एडीआर ने कहा कि चुनाव जीतकर आए भाजपा के 116 उम्मीदवारों में से (39 प्रतिशत) के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसके बाद कांग्रेस के 29 (57 प्रतिशत), जदयू के 13 (81 प्रतिशत), द्रमुक के 10 (43 प्रतिशत) और तृणमूल कांग्रेस के नौ (41 प्रतिशत) का नंबर आता है।
ADR रिपोर्ट में कहा गया है कि 78 (11 फीसदी) महिला उम्मीदवारों ने बताया है कि उनके खिलाफ दुष्कर्म, हत्या, हत्या के प्रयास, महिलाओं के प्रति अपराध जैसे जघन्य अपराधों में मामला दर्ज है।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रमुख पार्टियों में भाजपा के 43 में से 18 उम्मीदवारों ने, कांग्रेस के 45 में से 14 ने, बसपा के 39 में से छह ने और आम आदमी पार्टी के 14 में से तीन उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में उत्तर प्रदेश की आठ सीटों पर पर्चा दाखिल करने वाले 23 प्रतिशत उम्मीदवार आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं। वहीं, मथुरा से भाजपा प्रत्याशी अभिनेत्री हेमा मालिनी सबसे अमीर प्रत्याशी हैं।
लोकसभा चुनावों के प्रथम चरण में 27 फीसदी कांग्रेस उम्मीदवारों और 19 फीसदी भाजपा उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
अप्रैल-मई में मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए प्रदेश के 61.91 प्रतिशत मतदाताओं ने भ्रष्टाचार, आतंकवाद और कृषि संबंधित मुद्दों को तवज्जो न देते हुए अच्छे रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने को सबसे बड़ा मुद्दा बताया है।
एडीआर ने कहा कि नागालैंड के दो सांसदों की उपस्थिति सबसे कम रही। वे 312 बैठकों में से औसतन 88 में ही उपस्थित रहे।
राज्य की विधानसभा में 230 सदस्य है। इनमें कांग्रेस के 114, भाजपा के 109, बसपा के दो, सपा का एक और निर्दलीय चार सदस्य है। सपा, बसपा और निर्दलीय उम्मीदवार 50 फीसदी से कम वोट पाकर जीते हैं।
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को पिछले वित्त वर्ष में अन्य राष्ट्रीय पार्टियों के मुकाबले 12 गुना ज्यादा यानि 437 करोड़ रूपये से अधिक राजनीतिक चंदा मिला।
छत्तीसगढ़ के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कैबिनेट के सभी 12 मंत्री और राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता वाली राजस्थान मंत्रिपरिषद के सभी 25 मंत्री करोड़पति हैं।
BJP ने वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान 1027.34 करोड़ रुपये की कुल आय घोषित की है, जबकि कांग्रेस ने अभी अपनी ऑडिट रिपोर्ट जमा नहीं की है।
छत्तीसगढ़ इलेक्शन वाच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने छत्तीसगढ़ में 90 नवनिर्वाचित विधायकों के शपथपत्रों का विश्लेषण किया है। रिपोर्ट के अनुसार राज्य में इस साल हुए चुनाव में 68 ऐसे विधायक चुने गए हैं जो करोड़पति हैं।
पांच सालों में मिजोरम में करोड़पति विधायकों की संख्या में 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। मिजोरम में प्रति व्यक्ति आय 95,317 रुपये है। साल 2013 में 40 विधायकों में से 30 विधायक करोड़पति थे।
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एडीआर के विश्लेषण में यह बात सामने आई है कि बिजनस या कृषि में लगे विधायकों की औसत आय 57.81 लाख रुपये है। रियल एस्टेट बिजनस में लगे या अभिनय और फिल्म बनाने वाले विधायकों की सालाना आय क्रमश: 39 लाख रुपये और 28 लाख रुपये है।
इस रिपोर्ट को तैयार करने में ADR ने कुल 4086 में से 3145 विधायकों की ओर से शपथ पत्र में दाखिल की गई जानकारी को आधार बनाया है
मौजूदा 4,867 सांसदों और विधायकों द्वारा दाखिल हलफनामों के एक विश्लेषण से यह खुलासा हुआ है।
वित्त वर्ष 2016-17 में देश के 7 राष्ट्रीय दलों को अज्ञात स्रोतों से 710.80 करोड़ रुपए का चंदा मिला है। वहीं इस दौरान पार्टियों द्वारा घोषित चंदा (20,000 रुपए से अधिक राशि में) 589.38 करोड़ रुपए रहा।
चुनावों में खर्च, उम्मीदवारों की कमाई और राजनीतिक दलों के कमाई को लेकर आंकड़े जारी करने वाली निजी संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने मंगलवार को देश के क्षेत्रीय दलों की कमाई के आंकड़े जारी किए हैं जिनके मुताबिक अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी सभी क्षेत्रीय दलों में सबसे ज्यादा कमाई वाली पार्टी है, ADR ने इन आंकड़ों को राजनीतिक दलों के द्वारा चुनाव आयोग में भेजी गई वित्त वर्ष 2016-17 की ऑडिट रिपोर्ट से लिया है
देश के 58 सांसदों और विधायकों ने घोषित किया है कि उनके खिलाफ नफरत फैलाने वाले भाषण देने के मामले दर्ज हैं। इनमें भाजपा नेताओं की संख्या सर्वाधिक है।
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