्त होता है। इस दिन अहोई माता और भगवान शिव की पूजा से बड़ा लाभ मिलता है। अहोई अष्टमी पर तीन विशेष उपाय करने से संतान का भाग्य संवरता है।
Ahoi ashtami 2022: अहोई अष्टमी का व्रत संतान की लंबी आयु के लिए रखा जाता है। इस बार यह व्रत अक्टूबर को रखा जाएगा। अहोई माता की पूजा और उपवास करने से संतान का सुख भी मिलता है।
अहोई अष्टमी का व्रत माताएं अपने बच्चों के सुखी जीवन, खुशहाली, लंबी आयु और धन-धान्य की बढ़ोतरी के लिए रखती हैं। जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
अहोई अष्टमी का त्योहार संतान के लिए किया जाता है। इस दिन माताएं अपने बच्चों के सुखी जीवन, उनकी खुशहाली और लंबी आयु के लिए व्रत करती हैं। अगर आप अपनी संतान की अच्छी सेहत सुनिश्चित करना चाहते हैं तो अहोई पूजा के समय पांच साबुत हल्दी की गांठ लेकर देवी मां के सामने खनी चाहिए। पूजा के बाद देवी मां को प्रणाम करके हल्दी की गांठ को उठा लें और किसी मन्दिर में दान कर दें।
आज सुबह 7.30 के बाद से अष्टमी लग चुकी है। आज अहोई अष्टमी है। ये करवा चौथ से चार दिन बाद और दिवाली से 4 दिन पहले मनाया जाता है।
अहोई अष्टमी के दिन संतान की लंबी आयु और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए महिलाएं व्रत रखती हैं। यह दिन देवी अहोई को समर्पित होती है। जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत कथा।
अहोई अष्टमी का व्रत करवाचौथ से चार दिन बाद और दिवाली से 8 दिन पहले मनाया जाता है। जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत कथा।
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