तालिबान के प्रवक्ता ने बुधवार को कहा कि ‘अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के काम करने से उन्हें कोई ऐतराज नहीं हैं, लेकिन उनके देश यानी अफगानिस्तान की महिलाएं वैश्विक निकाय में काम नहीं कर सकेंगी। प्रवक्ता ने कहा कि ‘ अफगानिस्तान की महिलाओं के लिए ये फरमान हमारा आंतरिक मामला है।
अफगानिस्तान में राज कर रहे तालिबानियों ने अब महिलाओं पर नई पाबंदी लगा दी है। महिलाओं को अब हरे-भरे बगीचे या रेस्टोरेंट में जाने की अनुमति नहीं होगी।
पाकिस्तान से चोरी छिपे गेहूं अफगानिस्तान भेजा जा रहा है, जबकि पाकिस्तान की जनता भूखे मर रही है। इस संबंध में सिंध अबदगर बोर्ड ‘एसएबी‘ के स्थानीय नेताओं और छोटे उत्पादकों ने सिंध सरकार से अफगानिस्तान में चोरी छिपे गेहूं भेजने वालों पर रोक लगाने की मांग की है।
व्हाइट हाउस ने गुरुवार को अमेरिका की अफगानिस्तान से वापसी के संबंध में 12 पन्नों को एक दस्तावेज जारी किया है। इस डॉक्यूमेंट में वे कंडीशंस बताई गई हैं जिनके कारण अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान छोड़ने का निर्णय व्हाइट हाउस ने लिया। इस रिपोर्ट में ट्रंप प्रशासन को ऐसी स्थितियों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है और कहा गया कि यह
रमजान का हवाला देकर तालिबानियों ने रेडियो की आवाज खामोश करवा दी। इस आदेश के पीछे तालिबान का आरोप है कि महिला रेडियो स्टेशन पवित्र रमजान माह के दौरान बजाया जा रहा था। हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार महिला रेडियो स्टेशन ने तालिबान के इन आरोपों को खारिज कर दिया है।
दक्षिण अमेरिकी देश चिली में कल रात भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। देर रात आए भूकंप की रिक्टर स्केल पर तीव्रता 6.2 मापी गई है। इसके बाद अफगानिस्तान में भी भूकंप के झटके महसूस हुए हैं।
काबुल में बुधवा की सुबह 5:49 बजे 4.3 रिक्टर स्केल की तीव्रता से भूकंप आया। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप का केंद्र काबुल से 85 किमी पूर्व दिशा की ओर था।
पाकिस्तान को अफगानिस्तान के खिलाफ तीन मैचों की टी20 सीरीज में 2-1 से शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय के पास किए गए इस हमले में कम से कम 6 लोगों की मौत हो गई है और कई अन्य घायल हो गए हैं।
तालिबान के सुप्रीम लीडर मुल्ला हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने अफगानिस्तान के बाहर शरिया कानून लागू करने का अपना खतरनाक मंसूबा जगजाहिर किया है। दरअसल तालिबान जबसे सत्ता में आया है। वह अपनी व्यवस्था चलाने का एक बेहतरीन ढांचा नहीं बना सकता है। तालिबान के नेताओं में आम सहमति नहीं है, जिसके कारण आए दिन उनके बीच मारपीट होती रहती है
भारी बारिश के बाद अचानक आई बाढ़ के कारण अफगानिस्तान में हाहाकार मच गया है। प्रांतीय पुलिस प्रवक्ता मोहम्मद आसिफ वजीरी ने शुक्रवार को कहा कि उत्तरी अफगानिस्तान में आंधी-तूफान और अचानक आई बाढ़ ने घरों और खेतों को नष्ट कर दिया है।
भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान का हिंदुकुश इलाका था लेकिन इसका असर अफगानिस्तान के अलावा पाकिस्तान और उत्तर भारत तक दिखा। भूकंप के समय, रावलपिंडी के एक बाजार में भगदड़ मच गई। खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के स्वाबी में एक मकान की छत गिरने से एक ही परिवार के कम से कम पांच सदस्य घायल हो गए।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) की मानें तो आज सुबह अफगानिस्तान के फैजाबाद से 101 किमी दक्षिणी इलाके में रिक्टर स्केल पर 4.1 की तीव्रता वाले भूकंप को मापा गया है। बता दें कि अभी अधिक जानकारी का इंतजार किया जा रहा है।
अफगानिस्तान के फैजाबाद से 82 किमी दक्षिण पूर्व में मंगलवार को 4.0 तीव्रता का भूकंप आया। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के अनुसार फिलहाल भूकंप से किसी तरह के जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है, फिर भी धरती डोलने की घटना से यहां के लोग सहम गए हैं।
अफगानिस्तान में तालिबान सरकार ने आतंकियों के खिलाफ बड़ा एक्शन लेते हुए इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड खुरासान के कमांडर चीफ को मार गिराया है।
Earthquake Again: भारत के मणिपुर में और अफगानिस्तान में एक बार फिर से भूकंप के झटके महसूस किए गए। मणिपुर के नोनी में आए भूकंप की तीव्रता जहां 3.1 थी वहीं अफगानिस्तान में आए भूकंप की तीव्रता 4.1 थी।
कंधार शहर में एक शख्स ने तालिबान का नाम लेकर महिलाओं के बैग और गहने लूट लिए। आरोपी को एक महिला से 10 हजार डॉलर का सोना चोरी करते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था।
एजाज श्रीनगर का रहने वाला था और जनवरी में उसे गृह मंत्रालय ने आतंकी घोषित किया था। बताया जा रहा है कि तालिबान के एक्शन में इस आतंकी की मौत हुई है। भारत ने तालिबान से यह पूरा मामला उठाया था।
अफगानिस्तान में तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार ने इस्लामाबाद पर अपनी प्रतिबद्धताओं से मुकरने का आरोप लगाते हुए पाकिस्तान के साथ देश के मुख्य व्यापार और सीमा पर बॉर्डर प्वाइंट में से एक को बंद करने का आदेश दिया है।
तालिबान ने एक बार फिर विवादित फरमान दिया है। तालिबान को ऐसा लगता है कि मुस्लिम आबादी को कंट्रोल करने के लिए इन गर्भनिरोधकों का इस्तेमाल किया जाता है। इसी वजह से उसने घर-घर जाकर ये चेतावनी जारी कर दी है कि इन दवाओं का किसी भी सूरत में इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।
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