फारुक अब्दुल्ला ने उम्मीद जताई है कि अफगानिस्तान में तालिबान एक अच्छी हुकूमत चलाएंगे और लोगों से इंसाफ करेंगे।
आतंकी मुल्ला हसन अखुंद की लीडरशिप में बनाया गया ये कैबिनेट 33 आतंकियों का है, जिसमें 30 मंत्री पश्तून समुदाय के हैं। हक्कानी नेटवर्क से 4 आतंकियों को मंत्री बनाया गया है जबकि हजारा समुदाय को मौका नहीं मिला है।
इस बीच, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने मंगलवार को रिपब्लिकन सांसदों के उन दावों को खारिज किया जिसमें कहा गया था कि अमेरिका द्वारा सैनिकों और राजनयिकों को निकालने के बाद मजार-ए-शरीफ में बंधक जैसी स्थिति है।
गौरतलब है कि पंजशीर अफगानिस्तान का सबसे छोटा सूबा है लेकिन अब तक वो तालिबान के आगे नहीं झुका था। बात सिर्फ इस बार की नहीं है पिछले तालिबान के शासन में भी पंजशीर आजाद रहा था।
अफगानिस्तान और तालिबान को जानने वाले लोग बताते हैं कि जो भी सरकार बनेगी वह ज्यादा दिन तक चल नहीं पाएगी।
बता दें कि पिछले महीने काबुल पर कब्जे के बाद से खबरे आ रही हैं कि तालिबान पत्रकारों की पिटाई कर रहा है और उन्हें धमकी दे रहा है।
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल जून तक सार्वजनिक कर्ज बढ़कर 39.9 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जिसमें महज तीन साल में 14.9 लाख करोड़ रुपये का इजाफा है।
मुल्ला हसन वर्तमान में तालिबान की निर्णय लेने वाली शक्तिशाली इकाई रहबरी शूरा या नेतृत्व परिषद का प्रमुख है, जो शीर्ष नेता के अनुमोदन के अधीन समूह के सभी मामलों पर सरकारी मंत्रिमंडल की तरह कार्य करता है।
मंगलवार को जब अफगानिस्तान में पाकिस्तान तथा तालिबान के विरोध में प्रदर्शन हो रहे थे तो उस समय Tolo News का कैमरामैन अपने कैमरे से उसे कवर कर रहा था
इससे पहले तालिबान ने अफगानिस्तान के पंजशीर प्रांत पर कब्जे का दावा किया था । गवर्नर हाउस पर झंडा लगाते एक वीडियो भी जारी किया गया था लेकिन 24 घंटे के अंदर तालिबान पर बड़े हमले की खबर है
सालेह ने 15 अगस्त को तालिबान के राजधानी के द्वार पर पहुंचने पर राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश से भाग जाने के बाद खुद को कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित किया था।
तालिबान राज में महिलाओं पर जुल्म कोई नई बात नहीं है, लेकिन इस बार महिलाओं ने तालिबान के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। राजधानी काबुल सहित कई शहरों से अबतक महिलाओं के प्रदर्शन की तस्वीरें सामने आ चुकी हैं।
'सामना' के संपादकीय में उनकी टिप्पणी का उल्लेख करते हुए कहा गया है, "भले ही जावेद अख्तर एक धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति हैं और कट्टरता के खिलाफ बोलते हैं, लेकिन उनका आरएसएस की तुलना तालिबान से करना पूरी तरह से गलत है।"
AFP ने जानकारी दी है कि Resistance Forces ने बयान जारी कर तालिबान से लड़ाई रोकने और पीछे हटने के लिए कहा है। कहा जा रहा है कि पंजशीर में हुई संघर्ष में Resistance Forces को भारी नुकसान हुआ है।
अफगानिस्तान में तालिबान आतंकवादियों ने एक प्रांतीय शहर में एक पुलिसकर्मी की गोली मारकर हत्या कर दी है।
तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने शनिवार को कहा कि तालिबान एक ऐसी सरकार बनाने के लिये संघर्ष कर रहा है जो समावेशी और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को स्वीकार्य हो। तालिबान ने 15 अगस्त को काबुल पर काबिज होने के बाद दूसरी बार, काबुल में नयी सरकार के गठन की घोषणा स्थगित की है। मुजाहिद ने कहा, ''नयी सरकार और कैबिनेट सदस्यों के बारे में घोषणा अब अगले सप्ताह की जाएगी।''
तालिबान ने अपनी सरकार के गठन को फिलहाल कुछ दिनों के लिए टाल दिया है। हालांकि यह तय हो गया है कि मुल्ला अब्दुल गनी बरादर अफगानिस्तान की सरकार का नेतृत्व करेंगे।
अफगानिस्तान की स्थिति और देश में बढ़ रहे मानवीय संकट से निपटने के लिए कोष बढ़ाने के संबंध में संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस 13 सितंबर को जेनेवा में मंत्रिस्तरीय बैठक करेंगे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पॉलिटिको ने संवेदनशील लेकिन गैर खुफिया संदेश तथा अन्य लिखित दस्तावेज प्राप्त किए हैं।
विदेश सचिव ने कहा, "उनके साथ (तालिबान) हमारी बातचीत बहुत सीमित रही है। ऐसा नहीं है कि हमारी कोई ठोस बातचीत हुई है। लेकिन अभी तक जो भी बातचीत हुई है उसमें कम से कम तालिबान यह संकेत देते दिखाई दिया है कि वे इससे निपटने में व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाएंगे।"
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