बिहार में पिछले दिनों कहर बरपा चुके AES या चमकी बुखार पर सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुप्पी तोड़ते हुए विधानसभा में अपनी सरकार की बात रखी।
जीतन राम मांझी ने एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से बड़ी संख्या में बच्चों की मौत के लिए राज्य सरकार को दोषी ठहराते हुए बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डये को बर्खास्त करें या स्वयं इस्तीफा दें।
वैशाली जिले के हरीवंशपुर में 39 लोगों के खिलाफ सिर्फ इसलिए FIR दर्ज कर दी गई क्योंकि उन्होंने पानी की किल्लत और एक्यूट इंसेफेलिटाइिस सिंड्रोम की वजह से बच्चों की मौत को लेकर प्रदर्शन किया था।
बिहार के कुछ जिलों में चमकी बुखार यानि AES से लगातार हो रही मौतों के मामले में केंद्र और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री परेशानियों में घिरते दिखाई दे रहे हैं।
बिहार में महामारी का रूप ले रहे चमकी बुखार पर आज सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है। सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में केंद्र और यूपी एवं बिहार की सरकारों को नोटिस भी भेजा है।
बिहार इस समय चमकी बुकार से पीडि़त है। राज्य में इस भीषण बीमारी से सवा सौ से अधिक बच्चों को जान गंवानी पड़ी है। लेकिन इस गमगीन माहौल में भी नेता अपनी राजनीति चमकाने से बाज नहीं आ रहे हैं।
कुशवाहा ने पटना स्थित रालोसपा के प्रदेश मुख्यालय में रविवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए मुजफ्फरपुर में बड़ी संख्या में बच्चों की मौत के लिए नीतीश को जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि बच्चों की मौत के बावजूद राज्य सरकार ने इसे रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। पूरी स्वास्थ्य सेवाओं को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है।
बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। रविवार सुबह तक मिली जानकारी के मुताबिक, मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर 129 हो गई है।
बिहार के मुजफ्फरपुर में श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (SKMCH) के पिछे मानव कंकाल के अवशेष मिलने से हड़कंप मच गया है। इस मामले के बाद अस्पताल प्रशासन एक बार फिर से सवालों के घेरे में आ गया है।
मुजफ्फरपुर में एईएस के कारण बच्चे मर रहे हैं। पिछले 20 दिनों में अबतक 118 बच्चों की मौत हो चुकी है।
बिहार में चमकी बुखार से हो रही मौतों के सवाल पर भड़के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार | इसके साथ ही उन्होंने मीडिया पर मर्यादा लांघने का भी आरोप लगाया |
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