अफगानिस्तान के मौजूदा हालात के लिए भले ही तालिबान ज़िम्मेदार है लेकिन उसे इस स्थिति में पहुंचाने में तालिबान और पाकिस्तान आर्मी की सोची-समझी साजिश का एक बड़ा योगदान रहा है। देखिए इंडिया टीवी की ख़ास रिपोर्ट।
जहां एक ओर अफ़ग़ानिस्तान तालिबान की मार झेल रहा है, वहीं अब ये खुलासा हुआ है कि हक़्क़ानी नेटवर्क के माध्यम से पाकिस्तान अफगानिस्तान की सत्ता में दखल दे रहा है। इसी मुद्दे पर देखिए बड़ी बहस कुरुक्षेत्र में सौरव शर्मा के साथ।
अफगानिस्तान में पाकिस्तान की एक और बड़ी साजिश का पर्दाफाश हुआ है। पाकिस्तान हक़्क़ानी नेटवर्क के ज़रिये अफगानिस्तान के मामलों में दखल दे रहा है और उसके आतंकी तालिबान के साथ चल रहे हैं।
जहां एक ओर अफ़ग़ानिस्तान तालिबान की मार झेल रहा है, वहीं अब ये खुलासा कि हक़्क़ानी नेटवर्क के माध्यम से पाकिस्तान अफगानिस्तान की सत्ता में दखल दे रहा है।
अफगानिस्तान के नेशनल टीम के फुटबॉलर जाकी अनवारी की अमेरिकी विमान से गिरने से मौत हो गई है। गुरुवार को एरियाना न्यूज एजेंसी ने इसकी जानकारी दी है। जाकी अनवारी उस भीड़ का हिस्सा थे जो सोमवार को हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर पहुंची थी। उस दौरान जाकी अनवारी समेत कुछ अफगानी लोग अमेरिकी विमान बोइंग सी-17 से गिरे थे।
अफगानिस्तान से भारतीयों के लिए मिशन एयरलिफ्ट जारी.290 लोगों को एयरफोर्स का ग्लोबमास्टर विमान आज हिंडन एयरबेस पर पहुंचेगा, भारतीयों के साथ 70 अफगान नागरिक भी पहुचेंगे.
जहां एक ओर पूरी दुनिया अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान के अत्याचार की ख़बरें देख रही हैं, वहीं भारत के कुछ लोगों ने तालिबान का समर्थन किया। इनमें सज्जाद नोमानी, शफीकुर्रहमान बर्क और कवि मुनव्वर राना जैसे लोग शामिल रहे।
पूरा विश्व अफगानिस्तान पर चल रहे अत्याचार को देख रहा है। इंडिया टीवी से ख़ास बातचीत करते हुए अफगान की चार बेटियों ने अपना दर्द बयां किया। देखिए कुरुक्षेत्र सौरव शर्मा के साथ।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। तालिबान पर भारत का क्या रुख रहेगा इसको लेकर एस जयशंकर ने अपने संबोधन में कहा कि भारत हमेशा से आतंकवाद का शिकार रहा है। हमने आतंकवाद को झेला है, किसी भी रूप में आतंकवाद बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। कुछ देश आतंकवादियों का समर्थन कर रहे हैं उन्हें रोकना होगा। अफगानिस्तान में तालिबान का आना दुनिया के लिए अच्छी खबर नहीं है।
जहां एक ओर पूरी दुनिया अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान के अत्याचार की ख़बरें देख रही हैं, वहीं भारत के कुछ लोगों ने तालिबान का समर्थन किया है। इसी मुद्दे पर देखिये बड़ी बहस मुक़ाबला में अजय कुमार के साथ।
काबुल पर तालिबान के नियंत्रण के साथ ही विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को कहा कि भारत अफगानिस्तान में बदलते घटनाक्रम पर ‘‘काफी सावधानीपूर्वक’’ नजर रख रहा है और नई दिल्ली का ध्यान युद्धग्रस्त राष्ट्र से भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी पर है। जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शांति रक्षा पर खुली चर्चा की अध्यक्षता करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘वह (अफगानिस्तान की स्थिति) यहां मेरी वार्ताओं के केंद्र में है, संयुक्त राष्ट्र महासचिव और अन्य सहयोगियों के साथ ही अमेरिका के विदेश मंत्री से भी इस पर चर्चा कर रहा हूं।’’
इंडिया टीवी के साथ खास बातचीत के दौरान बोले जमात-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सैय्यद सदातुल्ला हुसैनी,देखिये तालिबान पर दिया बड़ा बयान
एक तरफ पूरी दुनिया अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी से वहां की महिलाओं और बच्चों पर होने वाले अत्याचारों को लेकर खौफ में है तो वहीं भारत में कई ऐसे लोग भी हैं जो खुलकर तालिबान का समर्थन कर रहे हैं। ऐसे ही एक शख्स हैं, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के सदस्य सज्जाद नोमानी, जिन्होंने तालिबान के समर्थन में बयान दिया है, उन्होंने कहा कि एक निहत्थी कौम ने दुनिया की मजबूत फौजों को शिकस्त दी, उन्होंने अफगानिस्तान पर कब्जे के लिए तालिबान मुबारकबाद भी दी।
समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे की तारीफ की है। क्या अगले साल होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव में तालिबान मुद्दा बनेगा? देखिए- डिबेट शो 'मुकाबला'।
क्या दूसरा साइगॉन बन चुका है काबुल? क्योंकि, काबुल से अमेरिकी सैनिकों द्वारा हेलिकॉप्टर के जरिए अपने लोगों को बाहर निकालने की जो तस्वीरें सामने आई हैं, वह ठीक वैसी ही हैं जैसी 1975 में साइगॉन से अमेरिका के बाहर निकलने के वक्त आई थीं।
काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद यूपी के संभल में विवादित बयान देने वाले सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क की मुश्किलें बढ़ गई हैं। शफीकुर्रहमान बर्क के खिलाफ संभल पुलिस ने FIR दर्ज की है। संभल पुलिस के एसपी ने बताया कि शफीकुर्रहमान द्वारा तालिबान और भारत के स्वतंत्रता सेनानियों की तुलना को लेकर शिकायत की गई थी।
दुनिया की नजर अफगानिस्तान पर बनी हुई है. तालिबान राज लौटते ही लोगों ने देश से भागना शुरू कर दिया है. इस समय काबुल एयरपोर्ट का हाल काफी बुरा है.
अफगानिस्तान पर पूरी तरह कब्जा करने के बाद तालिबान ने मंगलवार को पहली बार राजधानी काबुल से पूरी दुनिया को संबोधित किया है। तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करने का वादा किया है, लेकिन कहा है कि ऐसा इस्लामी कानून के मानदंडों के भीतर ही किया जाएगा। उन्होंने साथ ही वादा किया कि तालिबान लड़ाके अफगानिस्तान की कमान संभालने के बाद देश की रक्षा करेंगे।
अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के नियंत्रण के बाद वहां पैदा हुई स्थिति के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक की और वहां फंसे भारतीयों को सुरक्षित वापस लाने व भारत से मदद की उम्मीद कर रहे अफगान नागरिकों को हरसंभव मदद देने के साथ ही वहां के इच्छुक अल्पसंख्यक सिखों व हिंदुओं को शरण देने का अधिकारियों को निर्देश दिया।
पाकिस्तान भले ही दुनिया के सामने कह रहा हो कि उसका अफगानिस्तान में तालिबान से कोई लेना देना नहीं है लेकिन असल में पाकिस्तान ही तालिबान का सबसे बड़ा समर्थक है और खुद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि तालिबान ने अफगानिस्तान में गुलामी की जंजीरों को तोड़ दिया है।
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