अफगानिस्तान की राजधानी काबुल जेल से तालिबान द्वारा रिहा किए गए पाकिस्तानी जैश के आतंकवादी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के रावलकोट और पाकिस्तान के अन्य इलाकों में पहुंच चुके हैं।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपने ट्वीट में लिखा, अफगानिस्तान के घटनाक्रम को देखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने विदेश मंत्रालय को राजनीतिक दलों के फ्लोर लीडर्स को ब्रीफ करने का निर्देश दिया है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी आगे की जानकारी देंगे।
कतर में सुहैल शाहीन ने एक इंटरनेशनल चैनल को दिए इंटरव्यू में तलिबान प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने 31 अगस्त की डेडलाइन तय की थी और कहा था कि वह 31 अगस्त तक पूरी तरह से अफगानिस्तान छोड़ देगा, लेकिन अगर उन्होंने डेडलाइन को बढ़ाया तो इसका मतलब होगा कि अफगानिस्तान पर अपने कब्जे को बढ़ा रहे हैं।
अफगानिस्तान से भारत लौटे सिख सांसद खालसा ने कहा, 'मुझे रोना आ रहा है। सबकुछ बर्बाद हो गया। देश को छोड़ने का फैसला बहुत मुश्किल और दुखदायी है। सबकुछ छीन गया है। सबकुछ बर्बाद हो गया है।'
अफगानिस्तान में तालिबानी कब्जे के बाद उत्पन्न हुई स्थिति स्थिति को लेकर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने रविवार को कहा कि मानवीय संकट रोकने के लिए इंटरनेशनल कम्यूनिटी एक साथ काम करे। अफगान लोगों की 20 साल की मेहनत सुरक्षित करने में सभी सहयोग करें। लोगों के लिए सेफ इवैक्युएशन सुनिश्चित होना चाहिए।
हांगकांग के 'साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट' के एक लेख में कुछ पाकिस्तानी विश्लेषकों के हवाले से कहा गया है कि पाकिस्तान अक्सर कहता रहा है कि अफगानिस्तान में उसका कोई पसंदीदा सहयोगी नहीं है, लेकिन इसके बावजूद पाकिस्तानी सरकार तालिबान की वापसी से स्पष्ट रूप से सहज नजर आ रही है।
खामा प्रेस समाचार एजेंसी ने शनिवार को बताया कि विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों, निजी संस्थानों के मालिकों और तालिबान प्राधकारियों के बीच बैठक के बाद यह फैसला लिया गया। अफगानिस्तान में गत सप्ताह सत्ता पर अचानक कब्जा जमाने के बाद से यह तालिबान का पहला ‘फतवा’ है।
काबुल में भारतीयों के किडनैपिंग की खबर गलत है। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से स्थितियां लगातार खराब हो रही हैं। अफगानिस्तान में कई भारतीय भी फंसे हुए हैं। भारत काबुल से अपने लोगों को निकालने के अभियान में लगातार जुटा हुआ है।
चीन की चिंताओं का उल्लेख करते हुए वांग यी ने बुधवार को अपने पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी के साथ फोन पर बातचीत में अफगानिस्तान में मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए दोनों देशों के बीच सहयोग को मजबूत करने का आह्वान किया।
तालिबान ने वादा किया है कि वह सुरक्षा बहाल करेगा और 20 साल पहले अमेरिका के नेतृत्व में छिड़ी लड़ाई में उससे लड़ने वालों को वह माफ कर देगा। जुमे की नमाज से पहले तालिबान नेताओं ने इमामों से अपील की कि वे लोगों को एकता का उपदेश दें और देश नहीं छोड़कर जाने को कहें।
आतंकवाद पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद की मदद कर रहे देशों को रोकना होगा। अफगानिस्तान में तालिबान और हक्कानी नेटवर्क का साथ आना और भी खतरनाक हो सकता है। अफगानिस्तान में लश्कर और जैश भी सक्रिय है।
रक्षा ठेकेदारों के लिए बुधवार को जारी किए गए एक नोटिस में विदेश विभाग के राजनीतिक/सैन्य मामलों के ब्यूरो ने कहा कि अफगानिस्तान को लंबित या हस्तांतरण नहीं किए गए हथियारों को लेकर समीक्षा की गई।
अफगानिस्तान से भारतीयों की वापसी के लिए विदेश मंत्रालय के सेल में वरिष्ठ अधिकारियों की देखरेख और निर्देशों पर युवा अधिकारी काम कर रहे हैं। मंत्रालय ने 20 से ज्यादा अधिकारियों को इस काम पर लगाया हुआ है और 24 घंटे सेल में अफगानिस्तान के हालात पर नजर बनी हुई है।
अभिनेत्री से सांसद बनीं हेमा मालिनी ने 1975 की थ्रिलर फिल्म से अपनी और फिरोज खान की फोटो को साझा कर उस वक्त को याद किया है।
संजय दत्त इस फिल्म में ऐसे डॉक्टर बने थे जो अफगानिस्तान के मासूम बच्चों को सुसाइड बॉम्बर बनने से रोककर उन्हें क्रिकेट सिखाते हैं।
तालिबान विद्रोहियों ने काबुल में प्रवेश कर लिया है और राष्ट्रपति अशरफ गनी को अफगानिस्तान छोड़ने पर मजबूर कर दिया है, वहां के हालात काफी खराब हैं, खास तौर पर महिलाओं की स्थिति दूभर हो गई है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा, 'विश्व दुखी दिल से अफगानिस्तान में हो रही घटनाओं को देख रहा है और इसे लेकर अनिश्चितता है कि आगे क्या होगा। हम सबने अफरातफरी और अनिश्चितता की तस्वीरें देखी हैं।'
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ‘‘अफगानिस्तान में हालात पर उच्च स्तर पर लगातार नजर रखी जा रही है। सरकार भारतीय नागरिकों और अफगानिस्तान में हमारे हितों की रक्षा और सुरक्षा के लिए सभी संभव कदम उठाएगी।’’
मसूद ने कहा, ''जुलाई में मैंने आखिरी बार अपने छोटे भाई और परिवार से बात की थी। मई के बाद से, मैं उन्हें अफगानिस्तान छोड़कर भारत या किसी अन्य देश में जाने के लिए कह रहा हूं। मुझे अब उनके ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है।''
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