गुजरात राज्यसभा चुनाव पर पिछले कई दिनों से चल रही रस्साकशी के बीच आपके दिमाग में ये सवाल जरूर उठता होगा कि नेता आखिर राज्यसभा जाने के लिए इतना मारामारी क्यों करते है। राज्यसभा पहुंचने वाले सांसदों के वेतन और सुविधाओं को लेकर भी सवाल आया होगा।
इन्हीं दोनों विधायकों के वोट रद्द होने से सारा गेम पलट गया और बलवंत सिंह राजपूत और भाजपा का खेल बिगड़ गया। कांग्रेसी विधायकों के वोट चुनाव आयोग ने रद्द कर दिए। ऐसा करते ही राज्यसभा पहुंचने के लिए मैजिक नंबर 45 से घटकर 44 रह गया। पटेल को 44 ही वोट मिल
Ahmed Patel Snatches Win In Gujarat Rajya Sabha Poll | 2017-08-09 08:58:47
Invalid Congress Votes Helped Ahmed Patel Retain Rajya Sabha Seat in Gujarat | 2017-08-09 08:52:19
जीत के बाद अहमद पटेल ने ट्वीट किया और कहा- सत्यमेव जयते। पटेल ने कहा कि यह सिर्फ मेरी जीत नहीं है। यह सत्ता, पैसे और स्टेट मशीनरी के दुरुपयोग की सबसे जबरदस्त हार है। मैं हर एक विधायक को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने धमकी और भाजपा के दबाव के बावजू
सियासत की आज की सबसे बड़ी ख़बर अहमद पटेल हैं। आखिर अहमद पटेल की जीत और हार में ऐसा क्या है जिसके लिए बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है। टूटी फूटी कांग्रेस को बेचारगी की हालत में ला खड़ा किया। दरअसल बात सिर्फ एक सीट भर की नहीं है...बात रणनीति और रणनी
गुजरात से जनता दल (युनाइटेड) के विधायक छोटूभाई वासवा ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अहमद पटेल के पक्ष में मतदान किया है, क्योंकि वह अपनी पार्टी के अध्यक्ष नीतीश कुमार के बिहार में भाजपा के साथ गठबंधन करने के खिलाफ
उन्होंने कहा कि अभी जो स्थिति है उसमें कांग्रेस के पास 40 वोट भी नहीं है। 44 वोट पक्के बता रहे थे उसमें भी संशय है। अहमद भाई की मर्यादा के साथ पार्टी को ऐसा मज़ाक नहीं करना चाहिए था।'' उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी के तीनों उम्मीदवार इस चुनाव में जीते
गुजरात में राज्यसभा के लिये हुई वोटिंग में कांग्रेस उम्मीदवार अहमद पटेल के लिए राहत की खबर है। चुनाव आयोग ने कांग्रेस की शिकायत की जांच के बाद कांग्रेस के दो विधायकों (राघवजी पटेल और भोला भाई )के वोट को रद्द करने का फैसला किया
कई दिन के नाटकीय राजनीतिक घटनाक्रम के बाद गुजरात राज्यसभा चुनाव के लिए तैयार है जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव और प्रभावशाली नेता अहमद पटेल समेत अन्य के भविष्य का फैसला होना है।
गुजरात में राज्यसभा चुनाव की पूर्व संध्या पर कांग्रेस उम्मीदवार अहमद पटेल ने आज कहा कि जीत के लिए उन्हें पर्याप्त संख्या में विधायकों का समर्थन हासिल है, जिनमें राकांपा और जदयू के विधायक भी शामिल हैं।
आठ अगस्त को गुजरात में हो रहे तीन राज्यसभा सीटों पर चुनाव को लेकर तेज हो गयी गहमागहमी के बीच भाजपा के तीन में से एक उम्मीदवार तथा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के यहां थलतेज आवास पर बैठकों का दौर जारी रहा।
कर्नाटक में बेंगलुरू के पास एक निजी रिजॉर्ट में डेरा डाले हुए गुजरात कांग्रेस के विधायक सीधे अपने राज्य जाएंगे ना कि दिल्ली, जैसा कि मीडिया के एक तबके ने कहा है। पार्टी सूत्रों ने आज यहां यह जानकारी दी।
हाल ही में कांग्रेस से अलग हुए नेता शंकर सिंह का वाघेला ने दावा किया है कि पार्टी छोड़ने से रोकने के लिए उन्हे राज्यसभा की सीट की पेशकश की गई थी। उन्होंने ये भी दावा किया कि ये पेशकश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने की थी।
कांग्रेस से बगावत कर पार्टी छोड़ चुके वरिष्ठ नेता शंकर सिंह वाघेला के बेटे महेंद्र सिंह वाघेला ने शनिवार को कहा कि गुजरात में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल का आठ अगस्त को होने वाले राज्यसभा चुनाव में दोबारा चुना जाना मुश्किल है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार से कांग्रेस पूरी तरह उबरी भी नहीं थी कि बिहार में महागठबंधन की गांठ खुल गई। नीतीश कुमार ने वापस भजपा का दामन थाम लिया।
वाघेला ने आरोप लगाया था कि उन्हें पार्टी से बाहर निकालने के लिए आतंरिक षड्यंत्र रचा गया था। सिद्धपुर से विधायक बलवंत सिंह राजपूत, विरामगम से विधायक तेजश्री पटेल, और विजापुर के विधायक पी आई. पटेल ने गुरुवार दोपहर को अपना इस्तीफा सौंपा और भाजपा में शाम
गुजरात में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव होने हैं। दो सीटों के लिए अमित शाह, स्मृति ईरानी उम्मीदवार हैं। अगर वोटों का हिसाब लगाया जाए तो इन दोनों उम्मीदवारों की जीत लगभग तय है। लेकिन भाजपा के तीसरे उम्मीदवार के आने के बाद अब 8 अगस्त को चुनाव होग
शंकर सिंह वाघेला के बाद गुजरात कांग्रेस को आज दूसरा बड़ा झटका लगा है। सीनियर नेता बलवंत सिंह राजपूत समेत 3 कांग्रेस विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया है। बलवंत सिंह को बीजेपी ने गुजरात से राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है।
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