3 केंद्रीय मंत्रियों के साथ आंदोलनकारी किसानों के प्रतिनिधिमंडल की बैठक गुरुवार को बेनतीजा रही। लगभग आठ घंटे चली इस बैठक में किसान नेता नए कृषि कानूनों को रद्द करने पर जोर देते रहे। अगली बैठक 5 दिसंबर (शनिवार) को होगी।
नए कानून के नाम पर आंदोलन कर रहे किसानों को अपने इन साथी किसानों की ये सक्सेज स्टोरीज जरूर पढ़नी चाहिए।
किसान सरकार द्वारा तय एमएसपी पर फसलों की गारंटी की मांग कर रहे हैं। मगर, एमएसपी की गारंटी देने पर सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि सरकार को बजट का एक बड़ा हिस्सा एमएसपी पर ही खर्च होगा।
शुक्रवार को हुई हिंसा की घटना के बाद किसानों के धरने में किसी भी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है और पंजाब और हरियाणा के किसानों द्वारा सिंघू और टिकरी सीमाओं पर शांतिपूर्ण धरना जारी रहा। सरकार आज 30 से अधिक किसान संगठनों के साथ वार्ता कर रही है।
लुधियाना और जालंधर में उद्योगों को 22,000 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। वहीं 13,500 से अधिक कंटेनर लुधियाना के पास ढंडारी में अटके हुए हैं वहीं प्रदर्शन का धान की फसल के उठान पर भी विपरीत असर पड़ा है और दिल्ली व राजपुरा में 60,000 बोरी का परिवहन नहीं हो सका है।
तमिलनाडु के कृषि मंत्री आर. दुरैक्कन्नू कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनकी हालत को देखते हुए उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया है।
पंजाब के बाद, अब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी कृषि कानूनों पर चर्चा करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का फैसला किया है।
विपक्ष और कांग्रेस पार्टी इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं और कह रहे हैं कि सरकार के इस कानून से कृषि उपज मंडियां खत्म हो जाएंगी। विपक्ष यह भी कह रहा है कि सरकार के इन कानूनों से किसानों को फसलों का समर्थन मूल्य मिलना बंद हो जाएगा।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कृषि संबंधी कानूनों को लेकर मंगलवार को एक बार फिर सरकार पर निशाना साधा और कहा कि देश के भविष्य के लिए इन कानूनों का विरोध करना पड़ेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने 11 ऐसे मौके गिनाए जब देश हित की बात होते हुए भी कांग्रेस पार्टी ने विरोध प्रदर्शन किया। इन 11 मौकों में सर्जिकल स्ट्राइक, वन रैंक वन पेंशन (OROP), योग दिवस जैसे मौकों पर कांग्रेस पार्टी की प्रतिक्रिया और हाल में पास हो रहे कृषि बिल को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन शामिल हैं
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि बिल से किसान को उनकी फसल के दाम की गारंटी फसल बुआई के समय ही मिल जाएगी और इसके लिए किसान खरीदार से जो कॉन्ट्रेक्ट करेंगे उसमें सिर्फ कृषि उत्पाद की खरीद फरोख्त होगी, जमीन से खरीदार का कोई लेना-देना नहीं होगा।
संसद से पारित किसान बिल को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच जंग छिड़ी हुई है। इस बिल को लेकर राज्यसभा में हंगामा हुआ था जिसके बाद 8 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था। संसद परिसर में सभी विपक्षी पार्टियां प्रदर्शन कर रही हैं। इस दौरान सभी के हाथ में किसान बचाओ के प्लेकार्ड भी हैं।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने मंगलवार को 2020- 21 की प्रमुख खरीफ फसलों का पहला अग्रिम उत्पादन का अनुमान जारी किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को कृषि कानूनों के लाभ गिनाए। प्रधानमंत्री मोदी सोमवार को बिहार में सड़क परियोजनाओं के शिलान्यास कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से संबोधित कर रहे थे।
समाजवादी पार्टी सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि इस बिल के बाद हमारी मौजूदा मंडियां निजी मंडियों के आगे दम तोड़ देंगी।
देशभर में MSP पर पंजाब और हरियाणा के किसान ही सबसे ज्यादा फसल बेचते हैं और विपक्ष ने दावा किया है कि इन दोनो राज्यों के किसान ही ज्यादा विरोध कर रहे हैं। लेकिन सरकार ने जोर देकर कहा है कि नए कृषि विधेयक अगर कानून बने तो MSP की व्यवस्था को खत्म नहीं किया जाएगा बल्कि इसे और मजबूत किया जाएगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खेती किसानी से जुड़े तीनों अध्यादेश गुरुवार को लोकसभा में पास हो जाने पर किसानों को बधाई दी है।
अकाली दल नेता हरसिमरत कौर बादल ने जिन कृषि विधेयकों के विरोध में मोदी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया है वे विधेयक लोकसभा में गुरुवार (17 सितंबर) को पास हो गए हैं।
विपक्ष आरोप लगा रहा है कि बिल के जरिए सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था को हटाना चाहती है। विपक्ष इन तीनों विधेयकों को किसान विरोधी बता रहा है।
कृषि मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि खरीफ फसलों की बुवाई के काम पर महामारी का कोई असर नहीं पड़ा है और गर्मियों की फसलों की रिकॉर्ड क्षेत्र में फसल लगाई गई है।
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