संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व दूत निक्की हेली ने कहा कि अफगानिस्तान से अचानक सेना को वापस बुलाने के फैसले के बाद राष्ट्रपति जो बाइडन अमेरिका के सहयोगियों का विश्वास और भरोसा खो चुके हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका के सामने कई चुनौतियां हैं।
अफगानिस्तान में पाकिस्तान के राजदूत मंसूर अहमद खान ने पुष्टि की है कि पीआईए के विमान ने डब्ल्यूएचओ की चिकित्सकीय सामग्री की खेप की आपूर्ति की है। खान ने एक ट्वीट में कहा, 'डब्ल्यूएचओे की चिकित्सकीय सामग्री की खेप लेकर पीआईए का पहला मालवाहक विमान सोमवार को इस्लामाबाद से मजार-ए-शरीफ गया।'
बता दें कि, पिछले दिनों PoK के रास्ते आतंकियों ने घुसपैठ की कोशिश की थी, तकरीबन दो दर्जन आतंकियों ने घुसपैठ की कोशिश की थी। आतंकियों ने कश्मीर और पुंछ के रास्ते घुसपैठ की कोशिश की थी। हालांकि, सुरक्षाबलों ने आतंकियों की घुसपैठ की कोशिश को नाकाम किया था।
एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक, एक अफगान पुलिस प्रमुख ने कहा है कि काबुल हवाई अड्डे के उत्तर-पश्चिम में आज एक रॉकेट हमले में एक बच्चे की मौत हो गई। तालिबान ने कहा कि अमेरिकी एयर स्ट्राइक में सुसाइड बॉम्बर की गाड़ी तबाह हो गई, तालिबान ने कहा कि सुसाइड बॉम्बर का टारगेट काबुल एयरपोर्ट था।
रशियन मीडिया के मुताबिक, काबुल रॉकेट हमले में 2 लोगों की मौत हो गई है जबकि 3 लोग घायल हो गए हैं। धमाके के बाद लोग छतों पर भगाते हुए दिखाई दे रहे हैं। बम ब्लास्ट के बाद आसपास के इलाकों में अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर भारत विभाजन का भी उल्लेख किया और उसे एक विभीषिका बताते हुए उसकी तुलना जलियांवाला बाग हत्याकांड से की। उन्होंने कहा, ‘‘पंजाब के परिश्रमी और जिंदादिल लोग भी विभाजन के बहुत बड़े भुक्तभोगी रहे। विभाजन के समय जो कुछ हुआ, उसकी पीड़ा आज भी हिंदुस्तान के हर कोने में और विशेषकर पंजाब के परिवारों में हम अनुभव करते हैं।’’
एक तरफ तालिबानी नेता अफगानिस्तान में शांति की बात कर रहे हैं तो वहीं उनके लड़ाके जगह-जगह आतंक फैलाने का काम कर रहे हैं। अफगानिस्तान में तालिबान ने काबुल में अपने आतंकियों की संख्या बढ़ा दी है। तालिबान ने ये फैसला अफगानिस्तान के नांगरहार में ISIS के खुरासान ग्रुप के ठिकाने पर अमेरिका के हमले के बाद लिया है।
तालिबान के प्रवक्ता जुबिउल्लाह मुजाहिद ने यह भी कहा कि समूह जिसके हाथ में अब अफगानिस्तान की बागडोर है वह भारत को क्षेत्र में एक अहम हिस्सा मानता है। पाकिस्तान के एआरवाई समाचार चैनल ने बुधवार को मुजाहिद के हवाले से कहा, ‘‘हम क्षेत्र के एक अहम हिस्से भारत समेत सभी देशों के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में कल हुए आतंकी घटना पर अभी हम कुछ नहीं बोल सकते हैं। हमें अभी नहीं पता यह हमला कैसे हुआ है। हमें लगता है कि इस्लामिक स्टेट ने हमले कि ज़िम्मेदारी ली है। अभी हम देख रहे हैं कि वहां पर क्या परिस्थिति बन रही है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने यहां मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा कि काबुल स्थित चीनी दूतावास ने बताया है कि आत्मघाती हमलों में कोई चीनी हताहत नहीं हुआ। झाओ ने कहा, “चीन काबुल हवाई अड्डे के पास हुए विस्फोटों से स्तब्ध है, जिसमें बड़े पैमाने पर लोग हताहत हुए हैं। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं।''
अमेरिका के एक अधिकारी का कहना है कि “निश्चित तौर पर माना जा रहा है कि” काबुल हवाई अड्डे के पास हुए बम विस्फोट के पीछे इस्लामिक स्टेट आतंकी समूह का हाथ है। अधिकारी ने कहा कि दो आत्मघाती हमलावरों और बंदूकधरियों द्वारा बृहस्पतिवार को किये गए हमले में अमेरिका के सैनिक घायल हुए हैं।
अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल के रिपोर्टर के मुताबिक, काबुल एयरपोर्ट सीरियल फिदायीन ब्लास्ट में 60 से ज्यादा अफगान नागरिकों की मौत हुई है। धमाके में 4 अमेरिकी मरीन कमांडो की भी मौत हो गई है। वहीं फॉक्स न्यूज ने दावा किया है कि काबुल एयरपोर्ट बम धमाकों में 10 अमेरिकी मरीन कमांडो की मौत हुई है।
काबुल एयरपोर्ट पर और भी हमला हो सकता है। काबुल एयरपोर्ट पर रॉकेट से हमला हो सकता है। काबुल एयरपोर्ट पर धमाके के बाद से अफरातरफी का माहौल है। काबुल से आईं तस्वीरों में लोगों को लहूलुहान और जान बचाकर भागते हुए देखा जा सकता है।
काबुल एयरपोर्ट के Abbey गेट पर धमाका होने की खबर है। बताया जा रहा है कि कुल 2 हमलावर थे। एक ने खुद को बम से उड़ा लिया दूसरे ने फायरिंग की। इस ब्लास्ट में तीन अमेरिकी सैनिकों के जख्मी होने की खबर है।
क्या आप अफगान वापस जाएंगी? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "हालात के मुताबिक तय किया जाएगा, हमारी नजर से सुकून यह नहीं कि लड़ाई-झगड़ा न हो, बल्कि मेरी नजर में सुकून वो है, जिसमें लड़कियां पढ़ाई लिखाई करें, काम करें। वहीं उन्हें डर न हो कि कहीं बाहर निकलूं तो कुछ हो जाएगा। हमारा हक मिलना ही हमारे लिए सुकून है।"
संयुक्त बयान में यह संकेत दिया गया है कि अमेरिकी नेतृत्व वाले नाटो सैनिकों को 31 अगस्त तक अफगानिस्तान से निकालने की समय सीमा टूट सकती है। जॉनसन ने कहा कि जी-7 के सदस्यों की शर्त है कि तालिबान को यह गारंटी देनी होगी कि जो लोग समय सीमा के बाद देश से निकलना चाहते हैं उन्हें सुरक्षित निकासी दी जाए।
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के एक अधिकारी ने कहा कि सोमवार और मंगलवार को अफगानिस्तान से पहुंचे 81 लोगों को दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के छावला में आईटीबीपी के पृथकवास केन्द्र में भेजा गया है।
मंत्रालय ने कहा कि केंद्र आपात स्थिति में अफगानिस्तान से लोगों को भारत ला रहा है और संकट की स्थिति को देखते हुए, उसने पहले ही उन लोगों को अनिवार्य आरटी-पीसीटीआर जांच (वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए अनिवार्य) से छूट दी है, जिन्हें युद्धग्रस्त देश से निकाला जा रहा है।
एक अमेरिकी अधिकारी के अनुसार, अमेरिका की केन्द्रीय खुफिया एजेंसी (सीआईए) के निदेशक विलियम बर्न्स ने तालिबान के नेता अब्दुल गनी बरादर के साथ काबुल में सोमवार को गुप्त बैठक की। ‘वाशिंगटन पोस्ट’ ने सबसे पहले बर्न्स की बरादर के साथ बैठक की सूचना दी। एक अमेरिकी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर खबर की पुष्टि की।
अफगानिस्तान की स्थिति पर यूएनएचआरसी के एक विशेष सत्र को संबोधित करते हुए भारतीय राजदूत इंद्र मणि पांडेय ने कहा कि देश (अफगानिस्तान) में एक "गंभीर" मानवीय संकट उभर कर सामने आ रहा है और हर कोई अफगान लोगों के मौलिक अधिकारों के बढ़ते उल्लंघन को लेकर चिंतित है।
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