कुपोषण सबसे चिंताजनक है और सहायता संगठनों का कहना है कि आधी से अधिक आबादी खाद्यान्न संकट का सामना कर रही है।
विदेश मंत्री ने कहा, "हम सभी का अफ़ग़ानिस्तान के साथ गहरा संबंध है। हम सभी अफ़ग़ानिस्तान के लिए एक प्रतिनिधित्व करने वाली सरकार, आतंकवाद के ख़िलाफ लड़ाई और अफ़ग़ानिस्तान में महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों का संरक्षण चाहते हैं।"
इमरान खान ने कहा कि विकासशील देशों के धनी लोग अपने लोगों को गरीब बनाकर सारे संसाधन पश्चिमी देशों को दे रहे हैं।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि OIC की बैठक तालिबान शासन को आधिकारिक मान्यता नहीं देती।
बयान में कहा गया, प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि दुनिया अफगानिस्तान से कट जाने की गलती नहीं दोहराएगी।
करजई और अब्दुल्ला ने गनी के साथ बैठक की तथा उनके बीच इस बात पर सहमति बनी कि सत्ता साझेदारी समझौते पर बातचीत के लिए 15 अन्य की सूची के साथ अगले दिन वे दोहा रवाना होंगे।
ग्रिफिथ्स ने कहा कि नकदी प्रवाह के मुद्दे को वर्ष के अंत तक सुलझा लिया जाना चाहिए।
अफगानिस्तान अगले साल जनवरी में तीन एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों की सीरीज के लिये कतर की राजधानी दोहा में नीदरलैंड की मेजबानी करेगा। तीनों मैच का आयोजन एशियन टाउन क्रिकेट स्टेडियम दोहा, कतर में किया जाएगा।
विदेश कार्यालय के पूर्व कर्मचारी राफेल मार्शल मेल पर आने वाले संदेशों की निगरानी करने के कार्य से जुड़ा था।
तालिबान ने यह कदम संभवत: इसलिए उठाया है क्योंकि विकसित राष्ट्रों से मान्यता हासिल करने और सहायता बहाल करने के लिए इन मानदंडों को पूरा किया जाना जरूरी है।
महिला अधिकारों पर आमिर अल मोमीन की तरफ से जारी किए गए फरमान में सभी संबंधित संगठनों, उलेमा-ए-करम और जनजातीय बुजुर्गों से यह अपील की गई है कि वे जमीनी स्तर पर इस फरमान की तामील कराएं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि मदद पहुंचाने के तौर तरीकों पर बातचीत चल रही है।
भारतीय राजदूत ने कहा कि अफगानिस्तान का निकट पड़ोसी होने और वहां के लोगों का लंबे समय से दोस्त होने की वजह से अफगानिस्तान की वर्तमान स्थिति का सीधा असर भारत पर पड़ेगा।
अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होते ही महिलाओं और लड़कियों का भविष्य गहरे अंधकार में चला गया है। अभी तक तो यहां लड़कियों और महिलाओं के अधिकारों का ही मुद्दा उठाया जा रहा था, मगर अब यहां से हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है।
यह पूछे जाने पर कि क्या विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) ने मदद के लिये भारत से औपचारिक मदद मांगी है, उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएफपी और भारत सरकार के बीच अफगानिस्तान सहित मानवीय आधार पर खाद्य सहायता को समर्थन देने के लिये ‘सकारात्मक चर्चा’ जारी है। उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि यह (चर्चा) जल्द ही पूरी हो जाएगी।"
अफगानिस्तान के मौजूदा हालात बेहद खराब हैं, वहां के लोगों को आने वाले दिनों में अनाज की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है। अफगानिस्तान में भूखमरी की स्थिति पैदा न हो और खाने को लेकर वहां गृह युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न न हो इसलिए भारत सरकार मानवीय आधार पर अफगानिस्तान के लोगों की मदद के लिए तैयार है लेकिन पूरी दुनिया में आतंक फैलाने वाले पाकिस्तान को ये रास नहीं आ था।
तालिबान शासकों का कहना है कि उन्होंने अभी यह तय नहीं किया है कि वे अफगानिस्तान में फिल्मों को प्रदर्शित करने की अनुमति देंगे या नहीं।
पाकिस्तान पड़ोसी देश अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा करने के लिए इस्लामाबाद में अमेरिका, चीन और रूस के वरिष्ठ राजनयिकों की मेजबानी कर रहा है।
बैठक में अधिकारियों ने इस बात पर भी जोर दिया कि किसी द्विपक्षीय एजेंडे के चलते किसी को भी वार्ता प्रक्रिया का बहिष्कार नहीं करना चाहिए।
भारत, रूस, ईरान और पांच मध्य एशियाई देशों के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने बुधवार को तालिबान नियंत्रित अफगानिस्तान से आतंकवादी गतिविधियों के संभावित प्रसार पर चिंता जताई और इस चुनौती से निपटने के लिए सामूहिक दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया। अफगानिस्तान को लेकर भारत की मेजबानी में चल रही दिल्ली क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता में अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा कि उस देश में हालिया घटनाओं का न केवल अफगान लोगों पर बल्कि क्षेत्र पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है।
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