पत्नी अगर पति को सार्वजनिक तौर पर व्याभिचारी का झूठा आरोप लगाकर प्रताड़ित करती है तो यह कठोर क्रूरता माना जाएगा और यह व्यवहार तलाक का आधार भी बन सकता है।
ईरान की एक अदालत ने महिलाओं के जिम में बतौर ट्रेनर काम करने वाली एक महिला को उसके पति की शिकायत पर गैर पुरुषों के साथ संबंध के आरोप में मौत की सजा सुनाई है।
उच्चतम न्यायालय के गुरूवार को आए फैसले पर कुछ विशेषज्ञों ने आगाह करते हुए इसे ‘‘महिला-विरोधी’’ बताया और चेतावनी दी कि यह ‘‘अवैध संबंधों’’ के लिए लोगों को लाइसेंस प्रदान करेगा।
आईपीसी की धारा 497 के तहत अगर शादीशुदा पुरुष किसी अन्य शादीशुदा महिला के साथ संबंध बनाता है तो यह अपराध है लेकिन इसमें शादीशुदा महिला के खिलाफ कोई अपराध नहीं बनता है।
इस कानून के तहत अगर आरोपी पुरुष पर आरोप साबित होते है तो उसे अधिकत्तम पांच साल की सजा हो सकती है।
अवैध संबंध अपराध नहीं हो सकता, पत्नी का मालिक पति नहीं: सुप्रीम कोर्ट
अवैध संबंधों पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि पति पत्नी का मालिक नहीं है। कोर्ट ने कहा कि महिला के सम्मान के खिलाफ आचरण गलत है। महिला को पुरुष की तरह सोचने के लिए नहीं कहा जा सकता।
बीते बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने व्याभिचार पर फैसला लेते हुए कहा कि, महिलाओं को लिए इसे अपराध नहीं बनाया जा सकता। प्रमुख न्यायधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि वह इस बात पर विचार करेगी कि एडल्ट्री को अपराध बनाए रखना चाहिए या नहीं।
कानून के मुताबिक, दूसरे व्यक्ति की पत्नी के साथ विवाहेतर यौन संबंध बनाने पर सिर्फ पुरुष के लिए सजा का प्रावधान है, लेकिन महिलाओं को ऐसे अपराध में दंड से मुक्त रखा गया है। सरकार ने शीर्ष अदालत में दायर एक हलफनामे में कहा कि धारा 497 में विवाह संस्था का समर्थन करते हुए उसे सुरक्षा प्रदान किया गया है।
देश के सार्वजनिक खाद्य सुरक्षा लैबोरेट्रीज में जांच किए गए खाद्य पदार्थों के हर पांच में से एक नमूने में मिलावट और गलत मार्का (मिसब्रांडेड) पाया गया है।
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