अच्छी बारिश तथा बीज, कीटनाशक, उर्वरक, मशीनरी और ऋण जैसे जरूरी सामान का समय से पहले इंतजाम रखने के कारण महामारी की स्थिति के बावजूद भी खेती के रकबे के दायरे में वृद्धि संभव हुई है।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने ड्रोन सहित आधुनिक प्रौद्योगिकी के जरिये टिड्डियों के हमले को नियंत्रित किया है।
तीन फसलों ने ग्रामीण भारत में तीन लाख करोड़ रुपए की आमदनी पहुंचाई हैं।
केवीआईसी को 10-15 वर्षों में तैयार होने वाले चंदन के पेड़ों से 50 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है, जबकि बांस के पेड़ों से तीन साल बाद हर साल चार से पांच लाख रुपए मिलने का अनुमान है।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक 3 जुलाई तक देशभर में कुल 432.97 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की खेती दर्ज की गई है जबकि पिछले साल इस दौरान सिर्फ 230.03 लाख हेक्टेयर में खेती हो पायी थी।
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अबतक जो खेती हुई है उसमें तिलहन का रकबा पिछले साल के मुकाबले 6 गुना से भी ज्यादा आगे चल रहा है जबकि दलहन का रकबा 3 गुना आगे है।
विश्लेषक कंपनी फिच साल्युशन्स ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि देश के कृषि व्यापार के कैलेंडर वर्ष 2020 की दूसरी छमाही में वापस गति पकड़ने की उम्मीद है।
सरकार ने कृषि सुधार से जुड़े दो अध्यादेश शुक्रवार को अधिसूचित कर दिए। यह अध्यादेश किसानों को मुक्त व्यापार में मदद करने और उनकी उपज का बेहतर दाम दिलाने से जुड़े हैं।
यह विपणन की लागत को कम करेगा और किसानों की आय में सुधार करेगा।
तमाम मुश्किलों के बावजूद एक सेक्टर ऐसा है जहां पर पहले के मुकाबले ज्यादा रफ्तार से काम हो रहा है और वह है देश का कृषि सेक्टर। सरकार भी इस सेक्टर से बहुत ज्यादा उम्मीद लगाए बैठी है।
वित्त मंत्री ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तीसरे हिस्से में कृषि क्षेत्र के लिए ऐलान किए
अफ्रीका, पश्चिम एशिया और दक्षिण एशिया में टिड्डियों ने इस समय कहर बरपा रखा है। यह आफत इतनी बड़ी है कि इसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में व्यापक चिंता पैदा कर दी है।
इस योजना के तहत केंद्र सरकार पात्र किसानों को तीन बराबर किस्तों में सालाना 6,000 रुपए का भुगतान कर रही है।
वित्त मंत्री को ग्रामीण इलाकों से मांग बढ़ने की उम्मीद
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलनीस्वामी की एक तस्वीर पोस्ट की है, जिसमें मुख्यमंत्री अपने हाथ में दरांती पकड़े हुए हैं और खेत में काम कर रहे हैं। नायडू ने अपनी जड़ों को नहीं भूलने के लिए पलनीस्वामी की तारीफ की है।
पिछले एक दशक में विभिन्न राज्यों ने कुल 4.7 लाख करोड़ रुपए के कृषि ऋण माफ किए हैं। यह उद्योग जगत से संबंधित गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) का 82 प्रतिशत है।
महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पंजाब और कर्नाटक सहित आठ राज्यों ने कृषि निर्यात नीति के लिए कार्रवाई योजना तैयार की है। इस नीति का मकसद कृषि निर्यात को दोगुना करना है।
नरेंद्र सिंह तोमर केंद्र ने कहा कि प्याज के दाम को काबू करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के बजाए कई लोग (मुख्यमंत्रियों) इस मसले पर राजनीति करने लगे।
कृषि क्षेत्र से जुड़े कुल 11,379 व्यक्तियों ने 2016 के दौरान आत्महत्या कर ली थीं लेकिन उसके बाद से किसानों द्वारा आत्महत्या करने के संबंध में सरकार ने कोई रिपोर्ट प्रकाशित नहीं की है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को बताया कि किसानों की आमदनी 2022 तक दोगुनी करने के लिए सरकार ने एक रोडमैप बनाया है।
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