ड्रग्स... कार्टेल... मेक्सिको... अमेरिका... लैटिन अमेरिका... यूरोप... अफ्रीका... अब तक आपको लगता था कि ये सब बहुत दूर की बातें हैं... हमें इन सबसे क्या लेना-देना?
ऑनलाइन गेमिंग का क्रेज पिछले कुछ महीने में तेजी से बढ़ा है। इसके स्कैम के मामले कई बार सामने आ चुके हैं। हालांकि अब ऑनलाइन गेमिंग के एडिक्शन का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने पूरे देश को ही चौंका दिया है। ऑनलाइन गेमिंग की लत ने एक छात्र को 96 लाख रुपये के कर्ज में डुबो दिया है।
क्या आप भी हर समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते रहते हैं? अगर हां, तो समय रहते योग-मेडिटेशन करना शुरू कर दीजिए वरना आपकी सेहत बुरी तरह से प्रभावित हो सकती है।
स्मार्टफोन आज के समय में हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। अगर हमारा फोन हमारे पास न हो तो हमारे कई जरूरी काम रुक सकते हैं। स्मार्टफोन की जरूरत इतनी ज्यादा बढ़ चुकी है कि लोग अब इसको लेकर एडिक्ट हो गए हैं। इस बीच दुनिया के कुछ ऐसे देशों की लिस्ट सामने आई है जहां के लोग सबसे ज्यादा स्मार्टफोन के एडिक्ट हैं।
Mobile Phone Addiction: हाल में आई एक रिसर्च में दावा किया गया है कि मोबाइल फोन की लत किसी नशे से कम नहीं है। इसका आने वाले दिनों में प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। हमें अपने मोबाइल फोन पर बिताए जाने वाले स्क्रीन टाइम को कम करना होगा।
आज कल के बच्चों को ऑनलाइन गेमिंग की लत लगती जा रही है। कई मामलों में इससे लोगों को काफी नुकसान भी उठाना पड़ा है। ऐसा ही एक मामला चीन से भी सामने आया है।
Imran Khan News: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गृहमंत्री अता तराड़ ने पूर्व पीएम इमरान खान पर काफी गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि इमरान खान शुरू से ही ड्रग लेने के आदी रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार जानती है कि इमरान के आलीशान बंगले बनीगाला तक ड्रग्स कौन पहुंचाता है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि लड़का स्कूल छोड़ चुका है और वह एक सप्ताह के बाद सोमवार को अपने घर लौटा था और उसकी मां को संदेह था कि वह नशीले पदार्थों का सेवन करता है और इससे नाराज होकर उसने उसे "दंडित" किया।
स्वामी रामदेव ने बताया कि दौड़ लगाने और गेम खेलने से शरीर में अच्छे हार्मोन्स पैदा होते हैं। अगर आप नशे की आदत छोड़ना चाहते हैं तो कबड्डी, कुश्ती और बैडमिंटन जैसे गेम खेल सकते हैं।
सर्वे में यह सामने आया है कि लॉकडाउन के दिनों में हाई स्क्रीन एक्सपोजर वाले 70.70 प्रतिशत छात्रों को व्यवहार संबंधी समस्याएं आई हैं।
बच्चों और वयस्कों में इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के लगातार उपयोग को रोकने के प्रायोगिक तरीके बताते हुए मनोचिकित्सकों ने आगाह किया है कि डिजिटल लत वास्तविक है और यह उतनी ही खतरनाक हो सकती है जितनी की नशे की लत।
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