सेबी ने न्यायालय में ताजा हलफनामा दायर किया है। इसमें अडाणी समूह के शेयर की कीमत में हेरफेर करने के आरोपों की जांच पूरी करने को लेकर छह महीने का समय देने के लिये अपना पक्ष रखा है।
Adani Group Hindenburg: आज अडानी ग्रुप और हिंडनबर्ग मामले पर सुप्रीम कोर्ट बड़ी सुनवाई करने जा रहा है। एक्सपर्ट का कहना है कि इसका असर कंपनी के शेयर पर देखने को मिल सकता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अडाणी समूह अपनी दो कंपनियों के शेयर बेचकर लगभग 21,000 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी कर रहा है।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने सेबी से कहा कि जांच पूरी करने के लिए 6 महीने के समय की मांग उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि हम 14 अगस्त के आस-पास सुनवाई करेंगे और 3 महीने के भीतर आप जांच पूरी कर लें।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में कई याचिकाएं दाखिल की गई थी। वहीं आज सेबी की जांच में अब तक क्या कुछ निकला इसका खुलासा भी होगा।
आपको बता दें कि आज सुप्रीम कोर्ट में अडानी-हिंडनबर्ग विवाद पर दायर याचिकाओं पर सुनवाई होगी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को अडानी समूह पर शेयरों की कीमत में हेरफेर के आरोपों की जांच करने का आदेश दिया था।
Adani Enterprises Share Market: अडानी ग्रुप ने शेयर बाजार को एक बेहद जरूरी सूचना दी है। ग्रुप की दो कंपनियों ने बाजार को दी जानकारी में हिस्सेदारी बेचकर पैसा जुटाने की बात कही है। ऐसा क्यों कहा गया है, आइए पूरा मामला जानते हैं।
Hindenburg Adani Group: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) अडानी समूह और मॉरीशस की दो फर्मों ग्रेट इंटरनेशनल टस्कर फंड और आयुष्मान लिमिटेड के बीच संबंधों का आकलन कर रहा है।
सौदे की पूरी राशि मिलने के बाद एपीएसईजेड खरीदार को इक्विटी का हस्तांतरण करेगी और इससे बाहर निकल जाएगी।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कुछ दिन पहले ही उच्चतम न्यायालय से यह अनुरोध किया है कि उसे अडाणी समूह के शेयरों को लेकर जारी जांच पूरी करने के लिए छह महीने का वक्त दिया जाए।
पूरे वित्त वर्ष 2022-23 में अडाणी विल्मर का शुद्ध लाभ 803.73 करोड़ रुपये से घटकर 582.12 करोड़ रुपये रह गया। हालांकि, वित्त वर्ष के दौरान कंपनी की आय बढ़कर 58,446.16 करोड़ रुपये हो गई।
एक साल पहले की अवधि की तुलना में 507 करोड़ रुपये की वृद्धि दर्ज की। कंपनी के इन नतीजों का असर आज शेयर बाजार में भी दिखाई पड़ सकता है।
हिंडनबर्ग रिसर्च की 24 जनवरी को आई एक रिपोर्ट में समूह के खातों में धोखाधड़ी और शेयर कीमतों में हेराफेरी के आरोप लगाए गए थे। इसके बाद समूह की कंपनियों के शेयर तेजी से गिरे।
दरअसल विवाद का केंद्र चांग का पासपोर्ट था। पासपोर्ट के कारण उन्हें चीनी नागरिक कहा जा रहा था और इस तरह अडाणी समूह को चीन से जोड़ा गया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि पवार और उनकी पार्टी सावरकर हो, ईवीएम हो या मोदी की डिग्री हो, उस पर अलग राय रख रही है।
बयान के मुताबिक अडाणी परिवार ने हिस्सेदारी बिक्री से मिली राशि का इस्तेमाल एजीईएल के शेयर खरीदने के लिए किया। इसके अलावा एजीईएल को शेयरहोल्डर ऋण और अन्य प्रतिभूतियों के जरिए समर्थन भी दिया गया।
फ्यूचर रिटेल के कर्जदाताओं ने एफआरएल की परिसंपत्तियों को समूहों में विभाजित करने के बाद नयी बोली आमंत्रित करने का फैसला किया है।
Adani Group Stocks: आज बाजार खुलते ही अडानी ग्रुप के कुछ शेयरों में उछाल होने की उम्मीद की जा रही है। इसके पीछे कल अडानी ग्रुप की एक कंपनी द्वारा विदेश में नए काम का शुरू किया जाना है। जब कोई कंपनी कोई नया प्रोजेक्ट शुरू करती है तो उससे उसके शेयर में बढ़त देखने को मिलती है।
कांग्रेस नेता अलका लांबा ने शरद पवार और गौतम अडानी की एक पुरानी तस्वीर साझा कर हमला बोला था। इस पर जब अजित पवार से सवाल किया गया तो उन्होंने अडानी का समर्थन करते हुए कहा कि किसी अंडरवर्ल्ड डॉन के साथ तस्वीर तो नहीं ली ना।
अडानी मामले पर शरद पवार ने जेपीसी को लेकर विपक्ष से अलग अपनी राय रखी थी। जिसपर अलका लंबा ने ट्वीट कर उन्हें "डरे और लालची लोग" बताया था।
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