आदित्य एल1 भारत का पहला सूर्य मिशन है। इस मिशन के पीछे इसरो के कई उद्देश्य हैं। जिस तरह पृथ्वी पर भूकंप आते हैं उसी तरह सौर भूकंप भी होते हैं जिन्हें कोरोनल मास इजेक्शन कहा जाता है। सौर कंपन का अध्ययन करने के लिए सूर्य की निगरानी जरूरी है।
Solar Eclipse April 8 2024 | Aditya L1 सूर्य ग्रहण नहीं देख पाएगा। जी हां सूर्य के रहस्यों को ढूंढने निकले Aditya L1 को सूर्य ग्रहण नहीं दिखेगा। चलिए आपको बताते हैं क्या है इसके पीछे की वजह और क्या है कनेक्शन।
सोमवार को दुर्लभ सूर्य ग्रहण लगने वाला है, लेकिन यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। आप इसे नासा की लाइवस्ट्रीम लिंक पर क्लिक कर देख सकते हैं। भारत का स्पेसक्राफ्ट आदित्य एलवन इसे नहीं देख पाएगा। जानिए क्या है वजह?
इसरो चीफ एस सोमनाथ ने बताया कि फ़िलहाल दवाएं चल रही हैं। सर्जरी के कुछ दिनों बाद सब ठीक हो गया। उन्होंने कहा हालांकि इस जंग को अभी और लड़ना है लेकिन मुझे भरोसा है कि मैं यह जंग जीत लूंगा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) इतिहास रच दिया है। सूर्य मिशन पर भेजा गया आदित्य एल1 आज अपनी मंजिल एल1 पॉइंट पर पहुंच गया है। यहां अब यह लगभग 5 साल तक रहेगा।
भारत का सोलर मिशन आदित्य एल1 आज शाम 4 बजे लग्रेंज पॉइंट वन पर स्थापित हो जाएगा जहां से अगले 5 सालों तक वह सूर्य और सौरमंडल की स्टडी करेगा।
आदित्य एल-1 को आज इसरो बर्न देगा यानी आज आदित्य एल-1 के किसी एक इंजन को शुरू करेगा। ऐसे में हमने Aditya L1 मिशन से जुड़ी जानकारी के लिए एस्ट्रोफिजिसिस्ट आरसी कपूर से बात की।
आदित्य एल-1 5 से 7 जनवरी तक सूर्य के लैंग्रेज प्वाइंट तक पहुंच जाएगा। ऐसे में इंडिया टीवी ने आदित्य एल-1 के बारे में व प्वाइंट के बारे में प्रोफेसर वागिश मिश्रा से समझने की कोशिश की।
ISRO इस महीने एक और इतिहास रचने वाली है। इसरो के चीफ एस सोमनाथ ने बताया कि आदित्य L1 जल्द ही लैगरेंज प्वाइंट (L1) पर पहुंच जाएगा। यह भारत का पहला सोलर ऑब्जर्बेटरी मिशन है, जिसमें सूर्य के वातावरण का अध्ययन किया जाएगा।
Aditya L1: इसरो का आदित्य एल-1 जनवरी के पहले हफ्ते में ही एल-1 प्वाइंट पर पहुंच जाएगा। यह जानकारी इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने दी है।
Yearender 2023: साल 2023 भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के लिए किसी स्वर्णिम वर्ष से कम नहीं रहा। इस साल ISRO ने वह कर दिखाया, जिसका पूरी दुनिया को इंतजार था। इस साल ISRO ने कई ऐसे कदम बढ़ाये, जिनके बार में America की Space Agency NASA केवल सोच ही रही थी।
इस साल ISRO ने भारतीय स्पेस के इतिहास में कई स्वर्णिम कारनामे दर्ज किए हैं। कई महत्वपूर्ण अभियान के साथ-साथ भारतीय स्पेस एजेंसी ने अन्य देशों की सैटेलाइट्स को स्पेस में पहुंचाया। यह साल इसरो के लिए बेहद ही यादगार रहा।
आदित्य एल-1 ने अपने टेलीस्कोप से सूरज की रंग बिरंगी तस्वीरें कैद की है। इन तस्वीरों को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने जारी किया है।
ISRO ने कहा कि आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट (ASPEX) में 2 अत्याधुनिक उपकरण सोलर विंड आयन स्पेक्ट्रोमीटर (SWIS) और सुप्राथर्मल एंड एनर्जेटिक पार्टिकल स्पेक्ट्रोमीटर (STEPS) शामिल हैं।
आदित्य एल-1 मिशन के दौरान इस यान के पोलोड HEL1OS ने सोलर फ्लेयर्स की पहली हाई-एनर्जी एक्स-रे झलक कैद की है। इस मिशन की यह एक अहम उपलब्धि मानी जा रही है।
इसरो प्रमुख ने भारत के स्पेस मिशन को लेकर कई जानकारियां दीं। उन्होंने बताया कि चंद्रयान मिशन की सफलता के बाद आदित्य एल वन और अब शुक्र के साथ ही मंगल ग्रह से जानकारिया प्राप्त करने की है। जानिए क्या बताया एस सोमनाथ ने-
2 सितंबर को इसरो के पीएसएलवी-सी57 ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) के दूसरे लॉन्च पैड से आदित्य-एल1 स्पेसक्राफ्ट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था। यह लगभग 127 दिनों के बाद आदित्य-एल1 के एल1 बिंदु पर पहुंचने की उम्मीद है।
भारत का आदित्य एल-1 अंतरिक्ष यान धीरे-धीरे सूर्य के एल-1 कक्षा के करीब पहुंचने के लिए आगे बढ़ रहा है। मगर इस बीच अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने सौर तूफान की सूचना देकर आदित्य एल-1 को नुकसान पहुंचने और मिशन के अधर में पहुंचने की सूचना देकर इसरो को चिंता में डाल दिया है।
ISRO की ओर से समय-समय पर भारत के पहले सूर्य मिशन आदित्य एल-1 को लेकर अपडेट जारी किया जा रहा है। इसरो ने अब बताया है कि यान अब उस पथ पर पहुंच गया है, जहां से ये अपनी मंजिल तक पहुंच सकेगा।
सूर्य मिशन आदित्य एल1 ने अंतरिक्ष में सेल्फी ली है और चंद्रमा व धरती की फोटो खींची है जिसे इसरो ने शेयर किया है। बता दें कि आदित्य एल1 ने पृथ्वी के दो कक्षाओं के चक्कर लगा लिए हैं।
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