रायबरेली विधानसभा सीट कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है। यह परिवार है पांच बार के विधायक, दिवंगत अखिलेश सिंह और उनकी बेटी अदिति सिंह। इन दोनों का कांग्रेस और गांधी परिवार से बेहतर रिश्ता रहा है।
रायबरेली में भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस छोड़कर भगवा झंडा उठाने वाली विधायक अदिति सिंह को उम्मीदवार बनाया है।
अदिति सिंह आज BJP के लिए डोर टू डोर कैंपेन कर रही हैं। उन्होंने इंडिया TV से बातचीत की और प्रियंका गांधी को रायबरेली से चुनाव लड़ने की चुनौती दे डाली।
सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। यहां से कांग्रेस की बागी विधायक अदिति सिंह बीजेपी में शामिल हो गई हैं।
कांग्रेस की बागी विधायक अदिति सिंह ने आर्थिक अपराध शाखा के महानिदेशक को पत्र लिखकर कमला नेहरू एजुकेशनल सोसाइटी के संचालन में कथित अनियमितताओं की जांच की मांग की है।
उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद से ही रायबरेली की विधायक अदिति सिंह का झुकाव सरकार की तरफ हो गया है। कांग्रेस की कई बंदिशों का विरोध करते हुए विधायक अदिति सिंह ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ सरकार के पक्ष में बयान दिया।
यूपी विधानसभा अध्यक्ष ने रायबरेली से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह की विधान सभा से सदस्यता खत्म करने की कांग्रेस की याचिका खारिज कर दी है।
अदिति सिंह ने कांग्रेस पार्टी से यह भी सवाल किया था कि अगर बसें उपलब्ध थीं तो उत्तर प्रदेश के बजाय राजस्थान, पंजाब और महाराष्ट्र क्यों नहीं भेजीं। अदिति सिंह ने यह भी कहा कि जब उत्तर प्रदेश के बच्चे राजस्थान में फंसे हुए थे तब इन बसों का इस्तेमाल क्यों नहीं किया गया।
अदिति सिंह पहले भी कांग्रेस पार्टी में बगावती तेवर उठा चुकी हैं। पिछले साल तो उनको पार्टी से निकालने तक की मांग उठ गई थी।
कांग्रेस ने अनुशासनहीनता के आरोप में जारी नोटिस का जवाब नहीं देने वाली रायबरेली से अपनी विधायक अदिति सिंह की विधानसभा सदस्यता समाप्त करने संबंधी याचिका दाखिल की है।
अदिति सिंह का जन्म 15 नवंबर 1987 को हुआ है जबकि अंगत का जन्म 23 अक्तूबर 1990 को हुआ है, यानि अदिती से अंगत 3 वर्ष छोटे हैं
रिपोर्ट्स के मुताबिक, विवाह समारोह नई दिल्ली के एक रिसॉर्ट में 21 नवंबर को होगा। निमंत्रण कार्ड सीमित अतिथियों को दिए जा रहे हैं।
कांग्रेस ने पार्टी विधायक अदिति सिंह को 2 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश विधानसभा के विशेष सत्र में भाग लेने के लिए नोटिस जारी किया है। आपको बता दें कि कांग्रेस द्वारा इस सत्र का बहिष्कार किया गया था।
सपा के बागी नितिन अग्रवाल और बसपा के बागी अनिल सिंह ने भी अपनी पिछली सरकारों को कटघरे में खड़ा किया।
कैंसर पीड़ित अखिलेश सिंह ने लखनऊ के संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में अंतिम सांसें लीं। वह करीब 60 साल के थे।
कांग्रेस के गढ़ उत्तर प्रदेश के रायबरेली से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने धारा 370 के मुद्दे पर सरकार का समर्थन किया है।
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